Difference Between Human Metapneumovirus And Flu In Hindi: कुछ दिनों से एचएमपीवी को लेकर हर व्यक्ति के मन में अलग सा डर बैठा हुआ है। कोई इसे कोविड-19 से जोड़कर देख रहा है, तो कोई इसे नई महामारी समझ रहा है। यही कारण है कि मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि यह कोई नया वायरस नहीं है। इसकी मौजूदगी काफी सालों से हैं। इसके अलावा, यह उतना डरावना नहीं है जितना कि लोग सोच रहे हैं। इसलिए, इसको लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद, लोगों के मन में इसको लेकर तरह-तरह के सवाल बैठे हुए हैं। जैसे क्या एचएमपीवी यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस और नॉर्मल फ्लू एक जैसे हैं या इनमें कोई अंतर है? आइए, इस बारे में विस्तार से समझते हैं। इस बारे में हमने पुणे स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा में आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सम्राट शाह से बात की।
क्या है एचएमपीवी- What Is HMPV In Hindi
क्लीवलैंड के अनुसार ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी एचएमपीवी एक ऐसा वायरस है, जिसके लक्षण काफी हद तक सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं। एचएमपीवी होने पर खांस, घरघराहट, नाक बंद होना और गले में खराश जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। आमतौर पर एचएमपीवी के लक्षण काफी माइल्ड होते हैं। यह बीमारी पांच साल से कम उम्र के बच्चों को और 65 साल से अधिक उम्र वालों को ज्यादा होती है। इसके अलावा, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है या कोई गंभीर बीमारी से पीड़ित है, जैसे एचआईवी और कैंसर के मरीजों को भी इसके होने का जोखिम अधिक रहता है।
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क्या है फ्लू- What Is Flu In Hindi
फ्लू या इंफ्लुएंजा एक तरह का वायरल संक्रमण है, जो कि बहुत आसानी से एक से दूसरे को फैल जाता है। इसकी वजह से रेस्पिरेटरी सिस्टम प्रभावित होता है। फ्लू होने पर हल्का बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द और थकान जैसी तमाम समस्याएं हो सकती हैं। यह बीमारी महज छींकने भर से बीमार से स्वस्थ व्यक्ति को हो सकता है। यहां तक कि अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति बीमार व्यक्ति के चेहरे, आंख या नाक को पकड़ता है, तब भी यह फैल सकती है।
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एचएमपीवी और फ्लू में क्या है अंतर- Difference Between HMPV And Flu In Hindi
जैसा कि यह स्पष्ट है कि एचएमपीवी और फ्लू दोनों ही रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करते हैं। साइंस मीडिया सेंटर के अनुसार, एचएमपीवी रेस्पिरेटरी वायरस है, जिससे फ्लू और बुखार जैसे लक्षण ही नजर आते हैं। हालांकि, एचएमपीवी सामान्य से गंभीर रूप ले सकता है। जैसे हल्की सर्दी-जुकाम, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया में तब्दील हो सकता है। इसी तरह, फ्लू की बात करें, तो यह भी सर्दी के मौसम में अधिक लोगों को प्रभावित करता है। लेकिन, ज्यादातर लोगों में एचएमपीवी और फ्लू के बीच फर्क करना संभव नहीं होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि दोनों के लक्षण लगभग एक जैसे ही नजर आते हैं।
एचएमपीवी और फ्लू से बचाव के टिप्स
चूंकि, एचएमपीवी और फ्लू दोनों ही संक्रामक हैं और इनके लक्षण भी एक ही जैसे नजर आते हैं। ऐसे इनसे बचाव के तरीके भी काफी हद तक एक जैसे हैं। आइए, जानते हैं इनके बारे में-
- अपने हाथ बार-बार धोएं। 20 सेकेंड हाथ धोने के नियम को अपनाएं।
- जब भी खांसें या छींके, अपने मुंह और नाक पर हाथ रखना न भूलें।
- भीड़ भरे इलाके में जाने से बचें।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
- जब किसी को छुएं, तो उसके बाद हाथ धोना न भूलें।
- अपने चेहरे या आंखों को बार-बार छूने से बचें।
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