Labor Symptoms in Hindi: प्रेगनेंसी के बाद डिलीवरी किस दिन होगी इसका अनुमान शरीर में नजर आने वाले लक्षणों से लगाया जा सकता है। जैसे-जैसे डिलीवरी का दिन नजदीक आता है, शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। हार्मोनल बदलाव के कारण कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। इन लक्षणों के आधार पर आप खुद को तैयार कर सकती हैं और जरूरी सावधानियां बरत सकती हैं। प्रेगनेंसी के 37वे हफ्ते में भी प्रीमैच्योर लेबर पेन हो सकता है। कुछ महिलाओं में ये दर्द तीसरी तिमाही में तेजी से बढ़ सकता है। लेकिन ये असली लेबर पेन नहीं होता है इसलिए डरें नहीं और डॉक्टर से संपर्क करें। आगे लेख में हम आपको बताएंगे लेबर शुरू होने से पहले नजर आने वाले कुछ कॉमन लक्षण (Labor Symptoms in Hindi)। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
1. पेट का शेप बदलना
डिलीवरी का समय आने पर पेट का शेप बदल जाता है। गर्भस्थ शिशु के नीचे आने के कारण पेट निचले हिस्से पर ज्यादा भारी महसूस होता है। इस लक्षण को देखकर भी आप ये मान सकती हैं कि प्रसव का समय नजदीक है।
2. जोड़ों और मांसपेशियों में खिंचाव होना
अगर आपके जोड़ों में और मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो रहा है, तो ये लेबर शुरू होने के संकेत हो सकते हैं। डिलीवरी का समय नजदीक आने पर ये लक्षण नजर आ सकता हे।
3. बेचैनी महसूस होना
लेबर पेन से पहले आपको बेचैनी महसूस होने लगती है। सोने या किसी भी मुद्रा में रहने से अड़चन होती है। लेबर पेन के दौरान कमजोरी महसूस हो सकती है।
4. पेट खराब होना
महिलाओं में लेबर पेन होने से पहले पेट खराब हो जाता है। गैस्ट्रिक समस्याएं भी लेबर शुरू होने का संकेत होती हैं। आपको कब्ज की समस्या हो सकती है। कुछ महिलाओं को डायरिया और अपच की समस्या भी होती है।
5. योनि से अधिक स्राव होना
योनि से स्राव होना भी डिलीवरी का एक लक्षण है। ये स्राव हल्के गुलाबी रंग का हो सकता हे। इसके अलावा बार-बार पेशाब होने आना भी प्रसव का समय नजदीक आने का एक लक्षण है।
इसे भी पढ़ें- क्या नॉर्मल डिलीवरी के लिए किए जाने वाले घरेलू उपाय वाकई कारगर होते हैं? जानें एक्सपर्ट की राय
प्रसव से पहले इन बातों का ख्याल रखें
- प्रसव की तारीख नजदीक आ रही है, तो मेडिटेशन करें।
- खुद को शांत रखें और तनाव से दूर रहें।
- हल्का खाना खाएं और आराम करें।
- किसी भी असामान्य लक्षण के नजर आने पर तुरंत दवा न लें, पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
- हल्के लाल रंग का रक्तस्राव या स्पॉटिंग होना।
- गर्भ में शिशु की हलचल कम होना।
- पीठ में दर्द महसूस होना।
- शरीर को हाइड्रेट रखें।
- धुंधला नजर आना।
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना।
- गर्भ में मौजूद थैली का फटना।
ऊपर बताए लक्षणों पर गौर करेंगी, तो प्रसव के लक्षणों को समझ पाएंगी। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version