ल्यूकोरिया यानि योनी से सफेद पानी आना। यह एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में अक्सर लड़कियां या औरतें बताने में शर्माती हैं। यही वजह है कि वे डॉक्टर के पास जाने में भी झेंपती हैं। यह परेशानी महिलाओं में बहुत आम है। योनी से आने वाला सफेद पानी अगर पानी जैसे रंग का है तो परेशानी नहीं मानी जाती, लेकिन अगर इस पानी का रंग दूधिया हो जाए और पानी के साथ योनी में जलन, दर्द और खुजली हो रही है और सफेद पानी से बदबू आ रही है और पानी गाढ़ा, चिपचिपा है तब इसका मतलब है कि महिला को किसी तरह का इन्फेक्शन है। वजाइना (योनी) में इन्फेक्शन यीस्ट संक्रमण, सेक्शुअल ट्रांसमिटिड डिजीज के काऱण संक्रमण या बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। दिल्ली के तारावती अस्पताल में वरिष्ठ गाइनाकॉलोजिस्ट डॉ. कुसुम सबरवाल का कहना है कि अगर किसी महिला को लंबे समय से सफेद पानी आ रहा है तो यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और प्रेग्नेंसी पर भी असर डाल सकता है।
सफेद पानी प्रेग्नेंसी पर कैसे असर डाल सकता है? (How can white Discharge affect pregnancy?)
किशोरियों को सफेद पानी उनकी माहवारी के शुरूआती दिनों में आता है। यह पानी माहवारी के बाद भी आ सकता है। इस सफेद पानी से घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर किसी महिला को बार-बार सफेद पानी आ रहा है, बार-बार पेशाब जाना पड़ रहा और सफेद पानी से बदबू आ रही है तो यह संक्रमण की निशानी है। इससे प्रेग्नेंसी पर असर पड़ सकता है। अगर किसी महिला को बार-बार सफेद पानी आ रहा है तो इसका मतलब है कि बच्चेदानी पर किसी तरह का संक्रमण काम कर रहा है। अगर बच्चेदानी के मुंह पर इन्फैक्शन है तो वह पूरे बच्चेदानी पर फैलेगा। बच्चेदानी पेट में होती है तो पेट में इन्फेक्शन हो जाएगा। फिर सूजन आ जाएगी और फिर पेट में पानी आ जाएगा फिर अंडेदानी में इन्फेक्शन हो जाएगा। कई बार ट्यूबल ब्लॉक हो जाता है उसकी वजह से बच्चा नहीं ठहरता। इस वजह से गर्भपात और प्रि-मेच्योर डिलीवरी भी हो सकती है।
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सफेद पानी से होने वाली परेशानियां
अगर वाइट डिस्चार्ज का रंग बदल रहा है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। इन परिस्थितियों में डॉक्टर को दिखाएं-
1. पेशाब में जलन होना
3. पेड़ू पर सूजन होना
4. माहवारी बार-बार आना
5. यूरिनल इन्फेक्शन होना
6. बार-बार पेशाब जाना और पेशाब करने में दर्द
7. संबंध बनाते समय दर्द
8. पिंडलियों में दर्द
9. वजाइना में खुजली
10. योनी का गीला रहना
11. कमर में दर्द और कमजोरी
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कितने तरह का होता है सफेद पानी (Types of white discharge)
1.गाढ़ा सफेद पानी
यह सामान्य सफेद पानी होता है। यह अक्सर महिलाओं को पिरियड्स से पहले या बाद में आता है। इस दूधिया सफेद पानी में घबराने की जरूरत नहीं है। अगर इस सफेद पानी से बदबू आ रही है तो इसका मतलब है आपको यीस्ट इंफेक्शन है।
2.पीला वजाइनल डिस्चार्ज
अगर योनी से सफेद के बजाए पीला और गाढ़ा पानी आ रहा है तो डॉक्टर को दिखाएं। इसका मतलब है आपको बैक्टीरियल इन्फेक्शन है। यह डिस्चार्ज तब भी होता है जब एक ज्यादा जगह संबंध बनाया जाता हो। बैक्टीरियल इन्फेक्शन में योनी से पस की तरह पीला पानी निकलता है। इसमें बदबू ज्यादा होती है।
3.हरा वजाइनल डिस्चार्ज
इस रंग का पानी योनी से आना गंभीर समस्या है। यह किसी गंभीर संक्रमण का कारण है। इस समस्या से निजात के लिए डॉक्टर को दिखाएं।
4.चिपचिपा पानी आना
फंगल इन्फेक्शन गीलेपन की वजह से होता है। इसमें पानी चिपचिपा होता है। योनी के आसपास खुजली होती है।
सफेद पानी आने के कारण (Causes of white discharge)
सफेद पानी आने के कई कारण हो सकता है। यहां कुछ कारण बताए जा रहे हैं।
1. साफ-सफाई का ख्याल न रखना
भारत में यह दिक्कत है कि महिलाएं अपने शरीर की ओर ध्यान कम दे पाती हैं। वे अपनी खुद भी साफ-सफाई पर पूरा ध्यान नहीं दे पातीं। इसका असर यह होता है कि उन्हें कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। योनी से सफेद पानी योनी की साफ-सफाई पर ध्यान न देने की वजह से होता है। एक ही अंडरवियर को कई दिन पहने रहने से भी यह परेशानी बढ़ती।
2. शौचालयों का साफ न होना
अगर टॉयलेट साफ नहीं होंगे तो उससे ल्यूकोरिया के अलावा कई अन्य तरह के संक्रमण हो जाएंगे। यही वजह है कि भारत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने की शुरूआत की गई। अगर महिलाएं गंदे शौचालयों का इस्तेमाल करती हैं तो उससे भी उन्हें योनी में संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
3. बार-बार पेशाब जाना
डॉक्टर के मुताबिक बार-बार पेशाब जाने से भी संक्रमण होता है। क्योंकि बार-बार पेशाब से योनी वाला हिस्सा गीला रहता है और अंडरवियर भी गीला रहता है। जिससे योनी को नमी मिलती रहती है और बैक्टीरिया पनपने की संभावना बढ़ जाती है।
4. बैक्टीरियल संक्रमण
योनी में बैक्टीरियल संक्रमण होना बहुत आम है। इसकी वजह से महिलाओं में वजाइनल इन्फेक्शन होते हैं। यह संक्रमण असुरक्षित सेक्स, स्वच्छता की कमी, एनल इन्फेक्शन आदि की वजह से भी होता है। इन सभी कारणों से वजाइनल डिस्चार्ज जैसी समस्या होती है।
5. एंटीबायोटिक्स का अधिक इस्तेमाल
कई महिलाएं अपनी बीमारियों को ठीक करने के लिए कई तरह के एंटीबायोटिक्स खाती हैं। इन एंटीबायोटिक्स की वजह से हार्मोन्स पर असर पड़ता है और सफेद पानी का कारण भी बन सकता है।
6. गर्भनिरोधकों को इस्तेमाल
महिलाएं अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करती हैं। इनसे भी हार्मोन असंतुलित होते हैं और कई तरह की शारीरिक पेरशानियां होने लगती हैं। इससे भी सफेद पानी की समस्या हो सकती है।
7. सेक्स संबंधी सामग्री देखना
अगर कोई महिला सेक्स से संबंधित फिल्में, मैग्जीन्स या अश्लील बात करती है तब भी सफेद पानी आती है।
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सफेद पानी से बचाव के उपाय
- -डॉक्टरों का कहना है कि इस परेशानी से बचने के लिए खूब पानी पिएं।
- - माहवारी के समय पैड दिन में दो बार बदलें।
- -पैंटी साफ पहनना
- -अंडरगार्मेंट्स वॉशिंग मशीन में नहीं धोएं। उन्हें अलग धोना चाहिए।
- -धूप में सुखाकर अंडरगार्मेंट्स पहनें।
- -अगर पति को कोई दिक्कत है तो उसका भी इलाज कराएं
- -टिशु पेपर से योनि को साफ करके सूखा रखें।
- -संबंध बनाते समय कॉन्डोम का इस्तेमाल करें।
योनी से अधिक सफेद पानी को अगर महिलाएं नजरअंदाज करती हैं तो यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी बन जाता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में दिक्कत होती है। इसलिए अगर किसी यह परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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