
बुजुर्ग लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं लगी रहती हैं। इन्हीं में से कुछ हैं घुटनों में मदर्द, जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में तकलीफ होना शामिल है। असल में बुजुर्ग लोगों की हड्डियां काफी कमजोर हो जाती हैं, जिस वजह से उनके ज्वाइंट में भी अकसर दर्द हो जाता है। इस वजह से उनके लिए रोजमर्रा के कामकाज करना भी मुश्किल हो जाता है। चलते-फिरते हुए भी तकलीफ होती है। ऐसी स्थिति में ज्यादातर बुजुर्ग लोग दवाओं का सेवन करते हैं। जबकि कुछ योगासनों को अपनी डेली लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाकर आप अपनी हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं। इससे ज्वाइंट पेन में भी आराम आने लगेगा और रोजमर्रा के कामकाज भी मुश्किल भरे नहीं लगेंगे। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि यहां बताए गए योगासन करने में अगर आपको जरा भी दिक्कत महसूस हो तो इन आसनों को न करें या फिर किसी विशेषज्ञ की मदद से इन आसनों को कर सकते हैं। साथ ही इन आसनों को शुरुआती दिनों में कम समय के लिए करें। आप धीरे-धीरे अपनी जरूरत के अनुसार समयावधि को बढ़ा सकते हैं। तो जानिए, कौन से हैं वे मुख्य तीन आसन जिनसे बुजुर्ग लोगों को ज्वाइंट पेन और घुटनों के दर्द में आराम मिल सकता है।
प्राणायाम
कैसे करें : प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले किसी खाली कमरे में चटाई बिछाकर आलती-पालथी मारकर बैठ जाएं। प्राणायाम करते वक्त मन शांत रखें। ध्यान रहे कि आसपास ज्यादा आवाज न हो। अपनी आंखें बंद कर लें। अब दाएं अंगूठे से दाईं नाक को दबाकर बाई नाक से सांस अंदर की ओर खींचें। अब अपनी अनामिका उंगली से बाईं नासिका को दबाकर दाईं नाक से सांस छोड़ें। कुछ देर बाद यही प्रक्रिया रिवर्स करें। अगर आपको दिक्कत न हो तो 5 मिनट तक इस आसन को दोहराएं। आप अपनी सहूलियत के अनुसार समयावधि बढ़ा भी सकते हैं।
लाभ : जब आप रेग्युलर प्राणायाम करते हैं, तो अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी होती है, पोस्चर सही होता है, जिससे पीठ के दर्द में आराम लगने लगता है। इसके साथ ही प्राणायाम करने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है और धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में हो रहे दर्द से भी छुटकारा मिलता है।
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ताड़ासन
कैसे करें : ताड़ासन करने के लिए सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएं। अपनी रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीध में रखें। दोनों पैरों के बीच सामान्य गैप रखें। अब गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर की ओर ले जाएं और हथेलियों को जोड़ लें। इसी दौरान आप अपने पूरे शरीर को भी ऊपर की ओर उठाएं ताकि बॉडी स्ट्रेच हो सके। इसी अवस्था में 15 सेकेंड तक टिके रहें। कुछ देर बाद सामान्य अवस्था में लौट आएं। सामान्य अवस्था में लौटते वक्त अपनी सांस की गति पर ध्यान दें। जब आप अपने हाथों को नीचे की ओर करें, तो सांस छोड़ें। अगर ताड़ासन में खड़ा होना मुश्किल न लगे, तो 10 से 15 बार इस आसन को दोहरा सकते हैं।
लाभ : ताड़ासन मुख्य रूप से शरीर के स्ट्रक्चर में सुधार करता है। बुजुर्ग लोगों को इस आसन को नियमित रूप से करना चाहिए। इस आसन को करना भी बहुत आसान है। इस आसन की मदद से जांघों, एड़ियों और हाथों को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही व्यक्ति का पाचन तंत्र बेहतर होता है।
बाधा कोणासन
कैसे करें : इस आसन को करने के लिए एक मैट पर कमर सीधी करके बैठ जाएं। अपने पैरों को खोल लें। अब सांस छोड़ते हुए घुटनों को अंदर की ओर मोड़ें। एड़ियों को आपस में चिपकाएं। अगर संभव न हो, तो घुटनों को जमीन से छुआने की कोशिश न करें। इससे आपको तकलीफ हो सकती है। अब अपने पैर के अंगूठे को अपनी दो उंगली की मदद से पकड़ें। इस अवस्था में एक से पांच मिनट तक बैठें। कुछ देर बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं। आसन को करते हुए अपनी सांस की गति को सामान्य रखें।
लाभ : बाधा कोणासन करने से घुटनों और जांघ मजबूत बनते हैं, ज्वाइंट पेन से आराम मिलता है। इसके साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता है। यही नहीं, अगर आप रोजाना इस आसन को करते हें तो इससे आपकी थकान दूर होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस आसन की मदद से तनाव भी दूर होता है। यह भी माना जाता है कि इस आसन की मदद से पुराने से पुराना कम दर्द भी ठीक होने लगता है।