
संतुलन आसन का अर्थ है अपने शरीर में आसनों के द्वारा संतुलन स्थापित करना। इसमें सभी प्रकार के बॉडी बैलेंस करने वाले आसान आते हैं। इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार ने बताया कि संतुलन आसन में नटराज आसन, बकासन, वृश्चिक आसन, सर्वांसन, शीर्षासन आदि आते हैं। संतुलन आसन में पर्वतासन और वीरभद्रासन 3 भी आता है। यह सभी आसन करने से मन की शांति से लेकर शारीरिक शांति भी मिलती है। यह आसन शरीर को संतुलित करते हैं जिस वजह से आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। इनोसेंस योगा की योग एक्सपर्ट भोली परिहार से जानते हैं कि संतुलन आसन में कौन से आसन करने से क्या फायदा मिलता है। यहां हम आपको पर्वतासन और वीरभद्रासन 3 का करने का तरीका और फायदे बता रहे हैं।
पर्वतासन (Tree Pose) करने का फायदा
पर्वतासन एक संतुलन आसन है। इस आसन को करने से हमें शारीरिक रूप से संतुलन प्राप्त होता है। साथ ही साथ यह आसन हमारी पैर की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह आसन वजन कम करने में भी सहायक है। साथ ही साथ यह आसन करने से हमारी बॉडी में रक्त संचार बढ़ जाता है। जिससे हमारी बॉडी में अनचाहे पदार्थ पसीने के माध्यम से बाहर आ जाते हैं। यह आसन हमारे शरीर को एक अच्छा खिंचाव देता है, जो हमारी थकान करने का काम करती है। यदि आप बहुत ही सुस्त महसूस कर रहे हैं तो पर्वतासन करने से आपकी बॉडी में ऊर्जा का संचार होगा, और आप अच्छा महसूस करेंगे।
पर्वतासन करने का तरीका
- सावधान अवस्था में खड़े हो जाएं।
- दोनों हाथों को अपने जांग से चिपका लें।
- कमर को सीधा रख कर अपने राइट पैर के घुटने को मोड़ लें।
- सीधे पैर के पंजे को उल्टे पैर के जांघ के ऊपर रख लें।
- अब अपनी बॉडी का संतुलन बनाते हुए सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को आसमान की ओर उठाएं व नमस्कार मुद्रा में जोड़ लें।
- इसमें आपकी रीढ़ की हड्डी सीधा रखते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें और हाथों को लगातर ऊपर की ओर खींचते जाएं।
- अपने उल्टे पैर के पंजे से बॉडी का संतुलन स्थापित करने का प्रयास करें।
- इस आसन में 30 सैकेंड होल्ड करें।
- यदि आप इस आसन में होल्ड नहीं कर पा रहे हैं तो दीवार का सहारा लेते हुए इस आसन को करें।
इसे भी पढ़ें : कोरोना से रिकवरी में मदद करेंगे ये 4 प्राणायाम और 5 योगासन, एक्सपर्ट से जानें विधि और फायदे
पर्वतासन करते समय सावधानियां
- जिन लोगों का वजन बहुत ज्यादा है वे इस आसन को सावधानीपूर्वक करें। अन्यथा चोट लग सकती है।
- जिन लोगों के एंकल में इंजरी है, वे इस आसन को न करें।
- यदि आपको अर्थराइटिस है तो भी अपने घुटने को बहुत ज्यादा प्रेशर न दें।
वीरभद्रासन 3 (Worrier 3) के फायदे
वीरभद्रासन 3 करने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। इस आसन को करने से हमें शारीरिक व मानसिक रूप से संतुलन की प्राप्ति होती है। जब तक आपका मन शांत नहीं होगा आप इस आसन को संतुलन में नहीं कर पाएंगे। धीरे-धीरे इसका अभ्यास करने से आपका शरीर संतुलित होगा और फिर दिमाग संतुलित होगा। वीरभद्रासन करने से आपके विचारों में भी संतुलन आता है और पूरे शरीर के मांसपेशियों को भी आराम देता है। वीरभद्रासन हमारे पैरों व कमर की मांसपेशियां अतिरिक्त मजबूत होती हैं। यह हमारे कंधे व गर्दन के लिए भी लाभकारी है।
वीरभद्रासन 3 करने का तरीका
- सावधान स्थिति में खड़े हो जाएं।
- अपने दोनों हाथों को अपनी जांघों से चिपका से लें और पूरे शरीर को सीधा करते हुए अपने पंजों को मैट की तरफ दबाएं।
- अपनी बॉडी का संतुलन बनाते हुए अपने सीधे पैर को पीछे से उठाते हुए 90 डिग्री पर ले आएं।
- अपने दोनों हाथों को बगल से उठाते हुए कानों के बगल से सामने की ओर तान दें। इसमें आपका सारा वजन आपके उल्टे पैर पर रहेगा।
- इस आसन में हमारे शरीर की स्थिति अंग्रेजी के वर्ण टी (T) की तरह रहेगी।
- इस आसन में 30 सैकेंड होल्ड करें और दूसरे पैर से भी दोहराएं। और वापस आ जाएं।
- इस आसन को आप दीवार का सहारा लेकर भी कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : International Yoga Day 2020: रुजुता दिवेकर से जानें 'वीरभद्रासन' और 'पर्श्वोत्तनासन' करने का सही तरीका
वीरभद्रासन 3 करते समय सावधानियां
- जिन लोगों का वजन बढ़ा हुआ है वे इसे सावधानी से करें क्योंकि वे गिर सकते हैं।
- जिन लोगों को अर्थराइटिस है वे लोग इस आसन को न करें।
संतुलन आसन में पर्वतासन और वीरभद्रासन दोनों आते हैं। इन आसनों को करने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है और संतुलन बनता है।
Read More Articles on Yoga in Hindi