फैलोपियन ट्यूब कैंसर का निदान और उपचार

गर्भाशय में होने वाले फैलोपियन ट्यूब खतरनाक हो सकता है, कैंसर के इस प्रकार का निदान कैसे होता है और इसका उपचार कैसे करें, इसके बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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फैलोपियन ट्यूब कैंसर का निदान और उपचार


महिलाओं के शरीर में एक बच्चेदानी होती है, जिसका ऊपरी सिरा दो ट्यूबों से जुड़ा होता है, जिन्हें फैलोपियन ट्यूब कहते हैं। इन्हीं फेलोपियन ट्यूब से जुड़ी दोनों तरफ एक-एक अंडेदानी होती है। कैंसर का विकास गर्भाशय के इस हिस्से में ही होता है। इसमें कैंसर की शुरूआत ट्यूमर से होती है। फैलोपियन ट्यूब का कैंसर पेट में भी फैलने लगता है। महिलाओं में, गर्भधारण करने में डिम्ब नली (फैलोपियन ट्यूब) की एक अहम भूमिका होती है। मासिक धर्म के दौरान, अंडाशय द्वारा निकला अंडाणु डिम्ब नली में आ जाता है। संक्रमित या क्षतिग्रस्त फेलोपियन ट्यूब (डिम्ब नली) महिलाओं में, बांझपन का कारण बन सकती है। फेलोपियन ट्यूब में कैंसर के निदान और उपचार के बारे  में विस्तार से पढ़े।

फै‍लोपियन ट्यूब कैंसर का निदान

  • पेल्विक एक्जाम: इस टेस्ट में गर्भाशय, योनि, ओवरी, फैलोपियन ट्यूब, ब्लैडर और गुदा के आकार में किसी भी तरह की आसामान्यता को जांचने के लिए किया जाता है। इसे जांचने के लिये दो तरह के टेस्‍ट किये जाते हैं - एचएसजी और इंट्रा वेजाइनल अल्‍ट्रासाउंड टेस्‍ट होता। जो कि फेलोपियन ट्यूब और ओवरी को जांचने के लिये किये जाते हैं। इस केस में नार्मल अल्‍ट्रासाउंड टेस्‍ट नहीं किया जाता है।
  • सीए125: खून में मौजूद सीए125 नामक ब्लड प्रोटीन के स्तर को जांचने के लिए यह किया जाता है, जिससे की फैलोपियन कैंसर जैसी बीमारी का पता चलता है। एक अनुमान के मुताबिक 85 प्रतिशत महिलाएं सीए125 का स्तर बढ़ जाने के कारण ही स्त्री रोग से पीड़ित होती हैं। हालांकि इस ब्लड प्रोटीन के स्तर का बढ़ना जरूरी नहीं और न ही ये कैंसर की निशानी है। यह स्तर गर्भावस्था, मासिकधर्म और शरीर में दूसरी बीमारियों के कारण भी बढ़ सकता है।
  • सीटी स्कैन: इसके जरिए शरीर के अंदरूनी हिस्सों की तस्वीर ली जाती है। ये तस्वीर एक्स रे मशीन से ली जाती है और कंप्‍यूटर पर दिखाई देती है। एक विशेष प्रकार की डाई को शरीर पर लगाते हैं जिससे शरीर के अंदरूनी भाग सूज जाते हैं और साफ साफ दिखाई देने लगते हैं।

 

फैलोपियन ट्यूब कैंसर का इलाज

  • सर्जरी

फैलोपियन ट्यूब के कैंसर का उपचार सर्जरी के जरिये किया जाता है। इसके जरिए गर्भाशय, सर्विक्स, फेलोपियन ट्यूब और ओवरी को हटा दिया जाता है, इस प्रकिया को एब्‍डॉमिनल हिस्टरेक्टमी कहते हैं। इस दौरान फेलोपियन ट्यूब के बाहरी हिस्सों पर ध्यान रखा जाता है कि कैंसर के अणु उनमें ना फैल जाएं। अगर फैलोपियन ट्यूब के बाहर भी कैंसर फैल गया हो तो ये प्रकिया जल्द से जल्द करनी चाहिए।

  • फेलोपियन ट्यूब कैंसर का प्रभाव

कीमोथेरेपी ड्रग्स वो दवाएं हैं जिनका प्रयोग कैंसर के सेल्स को खत्म करने के लिये किया जाता है, इनसे ट्यूमर सिकुड़ जाते हैं और कैंसर फैलने भी नहीं पाता है। इन ड्रग्स को एण्टी कैंसर ड्रग्स या कीमोथेरेपिक एजेंट भी कहते हैं। कीमोथेरेपी सामान्यत: वेन्स के द्वारा दिये गये ड्रग्स के लिए की जाती है क्योंकि अधिकतर लोग इन्ट्रावेंस इन्फ्यूजन की प्रक्रिया के द्वारा एंटी कैंसर ड्रग्स लेते हैं। एक बैग जिसमें कि तरल ड्रग्स/दवा भरी होती है उसे एक ट्यूब से जोड़ देते हैं जिसे फिर वेन्स से जोड़ा जाता है। यह ड्रग्स धीरे–धीरे मरीज के शरीर में फैल जाता है। एंटी कैंसर ड्रग्स को इंजेक्शन या दवाइयों के रूप में भी लिया जा सकता है।

फेलोपियन ट्यूब को निकालने को दौरान शरीर पर कुछ बुरे प्रभाव भी पड़ते हैं। जैसे इसको निकालने के बाद आपकी यौनच्छा कम हो सकती है। आप इसके बाद मां नहीं बन सकतीं। इसलिए अगर आपको फैलोपियन ट्यूब कैंसर के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्‍सक से संपर्क करें।

 

Image Source-Getty

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