आगे बढ़ने की भागदौड़ के कारण हम अक्सर अपनी सेहत को पीछे छोड़ देते हैं। सुबह से शाम तक की व्यस्त दिनचर्या न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालने लगती है। काम का समय बढ़ाने के लिए आजकल हर कोई अपनी नींद से समझोता पहले करता है। लेकिन लंबे समय में यह आदत कई गंभीर समस्याओं का कारण बनने लगती हैं। पर्याप्त नींद न लेना स्लीप एपनिया और इंसोम्निया यानि अनिद्रा जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। नींद से जुड़ी यह समस्याएं सेहत के जुड़े कई जोखिम बढ़ाने का कारण बन सकती हैं। इनके लक्षण एक-जैसे लग सकते हैं, जो इन दोनों में अंतर करना मुश्किन बना सकते हैं। लेकिन इन दोनों में अंतर जानना बेहद जरूरी है जिससे सही समय पर इलाज लिया जा सके। इस विषय को विस्तार से जानने के लिए हमने बात कि मनस्थली से फाउंडर और डायरेक्टर व वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ ज्योति कपूर से। जिसे हम इस लेख के माध्यम से आपसे साझा करेंगे।
जानिए क्या है स्लीप एपनिया और अनिद्रा - The Difference Between Sleep Apnea And Insomnia
स्लीप एपनिया एक गंभीर विकार है जिसमें व्यक्ति को नींद के दौरान सांस लेने में समस्या हो सकती है। इसमें व्यक्ति को रूक-रूककर सांस आने लगती है, जिसे एपनिया कहा जाता है। जबकि इंसोम्निया यानि अनिद्रा की समस्या में नींद लेने में परेशानी, बार-बार नींद खुलना और आरामदायक नींद लेने में परेशानी होती है।
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स्लीप एपनिया और अनिद्रा के लक्षण
स्लीप एपनिया का सबसे आम लक्षण दिन में अत्यधिक नींद आना। इसके अलावा सोते वक्त खर्राटे लेना, हांफना या दम घुटने जैसा महसूस करना, सुबह उठते ही सिरदर्द होना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना शामिल है।
इंसोम्निया से पीड़ित लोगों को नींद लेने में कठिनाई हो सकती है। इसके साथ ही रात में बार-बार जागना, सुबह जल्दी नींद खुल जाना या नींद पूरी न होने जैसे अनुभव हो सकते हैं। वहीं दिन के समय थकान, चिड़चिड़ापन, किसी काम पर ध्यान लगाने में परेशानी जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
स्लीप एपनिया और अनिद्रा के कारण
स्लीप एपनिया की समस्या लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याओं जैसे कि मोटापा, हाइपोथाइराइडिज्म, हार्मोन असंतुलन, फिजिकल ब्लोकेज और दिमाग को सिग्नल भेजने वाली मांस-पेशियों में कमजोरी आने के कारण हो सकती है। वहीं उम्र का बढ़ना, जेनेटिक समस्याएं या छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं भी स्लीप एपनिया का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
इंसोम्निया के कारणों में व्यक्ति का स्ट्रेस, एंग्जायटी, डिप्रेशन या कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होना शामिल हो सकता है। इसके साथ ही दवाओं या कैफीन का अत्यधिक सेवन और स्लीप हाइजीन पर ध्यान न देना हो सकता है। इंसोम्निया के लिए जोखिम वृद्धावस्था, मानसिक स्वास्थ्य और कुछ जीवन शैली से जुड़ी समस्याएं भी इसका जोखिम बढ़ा सकती हैं।
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स्लीप एपनिया और अनिद्रा का उपचार - Sleep Apnea And Insomnia Treatment
स्लीप एपनिया का उपचार
स्लीप एपनिया के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही कुछ खास प्रकार की थेरेपीज, लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे कि वजन कम करना, शराब और अधिक नमक से परहेज रखने जैसी सावधानियां शामिल हैं।
इंसोम्निया का उपचार
इंसोम्निया की समस्या थेरेपी और योगासन की मदद से कंट्रोल हो सकती है। इसके साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव, समस्या समझकर समय पर इलाज और रिलैक्सिंग एक्सरसाइज फायदेमंद हो सकती हैं।