इसलिए गुगल से पढ़कर कभी न लें दवाई, दे सकते हैं इन 5 जानलेवा बीमारियों को न्योता

गूगल हर मर्ज की दवा नहीं होता है। खासतौर से बीमारियों में तो बिल्कुल भी नहीं। अपनी बीमारी के लक्षण गूगल पर सर्च करके दवाई लेना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इससे होने वाले दुष्प्रभावों के बारें में पढ़े।
  • SHARE
  • FOLLOW
इसलिए गुगल से पढ़कर कभी न लें दवाई, दे सकते हैं इन 5 जानलेवा बीमारियों को न्योता


गूगल हर मर्ज की दवा नहीं होता है। खासतौर से बीमारियों में तो बिल्कुल भी नहीं। अपनी बीमारी के लक्षण गूगल पर सर्च करके दवाई लेना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इससे होने वाले दुष्प्रभावों के बारें में पढ़ें।

medicine

आपको हो सकती है बीमारी की पहचान में गलती

सिरदर्द, मतली आदि जैसे लक्षण कई बीमारियों के संकेत होते है। पर इंटरनेट पर आपने किसी एक बीमारी के बारें मे पढ़कर कोई दवाई ले ली तो ये आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। सिर्फ बीमारी के ऊपरी लक्षणों के आधार पर अपना इलाज शुरू करने के बजाय बीमारी की जड़ तक पहुंचना जरूरी होता है। इसलिए खुद से इलाद करने से अच्छा है कि आप डॉक्टर की सलाह लें।

इसे भी पढ़ेंः 10 बीमारियां दूर करते हैं इन फलों और सब्जियों के छिलके

कई दवाइयों से पड़ता है सेहत पर दुष्प्रभाव

दर्द निवारक दवाओं का सामान्यता सबसे अधिक उपयोग या कहें दुरुपयोग होता है। दर्दनाशक पेट में सूजन पैदा कर सकते हैं. इससे अल्सर और रक्तस्राव का कारण बनता है। अन्य खतरे ये भी हैं कि ये दवाएं उच्च रक्तचाप वाले मरीजों में आघात का खतरा चार गुना तक बढ़ा देती हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि गर्भधारण में सभी दवाओं से बचना चाहिए। यहां तक कि सुरक्षित लगने वाली दवाएं भी विशेषतौर पर गर्भधारण की पहली तिमाही में अजन्मे बच्चे पर बुरा प्रभाव डाल सकत हैं। ये जन्मजात विसंगतियों का कारण बन सकता है।

नहीं होता दवाओं का असर

डॉक्टर मानते हैं अनिवार्य जरूरत के बिना जब-तब एंटीबायोटिक्स नहीं लेना चाहिए, अन्यथा उनके लिए शरीर में खास तरह की प्रतिरोधकता पैदा हो जाती है और फिर गंभीर संकट के समय बीमारियों से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं तो वे शरीर पर असर ही नहीं दिखाती हैं। एंटीबायोटिक्स के प्रति शरीर में ऐसी प्रतिरोधकता आ जाना महत्वपूर्ण मौकों पर जानलेवा साबित होता है।

कितनी मात्रा में लेनी चाहिए दवाई, नहीं लगता पता

सबसे बड़ा खतरा तनावरोधी और अवसादरोधी दवाओं पर निर्भरता होने का है लेकिन आप डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं जैसे एंटासिड्स, खांसी के सिरप और दर्द निवारकों के भी आदी हो सकते हैं। दवाईयों की अपर्याप्त खुराक बीमारी को ठीक नहीं करती और इलाज को लंबा कर देती है।  वहीं, दूसरी तरफ, अत्यधिक खुराक कई अंगों को क्षति पहुंचा सकती है।

इसे भी पढ़ेंः इन 4 जानलेवा बीमारियों में रामबाण साबित है ये 4 तरह के जूस

ले रहे हैं दवाई गलत तरीके से...

दवा एक ही तरीके से नहीं ली जाती है। दवाई लेने के कई तरीके होते हैं। इसलिए दवा लेने से पहले उस दवाई के बारे में ये जान लेना जरुरी है कि इस दवा को किस तरह से लेना है। क्योंकि अगर दवा को ठीक तरीके से नहीं लिया जाए तो उसका असर कम हो सकता है या फिर वो नुकसान भी कर सकती है।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Other Diseases Articles In Hindi

 

Read Next

इन 4 जानलेवा बीमारियों में रामबाण साबित है ये 4 तरह के जूस

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version