
आमतौर पर जब एक महिला के पीरियड्स यानी महावारी मिस होती है, तो उसके दिमाग में एक आशंका यह होती है कि वह प्रेग्नेंट है। असल में, गर्भधारण के विषय में जानने का यह सबसे आसान तरीका होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीरियड्स मिस होने के अलावा कई अन्य लक्षण भी होते हैं, जो गर्भधारण करने के बाद आपको शुरुआती संकेत के तौर पर दिखाई देते हैं? यहां हम आपको ऐसे ही संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस ओर इशारा करते हैं कि आप गभर्वती हैं।
नींद आना
गर्भावस्था की शुरुआत से ही हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं। इस वजह से महिला काफी थकान महसूस करती है और उसे नींद भी काफी ज्यादा आने लगती है। यही नहीं, छोटे-छोटे काम भी महिला को बहुत ज्यादा थका देते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो नींद आने की वजह प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बढ़ोत्तरी हो सकती है। ऐसा महिला को गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों तक होता रहता है। गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में महिलाएं अक्सर ऑफिस में काम करते हुए भी थकान महसूस करने लगती हैं।
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स्तनों में भारीपन
पीरियड्स मिस होते ही अगर आप गर्भवती हुईं, तो आप महसूस करेंगी कि आपके स्तन भारी हो गए हैं। ऐसा असल में एस्ट्रोजेन के स्तर में वृद्धि के कारण होता है। इसके साथ ही, निप्पल के रंगों में भी बदलाव होने लगता है और हल्की खुजली का अहसास भी होता है। यही नहीं स्तन में हल्की चुभन भी महसूस होती है। हालांकि, यहां बताई गई कोई भी बात इस बात की पूरी तरह से पुष्टि नहीं करती है कि आप प्रेगनेंट हैं। कई बार महिला को पीरियड्स की वजह से भी ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं। लेकिन गर्भवती महिला में सामान्य तौर पर इन लक्षणों को देखा गया है।
ऐंठन महसूस करना
जिस तरह पीरियड्स के दौरान ऐंठन होती है उसी तरह गर्भावस्था की शुरुआत में भी महिला को ऐंठन का अनुभव हो सकता है। ऐंठन आपको पेट या पीठ के निचले में हिस्से में हो सकती है। विशेषज्ञ इसे बहुत स्पष्ट संकेत मानते हैं। लेकिन साथ ही सलाह देते हैं कि ऐंठन होने की वजह कभी-कभी सिर्फ पीरियड्स हो सकते हैं।
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उल्टी होना
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में उल्टी भी होने लगती है। ऐसा अक्सर सुबह के समय महसूस होता है। यह लक्षण भी महिला के गर्भवती होने की ओर इशारा करता है। यह स्थिति अक्सर महिला को परेशान और असहज कर सकती है। एक्सपर्ट की मानें तो गर्भधारण करने के करीब 4-6 सप्ताह बाद मतली होना और उल्टी जैसा महसूस होता रहता है। ऐसा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के स्तर में बढ़ोत्तरी होने की वजह से होता है। आपको बताते चलें कि गर्भावस्था के शुरुआती सप्ताह में 80 फीसदी महिलाओं को उल्टी होने की समस्या होती है।
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खाने की चाह होना
गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में बदलाव के कारण खाने के प्रति महिलाओं की चाह बढ़ जाती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को तीखा और खट्टा ज्यादा खाने का मन करता है। कुछ महिलाओं में यह संकेत शुरुआती कुछ महीनों तक दिखता है, जबकि कुछ महिलाओं को पूरे नौ महीने तक फूड क्रेविंग होती रहती है। इसके साथ ही, महिला में हार्मोनल असंतुलन के कारण मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर प्रभावित होता है, जो महिला के मूड को बार-बार प्रभावित करता है। इससे महिला का मूड स्विंग बहुत ज्यादा होता है।
शरीर का तापमान
शरीर के बदलते तापमान की मदद से आप यह जान सकती हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं। दरअसल, ऑव्यूलेशन से पहले शरीर का तापमान बढ़ने लगता है और महावारी के बाद शरीर का तापमान फिर से सामान्य हो जाता है। अगर गर्भावस्था की बात करें, तो इस दौरान शरीर का तापमान आमतौर पर ज्यादा रहता है। ऐसा प्रोजेस्ट्रोन के उच्च स्तर की वजह से होता है।
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