कंधों और हाथों को मजबूत बनाने के लिए रोज करें ये 5 योगासन, जानें तरीका और फायदे

कंधे और हाथों को मजबूत बनाने के लिए आप कुछ खास योगासन कर सकते हैं । इससे मांसपेशियों में भी मजबूती आती है। 
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कंधों और हाथों को मजबूत बनाने के लिए रोज करें ये 5 योगासन, जानें तरीका और फायदे


हमारा कई काम हमारे हाथों और कंधे के बल पर ही होता है। चाहे खाना खा रहे हो या ऑफिस का काम करना हो। सभी कामों के लिए आपके हाथों और कंधे मजबूत होना बहुत जरूरी है। कई बार हमारे हाथ और कंधे थोड़ा बहुत काम करने के बाद ही दर्द देने लगते हैं। ऐसे में आप जिम जाने की भी सोचते हैं लेकिन भारी वेट से आपके हाथों में दर्द बढ़ने लगता है और कई बार आप जिम जाने का विचार भी छोड़ देते हैं। ऐसे में आप कुछ साधारण और आसान योगासन करके अपने हाथों और कंधों को मजबूत बना सकते हैं। साथ ही इससे आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी सही होता है, जिससे पूरे शरीर को तंदुरुत बनाए रखने में मदद मिलती है। आइए आपको इन योगासनों को करने का तरीका और फायदों के बारे में ।

कंधों और हाथों की मजबूती के लिए योगासन (Yogaasana for shoulder and hand)

1. प्रसारित पद्मोत्तानासन (Standing wide-legged forward bend with hand locked)

इस योगासन में अभ्यास के दौरान पैरों को खोलकर फैलाना पड़ता है। इस योग से हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स को खोलने में मदद मिलती है। ये आपके मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही कंधे और हाथों का मूवमेंट बेहतर होता है। लचीलापन बढ़ने के कारण शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। आगे की तरफ झुककर किए जाने वाले इस योगासन में आपके मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता है। ये कंधे और हाथों की थकान को दूर करता है।

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Image Credit- Freepik

प्रसारिता पद्मोत्तानासन करने का तरीका

1. योग मैट पर ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं और सांस खींचते हुए दांए पैर को पीछए की तरफ ले जाएं।

2. हाथों को कंधे की ऊंचाई तक स्ट्रेच करें। हाथों को हिप्स की ओर ले जाएं। सांस खीचें और सीने को ऊपर की तरफ खींचे।

3. सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। आगे झुकने पर अंगुलियां योग मैट को छूने लगेंगी।

4. स्ट्रेचिंग करते हुए जमीन को सिर से छूने की कोशिश करें। वहीं हिप्स को ऊपर की ओर स्ट्रेच करने की कोशिश करें।

5. धड़ की मांसपेशियां आपके स्पाइन को खींचकर रखेगी। कोहनियां मुड़ी हुई रहेंगी।

6. इन आसन को एक मिनट के लिए करें और धीरे-धीरे उसी अवस्था में वापस आ जाएं।

सावधानियां

1. रीढ़ की हड्डी या गंभीर बीमारी होने पर इस योगासन न करें।

2. गर्दन में दर्द होने पर या ब्लड प्रेशर के मरीज भी इस योगासन को करने से बचें।

3. साथ ही अगर आप कंधे में दर्द की समस्या है, तो हाथ ऊपर न उठाएं।

4. शुरुआत में प्रसारित पद्मोत्तानासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करना चाहिए।

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2. गरुड़ासन (Eagle pose)

गरुड़ासन बांहों और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। पीठ के ऊपरी हिस्से, हाथों और कंधों में भी खिंचाव लाता है। इस योगासन की मदद से एकाग्रता और शारीरिक संतुलन में सुधार आता है। 

गरुड़ासन करने का तरीका

1. ताड़ासन में अवस्था में सांस लेते हुए खड़ें हो जाएं।

2. बाएं पैर को उठाकर दाएं पैर के ऊपर टिका लें। साथ ही बाई जांघ दाई जांघ के ऊपर टिकी हो और बाएं पैर की उंगलियों को जमीन पर रखें।

3. अब बाएं पैर को घुमाकर इसी तरह दाएं पैर के पीछे ले आएं ताकि बायां पंजा पिडंली पर टिका हो।

4. अब दोनों बांहों को आगे की ओर उठाएं।

5. अब दाहिने बांह को बाई बाह के ऊफर रखें, दोनों कोहनियों को 90 डिग्री पर मोड़े और दाएं हाथ को मोड़कर बाएं हाथ के सामने ले आएं।

6. दोनों हथेलियों को जोड़ें। कोशिश करें की बाजू जमीन से समान्तर हों।

7. इस मुद्रा में 1 मिनट खड़े रहें और दूसरी ओर भी यही प्रक्रिया दोहराएं।

सावधानियां

1. अगर आपके घुटनों में दर्द या चोट हो, तो गरुड़ासन को न करें।

2. अगर पहली बार करने में  कठिनाई आ रही है, तो आप दीवार का सहारा ले सकते हैं।

3. गठिया के दर्द में बिना एक्सपर्ट की सलाह के इस योगासन को न करें।

3. गोमुखासन 

गोमुखासन की मदद से पीठ और बांहों की मांसपेशियों को मजबूत होती हैं। इस अभ्यास से थकान, चिंता और तनाव को कम कर सकते हैं। यह पैर में ऐंठन को कम करता है और पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इसके नियमित अभ्यास से कंधों और हाथों के दर्द में काफी आराम मिलता है।

गोमुखासन करने का तरीका 

1. खुले स्थान पर योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं।

2. इसके बाद अपने बाएं पैर को अपने शरीर की ओर खींच के उसे अपने पास ले आएं।

3. अब अपने दाएं पैर को जांघों के ऊपर रखें और उसे भी खींचकर अपने शरीर के पास ले आएं।

4. फिर अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी के पास से मोड़कर अपनी पीठ के पीछे जितना अधिक हो सकता है लेकर जाने की कोशिश करें।

5. अब अपने बाएं हाथ को भी कोहनी के पास से मोड़ें और पेट के साइड से पीछे की ओर पीठ पर लेकर आएं।

6. अब दोनों हाथों को खींचकर आपस में मिलाने की कोशिश करें और पीठ के पीछे हाथों को पकड़ लें।

7. इस मुद्रा में कुछ देर रहें और 10-12 बार सांस लें। फिर पुन प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

सावधानियां

1. अगर पीठ के पीछे हाथों को पकड़ने में परेशानी हो रही है, तो जबरदस्ती न करें।

2. रीढ़ की हड्डी में किसी प्रकार की समस्या हो, तो ये योगासन न करें।

3. आपके घुटने, गर्दन, कंधे में दर्द है, तो इस योगासन को न करें।

4. गर्भवती महिला पहले तीन महीने में ये अभ्यास न करें।

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4. अधोमुख श्वानासन

इस योगासन से हाथ-पैर की मांसपेशियां मजबूत होती है और इससे शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। यह अभ्यास पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। साथ ही यह शरीर को फुर्तीला-लचीला बनाता है।

अधोमुख श्वानासन करने का तरीका

1. सबसे पहले जमीन पर एकदम सीधे खड़े हो जाएं।

2. दोनों हाथों को आगे करते हुए नीचे जमीन की ओर झुक जाएं। झुकते समय आपके घुटने सीधे होने चाहिए।

3. आपके दोनों हाथ कंधे के बराबर नहीं बल्कि इससे ज्यादा झुके होने चाहिए।

4. अब अपने हाथों की हथेलियों को झुकी हुई अवस्था में आगे की ओर फैलाएं और उंगलियां सीधी रखें।

5. सांस छोड़े और घुटनों को अधोमुख श्वानासन मुद्रा के लिए हल्का सा धनुष के आकार में मोड़ें।

6. इसके बाद हाथों को पूरी तरह जमीन पर कंधों के नीचे से आगे की ओर फैलाए रखें।

7. अब अपने घुटनों को जमीन पर थोड़ा और झुकाएं और हिप्स को जितना संभव हो ऊपर उठाएं।

8. ध्यान रखें कि सिर हल्का सा जमीन की ओर झुका होना चाहिए और पीठ के बराबर होना चाहिए।

सावधानियां

1. अगर आपकी कलाई में किसी तरह की समस्या है तो इसे न करें। 

2. यदि पीठ, कमर, कंधों और भुजाओं में चोट लगी हो, तो इस आसन को करने से बचें।

3. गर्भावस्था में इस योगासन को करने से बचना चाहिए।

4. कार्पल टनल सिंड्रोम से पीड़ित लोग इस अभ्यास को न करें।

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5.  बालासन

इस योगाभ्यास से कंधे, जोड़ों के दर्द, पीठ और कमर दर्द में काफी आराम मिलता है। बालासन से दिमाग को शांत रखने और शरीर को लचीला बनाने में मदद मिलती है। महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है।

बालासन के करने का तरीका 

1. बालासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं।

2. अब दोनों हाथों को आगे की ओर करें और सिर को जितना हो सके नीचे की ओर झुकाएं।

3. अपने हाथों को सिर से लगाते हुए आगे की ओर सीधा रखें और हथेलियां जमीन रखें।

4. शुरुआत में 15 से 20 सेकेंड इस आसन का अभ्यास करें और बाद में समय बढ़ा सकते हैं।

सावधानियां

1. घुटनों और कंधों में किसी तरह की चोट लगी हो तो बालासन का अभ्यास न करें।

2. डायरिया से पीड़ित लोगों को बालासन करने से परहेज करना चाहिए।

3. प्रेगनेंट महिलाएं इस आसन का अभ्यास न करें। 

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