एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि शाम छह बजे के बाद रोजाना की कैलोरी का अधिकतर हिस्सा लेने से महिलाओं में स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसे ह्रदय रोगों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। इस शोध में 33 साल की औसत उम्र की 112 महिलाओं के ह्रदय स्वास्थ्य को परखा गया। शोध की शुरुआत और एक साल बाद इन महिलाओं का कोलेस्ट्रोल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल मांपा गया। यह शोध 16 से 18 नवंबर को फिलाडेल्फिया के अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन के साइंटेफिक सेशन में प्रस्तुत किया जाएगा।
अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन के लाइफ सिंपल 7 उपायों का प्रयोग किया, जो कि हृदय रोग के जोखिम कारकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन उपायों में धूम्रपान न करने, शारीरिक रूप से सक्रिय रहने, स्वस्थ भोजन खाने और शरीर के वजन को नियंत्रित करने जैसे जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं। उन्होंने महिलाओं के लिए एक हार्ट हेल्थ स्कोर तैयार किया, जो इन 7 टिप्स को पूरा करने के आधार पर बनाया गया था।
शोध में शामिल महिलाओं को एक इलेक्ट्रोनिक फूड डायरी दी गई, जिसमें उन्हें अध्ययन की शुरुआत से लेकर 12 महीने तक प्रत्येक सप्ताह में उन्होंने क्या खाया, कितना खाया दर्ज करना था। शोधकर्ताओं ने ह्रदय स्वास्थ्य और खाना खाने के समय के बीच संबंध का पता लगाने के लिए प्रत्येक महिला द्वारा पूरी की हई फूड डेयरी से प्राप्त आंकड़ों का प्रयोग किया।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि अध्ययन में शामिल अधिकतर महिलाएं, जिन्होंने शाम 6 बजे के बाद अपनी रोजाना की कैलोरी का अधिकतर हिस्सा लिया उनका ह्रदय स्वास्थ्य सबसे ज्यादा खराब रहा। शोधकर्ताओं ने कहा कि शाम छह बजे के बाद कैलोरी का सेवन बढ़ाने से ह्रदय स्वास्थ्य में एक फीसदी की गिरावट आती रहती है।
उन्होंने कहा कि वे महिलाएं, जो शाम छह बजे के बाद ज्यादा कैलोरी का सेवन करती हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर, हाईर बॉडी मास इंडेक्स और ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं रहता है।
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शोध के मुताबिक, वे महिलाएं जो शाम में ज्यादा कैलोरी का सेवन करती हैं उनका ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक नौर माकर्म ने कहा, ''अब तक ह्रदय रोगों को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव इस बात पर केंद्रित था कि हम क्या खाते हैं और कितना खाते हैं।''
माकर्म ने कहा, ''ये शुरुआती निष्कर्ष दर्शाते हैं कि शाम को कैलोरी के हिस्से पर ध्यान और सोच समझकर खाना ह्रदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद करने का एक आसान तरीका है।'' उन्होंने कहा कि अन्य लोगों को शामिल कर बड़े पैमाने पर अध्ययन के जरिए इन नतीजों की पुष्टि की जानी चाहिए।
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