
कई लोग छुट्टियों को याद रखने के लिए कलैंडर पर इन्हें अंकित कर देते हैं या फिर इनके लिये रिमाइंडर सेट कर देते हैं, ताकि वे अपनी छुट्टियों को अच्छे से प्लान कर पाएं। और हो भी क्यों ना! छुट्टियों पर जाना न सिर्फ मौज-मस्ती के लिहाज से बेहतर होता है, बल्कि मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। इसी लिये कई बार डॉक्टर खुद लोगों को वेकेशन पर जाने की सलाह देते हैं। इसलिये भले ही आप कितने भी व्यस्थ हों, थोड़े-थोड़े समय बाद छुट्टियों पर ज़रूर जाएं। तो चलिये जानते हैं कि बहुत व्यस्तता के बावजूद छुट्टियों पर जाना क्यूं है जरूरी होता है। 

वैकेशन प्लान करें, रिश्ते होंगे मजबूत
अगर आप चाहते हैं कि आपका रिलेशनशिप हमेशा हेल्दी बना रहे तो अपने पार्टनर को भी समय दें। इसके लिये साल में दो से तीन बार आप अपना हॉलिडे अपने पार्टनर के साथ स्पेंड करें ताकि आपकी रिलेशनशिप में ताज़गी आए और वो हमेशा जवां रहे। दरअसल, एक-दूसरे के साथ समय बिताने पर रोजमर्रा की ज़िदगी में आप दोनों के बीच जो भी मनमुटाव आते हैं, वे दूर हो जाते हैं।
टूटे दिल को जोड़े
लोग अकसर दिल टूट जाने पर डिप्रेशन में जाने लगते हैं या आपने ब्रेकअप हो जाने पर अब वह किसी पर भी भरोसा नहीं करेगें, ऐसा कहते सुना होगा। लेकिन कई समढदार लोग इन बातों को छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं तो कई बेचारे डिप्रेशन में चले जाते हैं, लेकिन इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि एक छोटे से वेकेशन प्लान की मदद से आप इस तरह के डिप्रेशन और दुख से बाहर आ सकते हैं और अपने दिल टूटने का गम भुला सकते हैं।

लम्बी उम्र
प्रोफेशनल जीवन ही नहीं निजी जीवन के लिए भी अवकाश एक औषधि की तरह होता है। कई शोधों में साबित हुआ है वे लोग जो सप्ताह में एक दिन पूरी तरह कामकाज से खुद को मुक्त रखते हैं और खुल कर शांत मन कर जीवन का आनंद लेते हैं, उनमें स्ट्रोक व हार्ट अटैक जैसी घातक समस्याओं का खतरा कम हो जाता है और वे लंबी आयु जीते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि छुट्टी खर्च हो चुकी ऊर्जा को लौटाती हैं और जब आप वापस रूटीन जिंदगी में लौटते हैं तो खुद को ऊर्जावान पाते हैं। 
सेहत व जॉब के लिये लाभदायक
एक चिकित्सकीय शोध से पता चला कि वे लोग जो अवकाश लेते हैं, उनमें हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक आदि का खतरा कम हो जाता है। अमरीका में हुए एक शोध के अनुसार वे लोग जो दो हफ्तों तक बिना छुट्टी लिए लगातार काम करते हैं उनमें तनाव, गुस्सा, थकान और चिड़चिड़ेपन जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं, परिमाण स्वरूप उनका काम भी प्रभावित होने लगता है। वहीं विशेषज्ञो के मुताबिक नियमित अवकाश लेते रहने से फैमिली सपोर्ट बढ़ता है, व ये लोग अधिक सक्रीय होते हैं व जीवन और खुद के पेशे से संतुष्ट होते हैं। 
फिटनेस
यात्रा के दौरान पहाड़ों या खूबसूरत नजारों का लुत्फ लेने के लिए लोग काफी पैदल घूमते हैं। पहाड़ों पर चढ़ते-उतरते हैं, समंदर किनारे लंबी वॉक पर जाते हैं। इससे अधिक कैलोरी बर्न होती हैं और मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं। साथ ही घूमने के लिए लोग नई चुनौतियों का सामना करते हैं जैसे कि नई जगह खोजना, नए लोगों से मिलना आदि, जिससे उनकी तर्क क्षमता भी बेहतर बनती है। डॉक्टरों का भी मानना है कि जिंदगी की भागदौड़ से ब्रेक लेकर घूमने से आप मानसिक तौर पर शांत और पुष्ट बनते हैं। घुमक्कड़ी से रोज की जिम्मेदारियों से हटकर खुद व परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलता है।
 कई लोग छुट्टियों को याद रखने के लिए कलैंडर पर इन्हें अंकित कर देते हैं या फिर इनके लिये रिमाइंडर सेट कर देते हैं, ताकि वे अपनी छुट्टियों को अच्छे 
 
 
से प्लान कर पाएं। और हो भी क्यों ना! छुट्टियों पर जाना न सिर्फ मौज-मस्ती के लिहाज से बेहतर होता है, बल्कि मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को भी 
 
 
बेहतर बनाता है। इसी लिये कई बार डॉक्टर खुद लोगों को वेकेशन पर जाने की सलाह देते हैं। इसलिये भले ही आप कितने भी व्यस्थ हों, थोड़े-थोड़े समय 
 
 
बाद छुट्टियों पर ज़रूर जाएं। तो चलिये जानते हैं कि बहुत व्यस्तता के बावजूद छुट्टियों पर जाना क्यूं है जरूरी होता है। 
 
 
 
वैकेशन प्लान करें, रिश्ते होंगे मजबूत
 
अगर आप चाहते हैं कि आपका रिलेशनशिप हमेशा हेल्दी बना रहे तो अपने पार्टनर को भी समय दें। इसके लिये साल में दो से तीन बार आप अपना 
 
 
हॉलिडे अपने पार्टनर के साथ स्पेंड करें ताकि आपकी रिलेशनशिप में ताज़गी आए और वो हमेशा जवां रहे। दरअसल, एक-दूसरे के साथ समय बिताने पर 
 
 
रोजमर्रा की ज़िदगी में आप दोनों के बीच जो भी मनमुटाव आते हैं, वे दूर हो जाते हैं।
 
 
 
टूटे दिल को जोड़े 
 
लोग अकसर दिल टूट जाने पर डिप्रेशन में जाने लगते हैं या आपने ब्रेकअप हो जाने पर अब वह किसी पर भी भरोसा नहीं करेगें, ऐसा कहते सुना होगा। 
 
 
लेकिन कई समढदार लोग इन बातों को छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं तो कई बेचारे डिप्रेशन में चले जाते हैं, लेकिन इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है 
 
 
क्योंकि एक छोटे से वेकेशन प्लान की मदद से आप इस तरह के डिप्रेशन और दुख से बाहर आ सकते हैं और अपने दिल टूटने का गम भुला सकते हैं। 
 
 
 
लम्बी उम्र 
 
प्रोफेशनल जीवन ही नहीं निजी जीवन के लिए भी अवकाश एक औषधि की तरह होता है। कई शोधों में साबित हुआ है वे लोग जो सप्ताह में एक दिन पूरी 
 
 
तरह कामकाज से खुद को मुक्त रखते हैं और खुल कर शांत मन कर जीवन का आनंद लेते हैं, उनमें स्ट्रोक व हार्ट अटैक जैसी घातक समस्याओं का खतरा 
 
 
कम हो जाता है और वे लंबी आयु जीते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि छुट्टी खर्च हो चुकी ऊर्जा को लौटाती हैं और जब आप वापस रूटीन जिंदगी में लौटते हैं तो 
 
 
खुद को ऊर्जावान पाते हैं। 
 
 
 
 
सेहत व जॉब के लिये लाभदायक 
 
एक चिकित्सकीय शोध से पता चला कि वे लोग जो अवकाश लेते हैं, उनमें हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक आदि का खतरा कम हो जाता है। अमरीका में हुए एक 
 
 
शोध के अनुसार वे लोग जो दो हफ्तों तक बिना छुट्टी लिए लगातार काम करते हैं उनमें तनाव, गुस्सा, थकान और चिड़चिड़ेपन जैसे लक्षण दिखाई देने 
 
 
लगते हैं, परिमाण स्वरूप उनका काम भी प्रभावित होने लगता है। वहीं विशेषज्ञो के मुताबिक नियमित अवकाश लेते रहने से फैमिली सपोर्ट बढ़ता है, व ये 
 
 
लोग अधिक सक्रीय होते हैं व जीवन और खुद के पेशे से संतुष्ट होते हैं। 
 
 
 
 
फिटनेस 
 
यात्रा के दौरान पहाड़ों या खूबसूरत नजारों का लुत्फ लेने के लिए लोग काफी पैदल घूमते हैं। पहाड़ों पर चढ़ते-उतरते हैं, समंदर किनारे लंबी वॉक पर जाते 
 
 
हैं। इससे अधिक कैलोरी बर्न होती हैं और मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं। साथ ही घूमने के लिए लोग नई चुनौतियों का सामना करते हैं जैसे कि नई 
 
 
जगह खोजना, नए लोगों से मिलना आदि, जिससे उनकी तर्क क्षमता भी बेहतर बनती है। डॉक्टरों का भी मानना है कि जिंदगी की भागदौड़ से ब्रेक लेकर 
 
 
घूमने से आप मानसिक तौर पर शांत और पुष्ट बनते हैं। घुमक्कड़ी से रोज की जिम्मेदारियों से हटकर खुद व परिवार के साथ समय बिताने का मौका 
 
 
मिलता है। 
 
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आशावान नहीं हैं, तब भी कैसे रहें खुश
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