Kya Kidney Ki Bimari Mein Urine Mein Jhag Aata Hai In Hindi: किडनी हमारे शरीर के अहम अंगों में से एक है, जो ब्लड को फिल्टर करने और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है, साथ ही, इससे शरीर में मौजूद तरल पदार्थ को बैलेंस रखने में मदद मिलती है। लेकिन काम की भागदौड़, अनहेल्दी खानपान और अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण कई बार लोगों को किडनी के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो जाती हैं, जिसमें लोगों को थकान होने, खुजली होने, पैरों में सूजन आने और यूरिन से जुड़े कई लक्षण दिखाई देते हैं, कई बार नॉर्मल भी हो सकता है, लेकिन कभी-कभी यह गंभीर भी हो सकता है। ऐसे में आइए नई दिल्ली के बीएलके मैक्स हॉस्पिटल के कंसल्टेंट- नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. भानु मिश्रा (Dr.Bhanu Mishra, Consultant-Nephrologist, BLK Max Hospital, New Delhi) से जानें क्या किडनी की समस्या के कारण यूरिन में झाग आते हैं?
क्या किडनी की समस्या होने के कारण यूरिन में झाग आते हैं? - Does Foaming In Urine Occur Due To Kidney Problems?
डॉ. भानु मिश्रा के अनुसार, हां, किडनी की समस्या होने के कारण लोगों को यूरिन में झाग आने जैसे लक्षण दिखते हैं। नॉर्मली यूरिन में थोड़ा बहुत झाग आना आम बात है। खासकर तब, जब यूरिन तेज फ्लो में आता है या यूरिन को लंबे समय तक रोकने के कारण भी ऐसा हो सकता है। लेकिन अगर झाग लगातार आता है या यह बढ़ता रहता है, तो यह किडनी की किसी गंभीर समस्या के संकेत के कारण हो सकता है।
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बात दें, जब किडनी ठीक से काम नहीं पाती है, तो यह प्रोटीन को यूरिन में फ़िल्टर कर देती है, जिसे "प्रोटीन्यूरिया" कहा जाता है। प्रोटीन की मौजूदगी यूरिन को झागदार (Foamy Urine Causes) बना सकती है। यह क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD), ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस या डायबिटिक नेफ्रोपैथी जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, यूरिन में झाग आना यूरिन को देर तक रोकने, हाई प्रोटीन डाइट लेने या शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) जैसे कई कारणों से भी हो सकते हैं।
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यूरिन में झाग आने के किडनी से जुड़े कारण - Kidney Related Causes Of Foam In Urine In Hindi
क्रॉनिक किडनी डिजीज
यूरिन में झाग आना क्रॉनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease (CKD)) की समस्या के कारण हो सकती है। यह समस्या किडनी की बीमारी के लंबे समय तक चलने के कारण होती है, जिसमें धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता पर बुरा असर होता है।
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ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की समस्या
ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Glomerulonephritis) की समस्या में किडनी के फिल्ट्रेशन यूनिट्स में सूजन आने से होती है, जिससे प्रोटीन लीकेज हो जाती है। जिसके कारण किडनी की कार्यक्षमता पर बुरा असर होता है।
डायबिटिक नेफ्रोपैथी
डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) की समस्या में यूरिन के जरिए अधिक मात्रा में प्रोटीन शरीर से बाहर निकल जाता है। जिसके कारण लोगों को पेशाब में अधिक झाग आने की समस्या होती है।
झागदार यूरिन में कब लें डॉक्टर से सलाह? - When To Consult A Doctor In Case Of Foamy Urine?
यूरिन में अधिक और बार-बार झाग आने की समस्या होने (Foamy Urine Symptoms), कम यूरिन आने, थकान होने, कमजोरी होने, बार-बार पेशाब आने, भूख कम लगने, उल्टी या मतली की समस्या होने, शरीर में सूजन आने, खासकर पैरों और टखनों में सूजन आने की समस्या को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। ये किडनी से जुड़ी गंभीर समस्या के लक्षणों में से एक हैं।
निष्कर्ष
यूरिन में झाग आना आम बात है, लेकिन अधिक झाग आना और बार-बार आना गंभीर समस्या के लक्षणों में से एक हो सकता है। यूरिन में झाग आना किडनी की गंभीर समस्या के लक्षणों में से एक है। किडनी शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करती है। ऐसे में किडनी की समस्या होने पर इसकी कार्यक्षमता पर असर होता है, जिसके कारण स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं भी बढ़ने लगती है। ऐसे में किडनी की समस्या के कोई भी लक्षण दिखने पर इनको नजरअंदाज न करें और किसी भी गंभीर समस्या से बचने के लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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FAQ
किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
किडनी खराब होने या इससे जुड़ी गंभीर समस्या होने पर लोगों को रात में बार-बार यूरिन आने, यूरिन के रंग में बदलाव होने, वजन बढ़ने, पैरों और टखनों में सूजन आने, त्वचा में खुजली होने, यूरिन में झाग आने और हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने जैसी कई लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में किडनी के स्वास्थ्य से जुड़े इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।क्या खाने से किडनी हमेशा स्वस्थ रहती है?
किडनी के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या होने पर लोग डाइट में हेल्दी और पोषक तत्वों से युक्त फलों और सब्जियों को डाइट में शामिल करें, दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे फूड्स को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, अधिक नमक का सेवन करने से बचें।किडनी पेशेंट को क्या-क्या परहेज करना चाहिए?
किडनी पेशेंट को हरी पत्तेदार सब्जियों, सोडा, कैफीन, अल्कोहल, शकरकंद, प्रोसेस्ड मीट, फास्ट फूड और अन्य प्रोसेस्ड फूड जैसे फूड्स को खाने से बचना चाहिए। इनका अधिक सेवन करने से लोगों में किडनी के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा मिल सकता है।