क्या माता-पिता खानपान विकार के जिम्मेदार

खानपान संबंधी विकारों के लिए माता-पिता कैसे जिम्मेदार है?
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क्या माता-पिता खानपान विकार के जिम्मेदार


खानपान संबंधी विकार सिर्फ दोषपूर्ण खान-पान संबंधी आदतों से संबंधित नही है। खान-पान संबंधी विकार को अक्सर विभिन्न मनोवैज्ञानिक कारकों के साथ भी जोड़ा जाता है। बच्चों के लिए यह घटित होना, उनके परिवार, विशेषरूप से, उनके माता-पिता के साथ संबंधित किया है। प्रायः अक्सर, बढ़ते व्यस्कों में खानपान संबंधी विकारों के कारण अभिभावक, हालांकि अनजाने में जिम्मेदार होते है। इसलिए, ब्लूमिया और एनरेक्सीअ जैसे विकार इन दिनों बच्चो में आम है। 
 
खानपान संबंधी विकारों के लिए माता-पिता कैसे जिम्मेदार है?
 
•    यहां कुछ परिवार में अभिभावक जो कि अपने नन्हें बच्चों में कठोर अनुशासन कायम करने के लिए प्रयास  करते है। अन्जाने में, वे कभी कभी इसे अधिक कर सकते है। इस व्यवहार में, बच्चें महज़ एक कठपुतली बन जाते है, जो हर समय अपने माता-पिता की इच्छा पर खाते-पीते है। ऐसे मामलों में, यह सही में आजादी है, जिसके लिए वे तरसते है। हालांकि वे बड़े होते हैं, वे अपने दम पर अपने जीवन को नियंत्रित करने के यह अलग आग्रह करते है। वे हरसंभव छोटे तरीकों से अपनी इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करते है और उनमें से एक इच्छा भोजन का चयन है। चूंकि, उनकों हेल्दी खाने की आदतें की जानकारी कम होती है, ये प्रवृत्तियां अक्सर खानपान संबंधी विकार में तबदील होती है।

•    माता पिता अपने बच्चों के बारे में अधिक रक्षात्मक व्यवहार अपनाने के कारण खानपान संबंधी विकारों के कारण बनते है। परिणामस्वरूप, उन पर लगाए गए प्रतिबंध भी कई होते है। बच्चे अक्सर अत्यंत सीमित और अपनी स्वतंत्रता खोने की भावना महसूस करते है। वे अपने खानपान की शैली में हेरफेर करते है और अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए थोड़ी सी स्वतंत्रता पुनः प्राप्त करते है, जो उनके अनुसार वे खो चुके है, इस प्रक्रिया में, खानपान संबंधी विकार स्पष्ट होते है।


•    प्रत्येक और हर माता पिता का मानना है कि वे अपने बच्चे के सबसे अच्छा तरीको से पालन-पोषण कर रहे है। अक्सर ज्यादातर, माता पिता की आंतरिक मन में समायी असुरक्षा की भावना को वे अपने बच्चों के पालन पोषण में प्रकट करते है। यह स्थिति ओर भी बदतर तब होती है जब माता पिता जिन्हे खुद बच्चे के रूप में असुरक्षा की भावना का सामना करना पड़ता है, वे अपने बच्चो के साथ भी वही व्यवहार अपनाते है। परिणामस्वरूप, बच्चे असुरक्षा की लड़ाई में दोषपूर्ण खानपान संबंधी आदतों का सहारा लेते है। अक्सर, ऐसे मामलों में ज्यादा खाना खाने की आदतें उत्पन्न होती है ऐसे मामलों में उन्हे क्या उपाय करने होंगे।

माता पिता खानपान संबंधी विकारों के कारण है, लेकिन वे निश्चित रूप से एक समय पर उन्हें सुधारने का प्रयास कर सकते हैं। बच्चो पर थोड़ा सा व्यवहार में लचीलापन और धैर्य वास्तव में पूरी तरह से बच्चों में खानपान संबंधी विकारों के इलाज में एक उपाय हो सकता हैं।

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