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प्रेगनेंसी के मुश्‍क‍िल सफर को ऐसे बनाएं आसान, फॉलो करें डॉक्‍टर की ये सलाह

Pregnancy Tips in Hindi: प्रेगनेंसी से ड‍िलीवरी तक का सफर आसान बनाया जा सकता है। डॉक्‍टर की बताई 5 एडवाइज को आज से ही फॉलो करना शुरू कर दें।

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Mar 01, 2023 14:27 IST
प्रेगनेंसी के मुश्‍क‍िल सफर को ऐसे बनाएं आसान, फॉलो करें डॉक्‍टर की ये सलाह

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Healthy Pregnancy Tips: प्रेगनेंसी में नौ महीनों का सफर मुश्‍क‍िल होता है। इस बीच छोटी से लापरवाही भी जानलेवा हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण मह‍िलाओं को कई शारीर‍िक और मानसिक समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। डॉक्‍टर, प्रेगनेंसी में मह‍िलाओं को हेल्‍दी जीवनशैली जीने की सलाह देते हैं। हेल्‍दी जीवनशैली वो है ज‍िसमें डाइट, एक्‍सरसाइज, हाइजीन से जुड़ी आदतों को शाम‍िल क‍िया जाए। छोटी-छोटी बातों का ख्‍याल रखकर, प्रेगनेंसी में होने वाली बड़ी समस्‍याओं से बचा जा सकता है। उदाहरण के ल‍िए प्रेगनेंसी के दौरान पोषक तत्‍वों से भरपूर डाइट लेंगी, तो बच्‍चे को जन्‍म के समय होने वाली बीमार‍ियों से बचा सकती हैं। इसके अलावा भी कुछ आसान ट‍िप्‍स हैं ज‍िन्‍हें फॉलो करना न भूलें। इन ट‍िप्‍स को हम आगे लेख में जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्‍पताल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

healthy pregnancy journey

1. प्रेगनेंसी में शुगर लेवल कंट्रोल रखें

प्रेगनेंसी में डायब‍िटीज यानी जेस्‍टेशनल डायब‍िटीज की स्‍थ‍ित‍ि से गर्भवती मह‍िलाओं को बचना चाह‍िए। इसका सीधा असर होने वाले बच्‍चे पर पड़ता है। जेस्‍टेशनल डायब‍िटीज के कारण श‍िशु को जन्‍मजात बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। प्रेगनेंसी में डायब‍िटीज से बचने के ल‍िए मीठी चीजों का सेवन न करें, हर द‍िन कम से कम 30 से 40 म‍िनट एक्‍सरसाइज करें और समय पर भोजन खाएं। 

2. प्रेगनेंसी में यूटीआई से बचें 

मह‍िलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान यूटीआई यानी यूर‍िनरी ट्रैक्‍ट इन्‍फेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है। प्रोजेस्‍ट्रेरोन की मात्रा बढ़ जाने के कारण ऐसा होता है। इस संक्रमण का सीधा असर क‍िडनी पर पड़ता है। प्रेगनेंसी के दौरान यूटीआई से बचने के ल‍िए ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी का सेवन करें और साफ-सफाई का ख्‍याल रखें। यूटीआई से बचने के ल‍िए तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ा दें जैसे नींबू पानी, नार‍ियल पानी, हर्बल टी आद‍ि। ज‍ितना ज्‍यादा आप पानी का सेवन करेंगी, उतना कम इन्‍फेक्‍शन की चपेट में आएंगी।

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3. प्री-एक्लेमप्सिया की स्‍थि‍त‍ि न बनने दें  

प्रेगनेंसी के दौरान तनाव या अन्‍य कारणों के कारण मह‍िलाओं को हाई बीपी की समस्‍या हो जाती है। इस स्‍थ‍ित‍ि को प्री-एक्लेमप्सिया के नाम से जाना जाता है। इस स्‍थ‍िति‍ में यूर‍िन के रास्‍ते, प्रोटीन शरीर से बाहर न‍िकल जाता है। ये स्‍थ‍ित‍ि बेहद गंभीर होती है। प्री-एक्लेमप्सिया से बचने के ल‍िए प्रेगनेंसी के दौरान समय-समय पर बीपी की जांच करती रहें। अपने आहार में फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें। ये सभी विटामिन, मिनरल्स और फाइबर का अच्छा स्त्रोत होते हैं। साथ ही डाइट में नमक की मात्रा कम कर दें। 

4. प्रेगनेंसी में हड्ड‍ियों को रखें मजबूत 

प्रेगनेंसी के दौरान म‍ह‍िलाओं को कमर में दर्द, पैर दर्द, सूजन और ख‍िंचाव आद‍ि समस्‍याएं होती हैं। इसके कारण उठने या बैठने में तकलीफ महसूस होती है। हड्ड‍ियों के कमजोर होने के कारण ऐसा होता है। हड्ड‍ियों के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है कैल्‍श‍ियम की कमी होना। प्रेगनेंसी के दौरान कैल्‍श‍ियम की कमी दूर करने के ल‍िए दूध का सेवन करें। दूध के अलावा दही, ब्रोकली, सोयाबीन, बींस, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियों, तिल, किशमिश, टोफू आ‍दि का सेवन भी कर सकती हैं। 

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5. प्रेगनेंसी के दौरान खून की कमी से बचें

प्रेगनेंसी के दौरान खानपान का ख्‍याल न रखने के कारण मह‍िला एनीम‍िया यानी खून की कमी का श‍िकार हो जाती है। खून की कमी से, गर्भस्‍थ श‍िशु की ग्राेथ रुक सकती है। खून की कमी के कारण गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है। प्रेगनेंसी में खून की कमी दूर करने के ल‍िए व‍िटाम‍िन सी युक्‍त भोजन खाएं। संतरा, कीवी, आम आद‍ि का सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा आयरन युक्‍त आहार लें। जैसे- अंडा, साबुत अनाज, दालें, बींस, सोयाबीन और शहद आद‍ि।

प्रेगनेंसी के सफर को आसान बनाने के ल‍िए इन ट‍िप्‍स को फॉलो करें। साथ ही समय-समय पर डॉक्‍टर के पास जाकर जांच करवाएं ता‍क‍ि क‍िसी भी समस्‍या को अर्ली स्‍टेज पर पकड़कर उसका इलाज क‍िया जा सके।    

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