अस्थमा रोगियों के लिए व्यायाम

जिन लोगों का अस्थमा नियंत्रित है, उन्हें व्यायाम करने से फ़ायदा हो सकता है। अस्थमा रोगी कुछ योगआसन या सिंगिंग एक्सरसाइज भी कर सकते हैं, लेकिन डॉक्टर से इस संबंध में परामर्श लेकर ही कोई एक्सरसाइज करें।
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अस्थमा रोगियों के लिए व्यायाम


अस्थमा से पीड़ित लोगों में से जिन लोगों का अस्थमा नियंत्रित है, उन्हें व्यायाम करने से फ़ायदा हो सकता है। व्यायाम करने के दौरान आपको अपनी दवा जैसे कि इन्हेलर साथ में रखना बेहद आवश्यक होता है ताकि व्यायाम की वजह से अस्थमा का दौरे को टाला जा सके। साथ ही अस्थमा रोगी कुछ योगआसन या सिंगिंग एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।

Asthamatics in Hindi

 

 

  •     वाकिंग, लों इम्पेक्ट एरोबिक्स और स्वीमिंग जैसे लों इंटेसिटी वाले व्यायामों का चुनाव करें।
  •     यदि अस्थमा का दौरा पड़ता है, तो व्यायाम की इंटेसिटी को घटा दें।
  •     इ-आई-ए से बचने के लिए किसी भी व्यायाम को करने से पहले एक इन्हेलर का कई बार उपयोग कर लें।
  •     व्यायाम के पहले, व्यायाम के दौरान और व्यायाम के बाद अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें।
  •     वार्मअप और कूल डाऊन की अवधि को बढ़ा दें।
  •     कभी भी अत्यंत उच्च या अत्यंत निम्न तापमान और अत्यंत नमी जैसी परिस्थिति में व्यायाम न करें।



गाने से होगी अस्थमा की एक्सरसाइज

अस्थमा के मरीजों के लिए एक खुशखबरी है। कुछ समय पूर्व हुए एक शोध में दमा और सांस से संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए दिलचस्प एक्सरसाइज खोजी गई। इसके अंतर्गत गाना गाने से दमा को दूर भगाया जा सकेगा। लंदन के रॉयल ब्रोंपटन हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने अपने एक शोध में मरीजों से घाना और पेलिनेशिया के लोकगीतों को गवाकर उनके फेफड़ों की एक्सरसाइज करवाई। इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया ‌कि लोकगीतों को गाने से मरीजों को दमा व श्वास से संबंधित रोगों में आराम पहुंचा।

 

 

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शोधकर्ताओं ने गाने के दौरान मरीजों की श्वास और फेफड़ों की गतिविधियों का अध्ययन किया और पाया कि इससे श्वास संबंधी समस्याएं दूर की जा सकती हैं। शोधकर्ताओं ने इस थेरेपी को प्रतिभागियों पर दो बार उपयोग किया और पाया कि इससे उनकी तबियत में सुधार हुआ। हालांकि ये सुधार कितना हुआ इसका कोई ठीक आंकड़ा अभी तक लिया नहीं जा सका है।


अस्थमा रोगियों के लिए योग आसन

अस्थमा में लाभ पाने के लिए आप आसनों की शुरुआत अंगसंचालन से कर सकते हैं। अंग संचालन में अभ्यस्त होने के बाद क्रमश: बैठकर सिद्धासन, वक्रासन, अर्ध मत्येंद्रआसन करें। इसके अलावा शवासन में लेटकर पवन मुक्तासन और हलासन भी करें। मकरासन में लेटकर भुजंगासन और धनुरासन करें। या फिर खड़े होकर पर्वतासन, कटिचक्रासन और फिर इसके बाद सूर्य नमस्कार भी कर सकते हैं, सभी आसनों के विलोम आसन अवश्य करें।

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