हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है कि वो सही डाइट फॉलो करे। सही डाइट की मदद से शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है, जिससे हम एनर्जेटिक रहते हैं और काम करते हुए थकान भी महसूस नहीं करते हैं। यहां तक कि सही खानपान और हेल्दी डाइट हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और बीमार होने के जोखिम को कम करता है। वहीं, अगर हम किसी खास मेडिकल कंडीशन से जूझ रहे लोगों की बात करें, तो उनके लिए गलत डाइट फॉलो करना हेल्थ के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। विशेषकर, डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत जरूरी है कि वे सही डाइट फॉलो (Diabetes Me Kya Khana Chahiye) करें। गलत डाइट फॉलो करने से उनकी सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। आइए, Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से जानते हैं इनके बारे में।
डायबिटीज रोगियों के लिए गलत डाइट फॉलो करने के नुकसान- Effects Of Poor Diet On Diabetes
ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है- Blood Sugar Spikes
अगर डायबिटीज के रोगी गलत डाइट फॉलो करते हैं, जिसमें कार्ब्स की मात्रा ज्यादा हो या शुगर बेस्ड फूड आइटम अधिक हों। इस तरह की स्थिति में डायबिटीज रोगियों के ब्लड शुगर का स्तर बहुत तेजी से हाई हो सकता है। मधुमेह के रोगियों के लिए यह बिल्कुल सही नहीं है। उन्हें अपने ब्लड शुगर के स्तर को बैलेंस रखने की कोशिश करनी चाहिए।
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हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ना- Increased Risk of Cardiovascular Disease
डायबिटीज रोगियों को अपनी डाइट में सेचुरेटेड फैट या ट्रांस फैट भी शामिल नहीं करना चाहिए। ये कोलेस्ट्रॉल से भरपूर होते हैं। ध्यान रखें कि डायबिटीज रोगियों के लिए कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना सही नहीं है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो सकता है और हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ सकता है।
वजन का बढ़ना- Weight Gain
डायबिटीज रोगियों को अपने बढ़ते वजन को भी कंट्रोल में रखना चाहिए। असल में, जैसे-जैसे बॉडी वेट बढ़ता है, ब्लड शुगर का स्तर भी बिगड़ता चला जाता है। वजन को संतुलित बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि डायबिटीज रोगी अपनी डाइट में हाई कैलोरी युक्त चीजों का सेवन कम कर दें। इसके अलावा, शुगर की मात्रा को भी सीमित रखना वजन को संतुलित रखने के लिए जरूरी है।
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नर्व डैमेज (न्यूरोपैथी)- Nerve Damage (Neuropathy)
डायबिटीज रोगियों को हमेशा से ही नर्व डैमेज होने का जोखिम रहता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि डायबिटीज में शुगर का स्तर प्रभावित होता है, जिसका नेगेटिव नर्व्स पर पड़ सकता है। वहीं, अगर डायबिटीज रोगी अपनी हेल्थ का ध्यान न रखें यानी विटामिनी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट फॉलो न करे, तो ऐसे में उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इससे नर्व डैमेज होने का रिस्क बढ़ जाता है। नतजीतन, सुन्नता, झुनझुनी या दर्द जैसे लक्षण उभरने लगते हैं। आमतौर पर डायबिटीज के रोगियों में न्यूरोपैथी की समस्याएं देखने को मिलती है।
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किडनी से जुड़ी बीमारी (नेफ्रोपैथी)- Kidney Disease (Nephropathy)
ध्यान रखें कि अगर डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर के स्तर को बैलेंस न किया जाए, तो ऐसे में किडनी से जुड़ी बीमारी का रिस्क भी बढ़ सकता है। वहीं, अगर कोई डायबिटीज रोगी अपनी डाइट में प्रोटीन या सोडियम का अधिक मात्रा में सेवन करता है, तो ऐसे में किडनी फंक्शन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
डायबिटीज रोगी अपनी कंडीशन में सुधार कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि वे हेल्दी डाइट फॉलो न करें, न कि खराब डाइट। उनके लिए जरूरी है कि अपने लिए सही डाइट चार्ह प्रोफेशनल की मदद से बनवाएं।
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