हाई बीपी का असर शरीर के कई हिस्से जैसे हार्ट, किडनी आदि पर पड़ता है पर क्या आपको पता है इसका बुरा असर आंखों पर भी पड़ता है? ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण रेटिना की ब्लड वैसल्स डैमेज हो सकती हैं। रेटिना टिशू की एक लेयर होती है जो आंख के पिछले हिस्से में मौजूद होती है। बीपी बढ़ने के कारण आंख में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं जिसके बारे में हम आगे जानेंगे। इस लेख में हम हाई बीपी के कारण आंखों को होने वाली बीमारियां और बीपी कंट्रोल करने के टिप्स पर बात करेंगे। OMH की पहल Focus Of The Month के तहत हम आपको Hypertension से जुड़े अलग-अलग विषयों पर जागरूक करेंगे जिसके आधार पर इस लेख में हाई बीपी के कारण आंखों पर पड़ने वाले प्रभाव पर फोकस किया गया है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. आंखों की रौशनी कम होना (Low vision)
हाइपरटेंशन के कारण आंखों की रौशनी कम हो जाती है। बीपी बढ़ने के कारण दिमाग के अंदर प्रेशर बढ़ जाता है जिससे नसों पर दबाव पड़ना शुरू हो जाता है। ये प्रेशर इतना ज्यादा होता है कि आंख के पर्दे पर किसी तरह की कोई आकृति नहीं बन पाती और मरीज को कुछ भी नजर नहीं आता। जिन मरीजों का बीपी अक्सर ज्यादा रहता है उन्हें अपनी आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए।
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2. पैपिल्डेमा (Papilledema)
पैपिल्डेमा एक बीमारी है जिसका असर दोनों आंखों की रौशनी पर पड़ता है। पैपिल्डेमा होने पर दिमाग और आसपास के हिस्से में दबाव बढ़ने के कारण आंख के अंदर की ऑप्टिक नर्व में सूजन आ जाती है। अगर एक आंख की रौशनी कम हो रही है तो उसे पैपिल्डेमा की बीमारी नहीं माना जाएगा। इस बीमारी के होने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड जैसी दवाओं से इलाज करते हें वहीं कुछ केस में ट्यूमर बनने पर सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।
3. आंख में ब्लड स्पॉट (Blood spot in eye)
आंख में ब्लड स्पॉट होने का कारण भी हाई बीपी की समस्या हो सकती है। ये समस्या बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है। इसे सब्सकंजक्टिवल हैमरेज के नाम से भी जाना जाता है। ये बीमारी हाई बीपी का संकेत भी हो सकता है। इसको शुगर लेवल बढ़ने और हाइपरटेंशन की समस्या का कॉमन लक्षण माना जाता है।
4. हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी (Hypertensive Retinopathy)
हाइपरटेंशन रेटिनोपैथी की समस्या उन मरीजों को होती हैं जिन्हें लंबे समय से हाइपरटेंशन की समस्या है। इस बीमारी में रक्त की धमनियां डैमेज हो जाती हैं जिसके कारण रेटिना में सूजन आ जाती है और आंख में खून की शिराएं बढ़ जाती हैं जिससे आंख की रौशनी पर इसका बुरा असर पड़ता है।
5. ऑप्टिक न्यूरिटिस (Optic Neuritis)
हाइपरटेंशन के कारण ऑप्टिक न्यूरिटिस की समस्या हो सकती है। इस बीमारी में ब्लड फ्लो ब्लॉक होने के कारण ऑप्टिक नर्व पर बुरा असर पड़ता है और आंख में ब्लीडिंग की समस्या होती है जिससे आंखों से देखने की क्षमता खत्म हो जाती है। ऑप्टिक नर्व डैमेज होने के कारण दिमाग को सही संदेश नहीं भेज पाती जिसके कारण आंख की रौशनी में फर्क आता है।
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हाई बीपी में किन बातों का ख्याल रखें?
- अगर आपको लगातार सिर में दर्द हो रहा है तो ये आंख कमजोर होने का एक कॉमन लक्षण होता है साथ ही आपको हाई बीपी की समस्या है तो आप आंखों का चेकअप जरूर करवाएं।
- अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में हाई बीपी की समस्या है तो आपको डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लेनी चाहिए, उन महिलाओं के लिए भी डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है जो प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं।
- हाई बीपी की समस्या है तो आपको हर दिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए, इससे आप हाई बीपी की समस्या को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
- इसके साथ ही आपको होल ग्रेन्स, फाइबर, पोटैशियम रिच फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। आपको अपनी डाइट में ऐसी चीजों का सेवन अवॉइड करना है जिसमें कोलेस्ट्राॅल और सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा ज्यादा हो।
तो देखा आपने हाइपरटेंशन की समस्या का आंखों पर क्या प्रभाव पड़ता है, अगर आपको भी हाई बीपी की समस्या है तो आप जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और आंखों का रेगुलर चेकअप करवाते रहें।