
यीस्ट इंफेक्शन आमतौर पर महिलाओं के गुप्तांग (वजाइना) से जुड़ी समस्या है। पुरुषों को भी ये समस्या होती है मगर महिलाओं में ये ज्यादा पाई जाती है क्योंकि महिलाओं के जननांग में नमी होती है। यीस्ट संक्रमण को वैजिनाइटिस के रूप में भी जाना जाता है। शरीर में यीस्ट के बहुत अधिक बढ़ जाने से बहुत सी महिलाओं को यीस्ट संक्रमण की समस्या हो जाती है। आमतौर पर यीस्ट इंफेक्शन तभी होता है, जब आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली असंतुलित हो जाती है। और आपके शरीर में जीवाणु और यीस्ट का संतुलन बिगड़ जाता है। इस कारण शरीर में यीस्ट बढ़ जाते हैं और इन्फेक्शन के कारण खुजली और दर्द होता है। महिला जननांग में नम वातावरण के कारण इस फंगस को बढ़ने का मौका मिलता है। पुरुषों को भी इसका अनुभव हो सकता है, लेकिन यह महिलाओं में सबसे आम है। यह संक्रमण कैंडिडा एल्बीकैंस नामक फंगस के कारण होता है। आइए आपको बताते हैं क्या है यीस्ट इंफेक्शन और क्या है इसका कारण।
यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण
- योनि या इसके आसपास खुजली
- गाढ़ा सफेद डिस्चार्ज आना
- पेशाब करते वक्त या शारीरिक संबंध के दौरान योनि में जलन और दर्द
- योनि के आस पास की त्वचा का लाल होना
- बदबूदार डिस्चार्ज
ज्यादा एंटीबायोटिक्स से होती है समस्या
एंटीबायोटिक के अधिक इस्तेमाल से या गुप्तांगों की ठीक से सफाई न रखने से ये यीस्ट संक्रमण की समस्या होती है, इसलिए जब तक सही में इनकी जरूरत न हो एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल ना करें। अगर दवाएं लेनी भी पड़ें तो डाक्टर की सलाह जरूर लें। यह संक्रमण होने का खतरा गर्भवती महिलाओं को ज़्यादा रहता है।
सही प्रोडक्ट्स का करें इस्तेमाल
वजाइना बहुत नाजुक हिस्सा होता है। कई बार साबुन में मौजूद केमिकल्स वजाइना की नाजुक त्वचा के लिए नुकसान पहुंचाते हैं। साबुन में मौजूद ये केमिकल्स त्वचा के प्राकृतिक तेल को नुकसान पहुंचाते हैं। कई बार साबुन में मौजूद केमिकल्स के कारण वजाइना का पीएच लेवल बिगड़ जाता है। इसलिए ऐसे प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें जो माइल्ड हों और जिनमें केमिकल्स की मात्रा बहुत कम हो।
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क्या है यीस्ट इंफेक्शन का प्राकृतिक इलाज
- प्रत्येक दिन लहसुन की ताजा कली खाना भी यीस्ट संक्रमण से बचने का एक अन्य आम उपाय है। हालांकि यह आपको सांस में बदबू की समस्या दे सकती है लेकिन यह आपके यीस्ट संक्रमण को दूर करने में मददगार होती है। इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटी-फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुणों के कारण यह संक्रमण को दूर करने में मदद करता है।
- दही का इस्तेमाल यीस्ट संक्रमण कम करने के लिए किया जाता है। योनि में इसके 1 से 2 बड़े चम्मच डालें, और बाहर से प्रभावित क्षेत्र पर भी लगाये। धोने से पहले इसे कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। ध्यान रखें कि दही में चीनी, फल या अन्य कोई भी सामग्री नहीं होनी चाहिए। इसे लगाने के लिए रूई को दही में भिगोकर 2 घंटे के लिए डालकर हटा दें।
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