Do Blood Clots During Pregnancy Affect The Baby: ब्लड क्लॉट होने की परेशानी किसी के साथ भी हो सकती है। ये बात अलग महिलाओं को इस समस्या के होने का रिस्क ज्याद होता है। खासकर, प्रेग्नेंसी, डिलीवरी के दौरान और बच्चे के जन्म के तीन महीने बाद तक महिला में ब्लड क्लॉटिंग यानी रक्त के थक्के बनने का रिस्क बहुत ज्यादा रहता है। सीडीसी की मानें, तो प्रेग्नेंट महिलाओं को उन महिलाओं की तुलना में रक्त का थक्का जमने की आशंका 5 गुना अधिक होती है, जो महिलाएं गर्भवती नहीं हैं। यह कंडीशन महिला के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। गर्भवती महिला को यह पता होना चाहिए कि प्रेग्नेंसी रक्त के दौरान रक्त के थक्के जमने से उसके भ्रूण पर इसका क्या असर पड़ेगा? क्या यह महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है? इस बारे में हमने एक्सपर्ट से बात की। आप भी जानें सच्चाई।
रक्त का थक्का क्या होता है?- What Is Blood Clot In Hindi
कई बार हमारी नसों में रक्त का थक्का जम जाता है। इसे ब्लड का एक जगह क्लॉट होना कहते हैं। यह एक तरह की मेडिकल केंडीशन है, जो कि शरीर के निचले हिस्से, जैसे पैर, जांघ, पेल्विस में हो सकते हैं। अगर किसी वजह से इस कंडीशन का इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है और यह फेफड़ों तक पहुंच सकता है। नतीजतन, पल्मनरी एंबॉलिज्म नामक ब्लॉकेज पैदा हो सकती है। पल्मनरी एंबॉलिज्म खून को फेफड़ों तक पहुंचने से रोकता है, जो कि घातक और जानलेवा साबित हो सकती है। यह कंडीशन गर्भवती महिलाओं के लिए बिल्कुल सही नहीं है।
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क्या ब्लड क्लॉटिंग का गर्भ में पल रहे शिशु की हेल्थ को प्रभावित कर सकता है?- Do Blood Clots During Pregnancy Affect The Baby In Hindi
वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता के अनुसार, तो प्रेग्नेंसी में ब्लड क्लॉटिंग होना कोई गंभीर समस्या नहीं है। यह अपने आप एक समय बाद ठीक हो जाती है। ऐसे कई मामले देखे गए हैं, जब प्रेग्नेंसी में महिला को ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हुई, लेकिन उन्होंने हेल्दी बच्चे को जन्म दिया। हालांकि, बहुत कम मामलों में ऐसा देखा जाता है कि ब्लड क्लॉटिंग की वजह से गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु की हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। यहां तक कि उनकी असमय मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए, बेहतर यही होगा कि अगर ब्लड क्लॉटिंग की दिक्कत हो, तो डॉक्टर के पास जाएं और जरूरी ट्रीटमेंट करवाएं।
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गर्भवती महिलाओं को रक्त का थक्का जमने का खतरा अधिक क्यों होता है- Why Are Pregnant Women At Higher Risk For A Blood Clot In Hindi
गर्भावस्था, डिलीवरी और डिलीवरी के तीन महीने बाद के टाइम पीरियड में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिससे ब्लड क्लॉटिंग का रिस्क बढ़ जाता है। डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "गर्भावस्था के दौरान, डिलीवरी और डिलीवरी के दौरान खून की हानि को कम करने के लिए एक महिला का ब्लड क्लॉट आसानी से हो जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के पैरों में ब्लड फ्लो कम हो सकता है, क्योंकि पेट के निचले हिस्से में ब्लड वेसल्स पर काफी दबाव बनता है। इसके अलावा, डिलीवरी के बाद आराम करने की वजह से महिलाएं फिजीकली कम एक्टिव रहती हैं। यह भी ब्लड फ्लो को बाधित करने का एक बड़ा कारण है, जिससे महिला में ब्लड क्लॉटिंग का खतरा बढ़ जाता है।"
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