हर साल देश में पांच वर्ष से कम उम्र के करीब 12 लाख बच्चे काल के गाल में समा जाते हैं। ये आंकड़ें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने पिछले दिनों राज्यसभा में पेश करते हुए बताया कि हर साल भारत में पांच वर्ष से कम उम्र के करीब 12 लाख बच्चे समय से पहले मर जा रहे हैं। इन 12 लाख मरने वाले बच्चों में से 57% बच्चों की मृत्यु गर्भ में संक्रमण और समय से पूर्व होने वाले प्रसव के कारण होती है।
ये 57 फीसदी मौत पैदा होने के बाद शुरूआती 28 दिन में ही हो जाती है।
सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के आंकड़े अनुसार
सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) 2013 के आंकड़ों का हवाला देते हुए कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने बताया कि भारत में हर साल पांच वर्ष से कम उम्र के करीब 12 लाख बच्चों की मौत हो जाती है। एक सवाल का लिखित में जवाब देते हुए नड्डा ने बताया कि इनमें से 57 फीसदी शिशु जन्म लेने के बाद शुरूआती 28 दिन में ही मर जाते हैं।
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अन्य कारण
बाकी 43% बच्चे पांच साल की आयु पूरी करने तक सामान्य से कम वजन, न्यूमोनिया, संक्रमण और अतिसार के कारण काल के गाल में समा जाते हैं।