International Yoga Day 2020: रुजुता दिवेकर से जानें 'वीरभद्रासन' और 'पर्श्वोत्तनासन' करने का सही तरीका

अगर आप भी खुद को हमेशा फिट रखना चाहते हैं तो रुजुता देवकर से जानें वीरभद्रासन और पर्श्वोत्तनासन करने का सही तरीका। 

Vishal Singh
Written by: Vishal SinghUpdated at: Jun 20, 2020 11:33 IST
International Yoga Day 2020: रुजुता दिवेकर से जानें 'वीरभद्रासन' और 'पर्श्वोत्तनासन' करने का सही तरीका

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21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2020) है, जिसे लेकर लोग लगातार योग का अभ्यास करने में लगे हुए है और योग गुरु योग से मिलने वाले फायदे और हमारे जीवन में योग का महत्व क्या है ये बताने में जुटे हुए हैं। ऐसे ही मशहूर न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर भी लोगों को योग की अहमियत समझाने में लगी हुई हैं। रुजुता दिवेकर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो योग सिखाती हुई नजर आ रही हैं। दिवेकर की इस योग वीडियो को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। रुजुता दिवेकर ने अपने इस वीडियो में वीरभद्रासन (Virbhadrasana) और पर्श्वोत्तनासन (Parshavottanasana) के बारे में बता रही हैं। आइए रुजुता दिवेकर से जानते हैं इन दोनों आसन में क्या फायदे छुपे हुए हैं और इन्हें करने के आसान तरीके क्या है।

रुजुता दिवेकर वीरभद्रासन की शुरुआत करते हुए बताती हैं कि कैसे वीरभद्रासन हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। दिवेकर इस वीडियो में बताती हैं कि वीरभद्रासन को करने से हमारे शरीर में एक नई मजबूती आती है जो आपके मन और तन को एक नए साहस से जोड़ने का काम करती है। 

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वीरभद्रासन को करने का तरीका:

  • सबसे पहले एक दीवार के आगे अपना मैट खोल लें और जमीन पर दीवार से थोड़ी दूर सीधे खड़े हो जाएं। 
  • आप अपने एक पैर को पीछे करते हुए उसकी एड़ी को दीवार के सहारे लगा लें और एक पैर को आगे ही रखें।
  • अब अपने दोनों हाथों को बिलकुल सिर के ऊपर की ओर ले जाते हुए सीधा कर लें। 
  • इसके बाद आप पूरी छाती को तानते हुए आगे की ओर झुकने की कोशिश करें। 
  • कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद वापस अपने पहले वाली स्थिति में आ जाएं। 
  • अब आप दूसरे पैर से भी इस प्रक्रिया को दोहराएं। 

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वीरभद्रासन के फायदे

  • फेफड़ों, छाती, कंधे और गर्दन को मजबूत करता है वीरभद्रासन।
  • ऊपरी शरीर, पैर और जांघों की मांसपेशियों में आती है मजबूती।
  • कुछ हड़ियों के दर्द को भी करता है दूर।
  • साइटिका जैसी स्थिति को ठीक करता है वीरभद्रासन।

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पर्श्वोत्तनासन को करने का तरीका:

  • पर्श्वोत्तनासन को करने के लिए आप अपने आगे थोड़ी दूर पर एक कुर्सी रख लें। 
  • अब अपने एक पैर को पीछे ले जाते हुए एड़ी को दीवार पर टिकाएं और दूसरे पैर को आगे की ओर रखें। 
  • दोनों हाथों को खींचते हुए सिर के ऊपर ले जाएं और छाती को बिलकुल तान लें। 
  • फिर आप इसी स्थिति में अपने ऊपरी शरीर को नीचे कुर्सी को झुकाने की कोशिश करें।
  • कुर्सी के बराबर आने पर आप कुर्सी के पैर के निचले हिस्से को पकड़े की कोशिश करें। 
  • ध्यान रहे आपको इस प्रक्रिया में खुद को संतुलित और बिलकुल रखना है।
  • अपने कूल्हों को बिलकूल ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें। 
  • कुछ देर इस स्थिति में रुक कर वापस अपनी पहली वाली स्थिति में आ जाएं। 
  • अब आप इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से दोहराएं। 

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पर्श्वोत्तनासन के फायदे 

  • नियमित रूप से पर्श्वोत्तनासन करने से ये आपकी रीढ़, कूल्हें, कंधों और जांघों में मजबूती लाता है।
  • पेट के सभी हिस्सों को एक्टिव करने का काम करता है। 
  • दिमाग को शांत रखने में मददगार है पर्श्वोत्तनासन।
  • पाचन क्रिया को करता है बेहतर।
  • खुद के शरीर में बेलेंस होता है अच्छा। 
  • मांसपेशियों के दर्द को दूर भगाने में भी है कारगर।

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