आजकल जनरेशन ऐसी हो गई है जिसमें बच्चों को अनुशासन सिखाना पेरेंट्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। आजकल बच्चे अपनी पर्सनल लाइफ में इतने बिजी रहते हैं कि उन्हें किसी का भी हस्तक्षेप पसंद नहीं होता है, फिर चाहे वह उनके माता पिता ही क्यों न हो। अगर आप भी बच्चों के बर्ताव से परेशान हैं और उन्हें अनुशासन में नहीं ला पा रहे हैं रहे हैं तो जरूरी है कि आप बच्चों को बचपन से ही मजबूत बनाएं। बचपन में बच्चों में जैसी आदत डालो वह वही सीखते हैं। अगर पेरेंट्स बचपन से ही उन्हें सोने का, उठने का, पढ़ने और खेलने का सही समय बताएंगे तो वह बड़े होकर उनकी आदत बन जाएगा। लेकिन कई बार पेरेंट्स बच्चों की बुरी आदतों को हंसी में टाल देते हैं जो बड़े होकर गले की हड्डी बन जाता है।
बच्चों में अगर बचपन से सही समय पर सोने और जागने की आदत नहीं पड़ेगी तो बाद में बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए दिक्कत आ सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि बचपन से उन्हें बैड टाइम टेबल को अपनाने के लिए कहा जाए। इससे उन्हें स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाने में मदद मिलेगी। समय पर सोने से न केवल नींद अच्छी आती है, बल्कि स्वास्थ्य भी सही रहता है। बच्चों में हेल्दी बैड टाइम रूटीन डालने के लिए पेरेंट्स को भी अपनी लाइफ स्टाइल में थोड़ा परिवर्तन करना पड़ता है। इसलिए रात में आप भी सही समय पर सोने की आदत डालें क्योंकि अगर आप उन्हें कहकर खुद जागेंगे तो फिर वो भी आपसे जिद करेंगे कि वो आपके साथ ही सोएंगे। साथ ही उन्हें समझाएं कि रात में सही समय पर सोना एक हेल्दी आदत होती है।
ये हैं बच्चों को अनुशासन में रखने की टिप्स
- बच्चों की अच्छी नींद के लिए जरूरी है कि उन्हें एक खास समय पर सोने की आदत डालें। बेडटाइम ट्रेनिंग का यह सबसे अहम पहलू है। इससे बच्चे यह भी समझ जाएंगे कि उनके डेली रूटीन में समय पर सोना भी शामिल है। और वह धीरे-धीरे समय पर सोने और समय पर उठने लग जाएंगें।
- रात को बच्चों को सोने से पहले ब्रश करने, मुंह, हाथ और पैर धोकर सोने जैसे हेल्दी आदतें विकसित करें। रात को ब्रश करके सोने से दांतों में कैविटी नहीं होती और दांतों की सड़न से बचा जा सकता है। एक शोध से यह बात भी समाने आई है कि रात को हाथों और पैरों को अच्छे से धोकर सेाने से बच्चों को अच्छी नींद आती है।
- सामान्यत: बच्चों की आदत होती है कि वो हर रात अपने माता-पिता से लिपट कर सोते हैं। जैसे ही आप उनके पास से हटते है कि उनकी नींद खुल जाती है। उनकी यह आदत आपके लिए और उनके लिए बहुत परेशानी भरी हो सकती है। अच्छा होगा कि आप अपने बच्चे को इस तरह की आदत ना डालें।
- रात को बच्चों को सुलाने से पहले उनसे बात जरूर करें। अपने बच्चों से पूछें कि उन्होंने दिनभर क्या खास किया, उनका दिन कैसा गया या अगले दिन उनकी क्या प्लानिंग है। ऐसा करने से बच्चे आपसे अपने दिल की सारी बातें शेयर करेगें और किसी बात पर कभी भी परेशानी होने पर आपसे आसानी शेयर कर पायेगें और बिना किसी मानसिक परेशानी के आराम से सो पाएंगें। दोनों की बातचीत आपको एक-दूसरे के करीब लाएगी और हेल्दी और फ्रेंडली रिश्ता बनेगा।
- अगर आपका बच्चा आपसे कहानी सुन कर सोना चाहता है तो इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि उसकी सोने की इच्छा नहीं है, बल्कि वो आपके साथ कुछ और वक्त बिताना चाहता है। रोज रात में बच्चों को कहानी सुनाने से आपको एक फायदा यह भी होगा कि आप उनमें कहानी के जरिए अच्छे संस्कार डाल सकते हैं। साथ ही दिमाग का विकास भी होता है इसीलिए तो बरसों से चलता आ रहा लोरी का एक अपना ही महत्व है।

- बच्चों के लिए बेड टाइम रूटीन बनाते समय अपने दिमाग में यह बात जरूर रखें कि इसका पालन बच्चों से करवाने के साथ-साथ आपको खुद भी करना है। तभी आप अपने बच्चों का बेड टाइम सेट कर पायेंगे। आपकी जरा सी लापरवाही से बच्चे फिर से उसी रूटीन में चले जाएंगे।
- छोटे बच्चों के लिए नींद बहुत जरूरी है, क्योंकि उनका दिमाग ठीक से विकसित नहीं हुआ होता है और नींद उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरुरी है। यही नहीं यह उनके हार्मोनल विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। और आप इस तरह के उपायों को अपनाकर अपने बच्चे में बेड टाइम रूटीन सेट कर सकते हैं।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Parenting Tips In Hindi