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ओवेरियन कैंसर होने पर कैसे मां बनने का सपना पूरा करें? जानें डॉक्टर से फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन के तरीके

Fertility Preservation in Hindi: महिला को ओवेरियन कैंसर होने पर मां बनना काफी चुनौतीभरा हो सकता है, लेकिन फर्टिलिटी को सुरक्षित रखकर भविष्य में मां बना जा सकता है। जानें फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन के तरीके इस लेख में।
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ओवेरियन कैंसर होने पर कैसे मां बनने का सपना पूरा करें? जानें डॉक्टर से फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन के तरीके


Fertility Preservation in Hindi: अगर किसी महिला की ओवरी में कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी (Global Cancer Observatory) की साल 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ओवेरियन कैंसर तीसरे स्थान पर है। भारत में साल 2022 में ओवेरियन कैंसर के 47 हजार से ज्यादा मामले पाए हैं। ओवेरियन कैंसर के लगातार बढ़ते मामलों की एक वजह यह है कि इस कैंसर के लक्षण बहुत जल्दी सामने नहीं आते। पेट में दर्द, सूजन, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना और पेट भरा हुआ होना (symptoms of ovary cancer) महसूस होता है। ये लक्षण काफी सामान्य होते हैं, जिन्हें आमतौर पर महिलाएं नजरअंदाज कर देती हैं। इस वजह से ओवेरियन कैंसर कई बार एडवांस स्टेज पर पता चलता है।

हालांकि, ओवेरियन कैंसर बढ़ती उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है, लेकिन आजकल युवा महिलाओं में भी ये देखने को मिल रहा है। ओवरी में अंडे और हार्मोन बनते हैं, इसलिए फर्टिलिटी में ओवरी का बहुत महत्व है। अगर किसी युवा महिला को ओवेरियन कैंसर होता है, तो उसका न सिर्फ कैंसर का इलाज कराने पर ध्यान होता है, बल्कि भविष्य में फर्टिलिटी की भी चिंता होती है। ऐसी स्थिति में महिलाएं अपनी फर्टिलिटी को कैसे प्रिर्जव करें, इस बारे में हमने मैक्स अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी से बात की।

ओवेरियन कैंसर से फर्टिलिटी पर असर

डॉ. कुमारदीप कहते हैं, “ओवेरियन कैंसर और इसके इलाज से फर्टिलिटी गंभीर तरीके से क्षतिग्रस्त हो जाती है। ओवेरियन कैंसर के इलाज में सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडिएशन होती है, जिसमें हिस्टेरेक्टॉमी द्वारा गर्भाशय और ओवरी को हटाना पड़ता है। इस वजह से प्राकृतिक गर्भधारण होना असंभव हो जाता है। अगर एक ओवरी को भी हटा दी जाए, तो कीमोथेरपी के कारण दूसरी ओवरी भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। इससे अंडे की क्वालिटी और मात्रा दोनों पर असर पड़ सकता है। इसलिए, ओवेरियन कैंसर का इलाज कराने से पहले अपने डॉक्टर से फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन की सलाह जरूर लें। वैसे भी आजकल मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि इलाज के बाद महिला दोबारा कंसीव कर सकती है।”

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एम्ब्रियो फ्रीजिंग

डॉ. कुमारदीप ने बताया, “यह फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन का सबसे आम तकनीक है। एम्ब्रियो फ्रीजिंग तकनीक में हार्मोन्स देकर ओवरी से एक से ज्यादा अंडे निकाले जाते हैं। इन्हें बाद में फ्रोजन किया जाता है। अगर महिला का पार्टनर है या फिर डोनर स्पर्म है, तो एम्ब्रयो को फ्रोजन कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में आमतौर पर 10-14 दिन लगते हैं और इस प्रक्रिया को कीमोथेरेपी शुरू करने से पहले किया जाता है।”

ओवेरियन टिश्यू फ्रीजिंग

डॉ. कुमारदीप कहते हैं कि अगर किसी महिला को कैंसर का इलाज तुरंत कराना पड़ता है और बाद में उसे गर्भधारण भी करना है, तो ओवेरियन टिश्यू को फ्रीज कराना फायदेमंद रहता है। इस तकनीक में ओवेरियन टिश्यू को सर्जिकल तरीके से हटाकर फ्रीज कर दिया जाता है। इलाज के बाद इन टिश्यू को दोबारा प्लांट कर दिया जाता है, ताकि हार्मोन फंक्शन सही तरीके काम करने लगे और प्राकृतिक गर्भधारण हो सके। यह तरीका उन सभी महिलाओं के लिए अच्छा विकल्प है, जिनकी उम्र काफी कम है।

ओवेरियन को हार्मोनल थेरेपी से रोकना

डॉ. कुमारदीप इस थेरेपी के बारे में बताते हुए कहते हैं,” इस तकनीक में GNRH जैसी दवाइयों के जरिए ओवरी के फंक्शन को अस्थायी समय के लिए रोक दिया जाता है। कीमोथेरेपी से पहले इस प्रक्रिया को किया जाता है, ताकि थेरेपी के दौरान दोनों ओवरीज को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके। इस तकनीक में बहुत कम चीरा लगाना पड़ता है और तुरंत हो जाती है। हालांकि, इस तकनीक का प्रभाव एग या एम्ब्रियो फ्रीजिंग से कम पाया गया है।”

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फर्टिलिटी बचाने वाली सर्जरी

डॉ. कुमारदीप ने बताया कि इस तकनीक का इस्तेमाल कैंसर के शुरुआती स्टेज में ही किया जा सकता है। इस तकनीक में ओवरी और यूटरिस (गर्भाशय) को बचाने की पूरी कोशिश की जाती है। यह कैंसर के टाइप, स्टेज और लोकेशन पर निर्भर करता है कि सर्जरी की जा सकती है या नहीं। इस तकनीक को करने के लिए स्त्रीरोग विशेषज्ञ ऑन्कोलॉजिस्ट से सलाह लेने पर किया जा सकता है।

निष्कर्ष

डॉ. कुमारदीप के अनुसार, युवा महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का होना इमोशनली बहुत चुनौतीभरा होता है क्योंकि इलाज के साथ उन्हें गर्भधारण की भी चिंता रहती है और यह इलाज के दौरान स्ट्रेस को और अधिक बढ़ा देती है। इसलिए इलाज कराने के साथ फर्टिलिटी से जुड़े मुद्दों पर भी डॉक्टर से सलाह लें। आजकल नई तकनीकों के चलते गर्भधारण किया जा सकता है, लेकिन फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन समय पर कराना बहुत महत्वपूर्ण है।

FAQ

  • क्या ओवेरियन कैंसर बिल्कुल ठीक हो सकता है?

    अगर कैंसर का शुरुआती स्टेज पर पता चल जाए, तो ओवेरियन कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है। अगर एडवांस स्टेज पर है, तो कैंसर के टाइप, लोकेशन और अन्य कई पहलुओं की जांच के बाद ही इलाज शुरू किया जाता है। इलाज पूरा होने के बाद नियमित रुप से टेस्ट कराते रहना चाहिए।
  • क्या ओवेरियन सिस्ट पीरियड्स को रोक सकता है?

    ओवेरियन सिस्ट के कारण पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और कई मामलों में बंद भी हो जाते हैं। अगर आपको पीरियड्स लगातार नियमित नहीं है या फिर उम्र से पहले ही बंद हो गए है, तो बिना देरी के डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • ओवेरियन कैंसर होने के बाद क्या प्रेग्नेंसी हो सकती हैं?

    कैंसर के इलाज के बाद महिला प्रेग्नेंट हो सकती है, लेकिन इलाज से पहले फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन कराना महत्वपूर्ण है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें। जांच और टेस्ट के बाद ही डॉक्टर आपको सही तकनीक के बारे में बता सकते हैं।

 

 

 

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