
मुंबई के नालासोपारा की रहने वाली 9 साल की बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई जब उसकी ट्यूशन टीचर ने उसे थप्पड़ मारा। घटना 5 अक्टूबर की है, जब कक्षा 5 में पढ़ने वाली दीपिका ट्यूशन क्लास गई थी, जहां 20 वर्षीय ट्यूटर रत्ना सिंह ने उसे शैतानी करने पर दाहिने कान के नीचे दो बार थप्पड़ मारा। इस घटना ने हमारे समाज में अनुशासन और बच्चों के साथ व्यवहार के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। दीपिका के साथ जो हुआ, वह न सिर्फ शारीरिक हिंसा है, बल्कि मानसिक आघात भी है, जो उसकी पूरी जिंदगी को प्रभावित कर सकता है। टिटनेस, सांस की नली में गंभीर चोट और ब्रेन इंजरी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही इस मासूम के दर्द का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के आधार पर पता चला कि टीचर के थप्पड़ से बच्ची के गाल में बाली घुस गई थी। इस वजह से उसे टिटनेस इंफेक्शन हो गया। इस लेख में अपोलो हॉस्पिटल, लखनऊ के ईएनटी विशेषज्ञ और सर्जन डॉ राजीव खन्ना की मदद से हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि टिटनेस संक्रमण स्वास्थ्य के लिए इतना खतरनाक क्यों होता है।
ब्रेन इंजरी, टिटनेस और श्वसन विफलता से जूझ रही है मासूम
दीपिका को कान में तेज दर्द (Ear Pain) हुआ, जिसके बाद वह घर लौटी और अपनी मां को बताया। मां ने उसे नजदीकी क्लिनिक में दिखाया और दवा दिलवाई। हालांकि, शाम तक दीपिका के कान के पास सूजन (Ear Swelling) बढ़ गई और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालत इतनी बिगड़ गई कि वह अपना मुंह भी नहीं खोल पा रही थी और उसे पानी पिलाने के लिए उसके होंठों के बीच चम्मच रखना पड़ा। तीन दिनों तक वह न कुछ खा सकी, न पी सकी। बाद में, सरकारी अस्पताल में बेड न मिलने पर उसे मुंबई के केजे सोमैया अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां उसे गंभीर ब्रेन इंजरी, टिटनेस इंफेक्शन (Tetunus Infection) और श्वसन तंत्र की विफलता का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद, दीपिका के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
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टिटनेस इंफेक्शन से हो सकती है मौत- Tetunus Infection Cause Death
टिटनेस एक ऐसा इंफेक्शन है जो क्लोस्ट्रीडियम टेटानी नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया मांसपेशियों में अकड़न पैदा करता है, जो कि बहुत दर्दनाक होता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। टिटनेस (Tetunus Infection) आमतौर पर घावों के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। अगर इसका इलाज समय पर नहीं किया गया, तो यह तेजी से फैल सकता है। इससे मरीज को असहनीय दर्द और मांसपेशियों में जकड़न का सामना करना पड़ता है, जो शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद कष्टदायक होता है। बिना उचित इलाज के, टिटनेस से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि श्वसन विफलता, हृदय की समस्याएं (Heart Problems) और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। यह इंफेक्शन खासकर इसीलिए खतरनाक है क्योंकि कई लोग टिटनेस के खिलाफ वैक्सीनेशन (Tetunus Vaccine) नहीं लेते हैं, जिससे वे इसके प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं। युवा, बच्चे और बुजुर्ग सभी को इसकी चपेट में आने का खतरा होता है। इन सभी कारणों से, टिटनेस इंफेक्शन को गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है। इसके खिलाफ टीकाकरण और सतर्कता बरतना आवश्यक है ताकि हम इस जानलेवा स्थिति से बच सकें।
बच्ची के लिए अहम हैं अगले 24 घंटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टरों का कहना है कि अगले 24 घंटे इस बच्ची के लिए बेहद जरूरी हैं। चिकित्सा टीम ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि में उसकी स्थिति पर नजर रखना जरूरी है, क्योंकि टिटनेस और ब्रेन इंजरी के कारण उसकी जान को खतरा है। अगर उसकी स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, हर संभव प्रयास किया जा रहा है ताकि बच्ची को इस संकट से बाहर निकाला जा सके।
ओनलीमायहेल्थ बच्चों के खिलाफ ऐसे व्यवहार की कड़ी निंदा करता है। उम्मीद है कि बच्ची की हालत में जल्द सुधार होगा।
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