पेरेंट्स बनना एक अलग एहसास है और इसके साथ ही यह बहुत जिम्मेदारी वाला काम भी है। जरा सी लापरवाही नवजात के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है, यही वजह है कि डॉक्टर शुरुआती 6 महीनों में शिशु की खास देखभाल करने की सलाह देते हैं। लेकिन घर में जब नवजात का जन्म होता है तो पेरेंट्स के अलावा बाकी घर के सदस्य भी अपने-अपने एक्सपीरिएंस शेयर करते हैं। अक्सर सुनने में आता है कि यदि शिशु की नाक को खींचा जाए, तो उसकी नाक लंबी और तीखी हो जाएगी। यह धारणा पीढ़ियों से चली आ रही है और कई पेरेंट्स इसे सही मानते हैं। लेकिन क्या वाकई नाक खींचने से शिशु की नाक लंबी हो सकती है? इस बारे में किरण मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और न्यूबोर्न स्पेशलिस्ट डॉ. पवन मंडाविया ने जानकारी शेयर की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि शिशु की नाक खींचने से लंबी नहीं होती है।
क्या शिशु की नाक खींचने से लंबी होती है?
पीडियाट्रिशियन और न्यूबोर्न स्पेशलिस्ट डॉ. पवन मंडाविया ने बताया कि कई लोग बच्चे की नाक में होने वाले नेजल ब्रिज को दबाकर और मालिश के जरिए लंबा और शार्प बनाने की कोशिश करते हैं, जो कि बिलकुल गलत है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर आप शिशु के नेजल ब्रिज को दबाते हैं या मालिश के समय रगड़ते हैं तो इससे नेजल ब्रिज डैमेज हो सकता है, जिससे बच्चे को सांस लेने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है। विज्ञान और चिकित्सा के दृष्टिकोण से देखें तो, शिशु की नाक का आकार अनुवांशिक कारकों पर निर्भर करता है। यानी बच्चे की नाक का आकार माता-पिता के जीन पर निर्धारित होता है। बच्चों की नाक में मौजूद हड्डी समय के साथ बदलती है लेकिन इसको बाहरी खिंचाव से बदलना संभव नहीं है। बाल रोग विशेषज्ञ और चिकित्सक इस मिथक को खारिज करते हैं और माता-पिता को सलाह देते हैं कि वे बच्चों की नाक को खींचने से बचें। बच्चों के शारीरिक विकास को प्राकृतिक रूप से होने देना चाहिए।
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शिशु की नाक खींचने से हो सकती हैं ये समस्याएं
1. शिशु की नाक की हड्डी और उपास्थि 'bone and cartilage' बहुत नाजुक होती है। इसे खींचने से चोट लग सकती है, जिससे शिशु को दर्द हो सकता है और नाक का आकार भी जीवनभर के लिए खराब हो सकता है।
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2. नाक खींचने यानी मालिश करते हुए तेजी से रगड़ने से नाक की आंतरिक संरचना प्रभावित हो सकती है, जिससे शिशु को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
3. शिशु की नाक को बार-बार खींचने से नाक की त्वचा पर घाव हो सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
4. नाक खींचने से शिशु को दर्द और असुविधा हो सकती है, जिससे शिशु को चिड़चिड़ा और असहज हो सकता है।
निष्कर्ष
शिशु की नाक खींचना एक गलत धारणा पर आधारित प्रथा है, जो शिशु के लिए हानिकारक भी हो सकती है। ऐसे में यह जरूरी है कि माता-पिता इस मिथक को समझें और शिशु का ख्याल रखें। शिशु के शारीरिक विकास को प्राकृतिक रूप से होने दें औ इस प्रकार की हानिकारक प्रथाओं से बचें।
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