
Eczema Myths and Facts in Hindi: एक्जिमा एक त्वचा से जुड़ी स्थिति है, जिसमें त्वचा खुरदरी और पपड़ीदार बनने लगती है। इस स्थिति में त्वचा पर सूजन और खुजली होने लगती है। साथ ही, त्वचा पर रेडनेस और जलन भी होने लगती है। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में तो एक्जिमा होने पर त्वचा पर फफोले भी होने लगते हैं। एक्जिमा एक ऐसी स्थिति है, जो त्वचा को लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है। आपको बता दें कि एक्जिमा के कई प्रकार होते हैं। प्रत्येक एक्जिमा के अलग-अलग ट्रिगर प्वाइंट होते हैं, जो त्वचा को प्रभावित कर सकते हैं। पारिवारिक इतिहास एक्जिमा के जोखिम कारकों में से एक है। इसलिए जिन लोगों के परिवार में किसी व्यक्ति को एक्जिमा होता है, तो अन्य सदस्यों को अपनी त्वचा की अतिरिक्त देखभाल करने की जरूरत होती है। आज एक्जिमा से करोड़ों लोग जूझ रहे हैं, यह शिशुओं तक को प्रभावित कर सकता है। यही वजह है कि समाज में लोगों के बीच एक्जिमा से जुड़े कई मिथक फैले हुए हैं। तो चलिए, आज इस लेख में पारस हेल्थ, गुरुग्राम के एच.ओ.डी डॉक्टर मनदीप सिंह से विस्तार से जानते हैं एक्जिमा से जुड़े मिथक और सच्चाई-
मिथक 1- तनाव एक्जिमा का एक मुख्य कारण होता है।
सच्चाई- डॉक्टर मनदीप सिंह बताते हैं कि तनाव, मेंटल हेल्थ और एक्जिमा के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। हालांकि, यह कहा जा सकता है कि तनाव एक्जिमा को ट्रिगर कर सकता है। लेकिन तनाव एक्जिमा का कारण नहीं बनता है। एक्जिमा होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें एलर्जी, पारिवारिक इतिहास, इम्यून सिस्टम और वातावरण शामिल हैं।
मिथक 2- एक्जिमा एक संक्रामक बीमारी है।
सच्चाई- अधिकतर लोगों को लगता है कि एक्जिमा संक्रामक यानी फैलने वाली बीमारी है। लेकिन यह एक बहुत बड़ा मिथक है। सच्चाई यह है कि एक्जिमा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। डॉक्टर मनदीप सिंह बताते हैं कि जेनेटिक्स और पर्यावरण एक्जिमा के मुख्य कारण होते हैं। इसके अलावा, जिन लोगों को अस्थमा और मौसमी एलर्जी की समस्या है, वे एक्जिमा के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होते हैं।
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मिथक 3- एक्जिमा को ठीक किया जा सकता है।
सच्चाई- लोगों को लगता है कि जिस तरह अन्य त्वचा से जुड़ी बीमारियों का इलाज संभव है, उसी तरह एक्जिमा को भी आसानी से ठीक किया जा सकता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। क्योंकि वर्तमान में एक्जिमा का कोई इलाज नहीं है। दवाइयों की मदद से सिर्फ एक्जिमा के लक्षणों को प्रबंधित किया जा सकता है। इसके अलावा तनाव को कम करके, पर्याप्त नींद लेकर और अच्छी लाइफस्टाइल को अपनाकर एक्जिमा के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। लेकिन एक्जिमा पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है।
मिथक 4- एक्जिमा का सिर्फ एक प्रकार है।
सच्चाई- एक्जिमा के कई अलग-अलग प्रकार हो सकते हैं, लेकिन एटोपिक डर्मेटाइटिस सबसे आम है। आसान भाषा में समझाए, तो एक्जिमा शब्द का इस्तेमाल अलग-अलग प्रकार की खुजली वाली त्वचा स्थितियों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
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मिथक 5- एक्जिमा सिर्फ बच्चों में होता है।
सच्चाई- एक्जिमा किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। लेकिन अधिकतर लोगों को यह बचपन में ही हो जाता है। कई मामलों में एक्जिमा के लक्षण बचपन में ही कम होने लगते हैं। लेकिन कुछ मामलों में एक्जिमा के लक्षण वयस्कता में भी नजर आते हैं। हालांकि, लक्षण हल्के होने लगते हैं। एक्जिमा के लक्षण पूरी तरह से खत्म नहीं हो सकते हैं।
मिथक 6- एक्जिमा एक ड्राई स्किन है।
सच्चाई- ड्राई स्किन एक्जिमा का एक सामान्य लक्षण होता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति की स्किन ड्राई है, तो उसे एक्जिमा नहीं कहा जा सकता है। ड्राई स्किन एक्जिमा का कारण नहीं बनती है। इसलिए अगर आपकी ड्राई स्किन है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस मामले में आप एक बार डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते हैं।