Sarcoma and Bone Cancer Awareness Month: आज के दौर में ज्यादातर लोग अपना पूरा ध्यान बस काम पर ही फोकस करते हैं। ऐसे में कई बार वह अपनी मील को भी स्किप कर जाते हैं। लेकिन, काम और हेल्थ में यदि आपको हेल्थ को नजरअंदाज करते हैं तो यह आगे चलकर आपके लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। हालांकि, समय के साथ कम्पिटिशन बढ़ा है, लेकिन अगर आप पर्याप्त पोषण युक्त भोजन नहीं लेते हैं तो ऐसे में आपको ब्रेन, मसल्स और बोन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुछ मामलों में लोगों के शरीर में सेल्स के अनियंत्रित होने की वजह से बोन कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। ज्यादातर लोग सारकोमा और बोन कैंसर को एक ही समस्या मानते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि ये दोनों एक-दूसरे से भिन्न हैं, हालांकि इनमें कुछ समानताएं भी होती हैं। फिलहाल इस लेख में डॉक्टर हिंमाशु रोहिला कंसल्टेंट, ऑर्थोपैडिक ऑन्कोलॉजिस्ट, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (Dr. Himanshu Rohela, Consultant - Orthopaedic Oncology, RGCIRC - Rajiv Gandhi Cancer Institute & Research Centre) से जानेंगे कि हड्डी के कैंसर और सारकोमा में क्या अंतर होता है, इनकी पहचान, लक्षण, कारण और उपचार के तरीके क्या हैं, और आम लोगों के बीच इस भ्रम को कैसे दूर किया जा सकता है।
हड्डी का कैंसर और सारकोमा क्या है? - What is Bone Cancer And Sarcoma In Hindi
जब किसी व्यक्ति के शरीर में कैंसर की शुरुआत हड्डियों में होती है, तो इसको बोन कैंसर या हड्डियों का कैंसर कहा जाता है। वहीं, जब किसी अन्य अंग से कैंसर के सेल्स बोन को प्रभावित करते हैं तो इस स्थिति को मेटास्टेटिक बोन कैंसर कहा जाता है। इसमें किशोरो में होने वाला ऑस्टियोसारकोमा (Osteosarcoma), वयस्कों में पाया जाने वाला कोंड्रोसारकोमा (Chondrosarcoma) और बच्चों व युवाओं में अधिक पाए जाने वाले इविंग सारकोमा (Ewing's Sarcoma) शामिल किया जाता है।
सारकोमा एक व्यापक शब्द है, जो शरीर के कनेक्टिव टिशू (जैसे हड्डी, मांसपेशी, फैट, ब्लड वेसल, कार्टिलेज आदि) में होने वाले कैंसर के लिए प्रयोग किया जाता है। यानी हड्डी का कैंसर सारकोमा का ही एक प्रकार है, लेकिन सभी सारकोमा हड्डी से संबंधित नहीं होते। सरकोमा के दो मुख्य प्रकार होते हैं, जिसमें हड्डी से उत्पन्न होने वाले ओस्टियोजेनिक सारकोमा (Bone Sarcoma) और मांसपेशी, नसों, फैट आदि से उत्पन्न होने वाला सॉफ्ट टिशू सारकोमा (Soft Tissue Sarcoma) को शामिल किया जाता है। आगे जानते हैं सारकोमा और हड्डियों में कैंसर के बीच क्या अंतर होते हैं।
हड्डी के कैंसर और सारकोमा में मुख्य अंतर - Difference Between Bone Cancer And Sarcoma In Hindi
- हड्डियों के कैंसर और सारकोमा में प्रकार, स्थान, लक्षण, आयु और इलाज के आधार पर अंतर होता है। इसके बारे में आगे जानते हैं।
- केवल हड्डियों में शुरु होने वाले कैंसर को बोन कैंसर कहा जाता है। वहीं सारकोमा हड्डियों, मांसपेशियों, पैट, नसों आदि किसी भी कनेक्टिव टिश्यू कहीं भी शुरु हो सकता है।
- बोन कैंसर के प्रकार में ऑस्टियोसारकोमा, कोंड्रोसारकोमा, इविंग सारकोमा को शामिल किया जाता है। जबकि सारकोमा में 70 से अधिक प्रकार होते हैं। जिसमें लिपोसरकोमा, लेयोमायोसरकोमा, फाइब्रोसरकोमा आदि मुख्य होते हैं।
- बोन कैंसर शरीर की हड्डियां जैसे कि जांघ, घुटना, हाथ की हड्डी में हो सकता है। जबकि, सारकोमा मांसपेशियों, वसा, नसों, ब्लड वेसल्स, और हड्डियां में हो सकता है।
- बोन कैंसर मुख्यतः बच्चे, किशोर और युवा प्रभावित होते हैं। जबकि, सारकोमा किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन कुछ प्रकार उम्र विशेष में होते हैं।
- बोन कैंसर के लक्षण में हड्डियों में दर्द, सूजन, फ्रैक्चर को शामिल किया जाता है। जबकि, सारकोमा में प्रभावित हिस्से में गांठ, दर्द, सूजन या रुकावट महसूस होता है।
- इन दोनो का ही इलाज सर्जरी कीमोथेरेपी, रेडिएशन के द्वारा किया जाता है।
सारकोमा और बोन कैंसर की पहचान कैसे की जाती है? How To Diagnosis Bone Cancer And Sarcoma In Hindi
दोनों ही स्थितियों में निदान के लिए कई टेस्ट किए जाते हैं-
- एक्स-रे, MRI या CT स्कैन
- बायोप्सी (गांठ या हड्डी के टिशू का नमूना)
- PET स्कैन (कैंसर के फैलाव की जांच के लिए)
- ब्लड टेस्ट (अल्कलाइन फॉस्फेटेज जैसे मार्कर)
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हड्डी का कैंसर और सारकोमा एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन दोनों की स्थान, प्रकार, इलाज और प्रभाव अलग-अलग होते हैं। दोनों ही तरह की समस्याएं दुर्लभ मानी जाती है। लेकिन, कैंसर की सही समय पर पहचान करने से इलाज की जटिलताएं कम हो सकती है। साथ ही, इलाज के समय को भी कम किया जा सकता है। इसलिए डॉक्टर कहते हैं कि किसी भी तरह के लक्षण को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
FAQ
बोन कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
बोन कैंसर (हड्डी का कैंसर) के शुरुआती लक्षणों में हड्डियों में दर्द, प्रभावित हड्डी के पास सूजन या गांठ, और हड्डियों का कमजोर होना शामिल हो सकता है, जिससे फ्रैक्चर हो सकता है।पैर में हड्डी के कैंसर के क्या लक्षण हैं?
पैर में हड्डी के कैंसर के लक्षणों में दर्द और सूजन शामिल हो सकते हैं। कैंसर से हड्डियों के कमजोर होने से फ्रैक्चर या टूटन भी हो सकती है और चलने-फिरने में भी समस्या हो सकती है।बोन कैंसर क्यों होता है?
बोन कैंसर (हड्डी का कैंसर) क्यों होता है, इसके सटीक कारणोंं को अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं गया है। लेकिन कुछ जोखिम कारक और स्थितियां हैं जो इसकी ग्रोथ में भूमिका निभा सकती हैं।