
रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर का बहुत ही अभिन्न अंग माना जाता है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का हिस्सा है, जो एक स्तंभ के रूप में फैली हुई होती है। रीढ़ की हड्डी के द्वारा ही मस्तिष्क से शरीर के अन्य हिस्सों को महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाना है। रीढ़ की हड्डी का कैंसर तब बनता है, जब रीढ़ की हड्डी, ऊतकों, तरल पदार्थ या तंत्रिकाओं में असामान्य रूप से कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। धीरे-धीरे यह कोशिकाएं ट्यूमर का रूप धारण कर लेती हैं। हालांकि, रीढ़ की हड्डी का कैंसर काफी दुर्लभ होता है। मानस हॉस्पिटिल के ऑर्थोपेडिक डॉक्टर सचिन भामू का कहना है कि रीढ़ की हड्डी का कैंसर, हड्डियों से जुड़ा कैंसर है। इससे ग्रसित लोगों को मांसपेशियों में कमजोरी, शरीर के कई हिस्सों में दर्द, चलने और खड़े होने में कठिनाई और लकवा जैसे लक्षण दिखते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं रीढ़ की हड्डी कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके क्या हैं?
रीढ़ की हड्डी कैंसर के लक्षण (Spinal cord cancer symptoms)
- पीठ में लगातार दर्द होना
- शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द या जलन महसूस होना
- स्तब्ध हो जाना या झुंझुनाहट होना (तंत्रिका तंत्र पर दबाव पड़ने की स्थिति में आपको सुन्नता महसूस होती है)
- पैर या हाथ में मांसपेशियों की शक्ति न रहना।
- चलने में परेशानी
- थड़े होने में परेशानी
- मूत्र या मल नियंत्रण में कमी
- शरीर में थकान रहना
- वजन कम होना
- फेफड़ों में कैंसर फैलने पर सांस लेने में परेशानी होना (यह एक गंभीर स्थिति है)
रीढ़ की हड्डी के कैंसर का कारण (Causes of Spinal Cord Cancer)
- धूम्रपान का अधिक सेवन करना।
- शराब का सेवन करना।
- मोटापा
- शरीर स्थिर रहना इत्यादि।
रीढ़ की हड्डी कैंसर का इलाज (Spinal cord cancer Treatment)

सर्जरी - रीढ़ की हड्डी में जब किसी एक हिस्से पर ट्यूमर सीमित होता है, तो कैंसर का इलाज सर्जरी के जरिए किया जा सकता है।
विकिरण उपचार - स्पाइनल कैंसर रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल आमतौर पर ट्यूमर के सर्जिकल रिसेक्शन के बाद किया जाता है, ताकि पीछे छोड़े गए सूक्ष्म ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सके।