
अर्थराइटिस जोड़ों की बीमारी है, इसे गठिया भी कहते हैं। अर्थराइटिस की शिकायत होने पर चलने में तकलीफ, जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है। हालांकि यह बीमारी उम्रदराज लोगों को होती है, लेकिन बदली हुई लाइफस्टाइल के कारण इसकी चपेट में वर्तमान में युवा भी आ रहे हैं।
एशियन ऑर्थोपेडिक इंस्टीट्यूट द्वारा कराये गये एक शोध के अुनसार, अर्थराइटिस की बीमारी अक्सर 65 साल के बाद होती थी, लेकिन यह रोग बदलती जीवनशैली, मोटापा, गलत खानपान आदि वजहों से युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है।
गठिया होने पर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है, इसके कारण ही जोड़ों में सूजन होती है। इसकी पीड़ा असहनीय होती है, खासकर ठंड के मौसम में इसका दर्द बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। लेकिन कुछ आहार ऐसे भी हैं जिनको खाने से गठिया का दर्द और भी बढ़ सकता है। इस लेख में जानिए किन आहार से बढ़ सकता है अर्थराइटिस का दर्द। 
मछली न खायें
अर्थराइटिस होने पर ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। मछली का सेवन करने से अर्थराइटिस का दर्द बढ़ सकता है। मछली में अधिक मात्रा में प्यूरिन पाया जाता है। प्यूरिन हमारे शरीर में ज्यादा यूरिक एसिड पैदा करता है। इसलिए सालमन, टूना और एन्कोवी जैसी मछलियों को खाने से बचना चाहिए।
शुगरयुक्त आहार
गठिया के मरीज को चीनी और मीठा खाने से परहेज करना चाहिए। शुगर का अधिक सेवन करने से शरीर के कुछ प्रोटीन्स का ह्रास होता है। यह आपके गठिया के दर्द को बढ़ा सकता है। इसलिए गठिया होने पर शुगर और शुगरयुक्त आहार का सेवन करने से बचें।
डेयरी प्रोडक्ट
दुग्ध उत्पादों से बने खाद्य-पदार्थ भी अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ा सकते हैं। क्योंकि दुग्ध उत्पाद जैसे, पनीर, बटर आदि में कुछ ऐसे प्रोटीन होते हैं जो जोड़ों के आसपास मौजूद ऊतकों को प्रभावित करते हैं, इसकी वजह से जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है। इसलिए अर्थराइटिस में दुग्ध उत्पादों को खाने से बचें।

शराब और सॉफ्ट ड्रिंक
अर्थराइटिस के मरीजों को शराब और साफ्ट ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। अल्कोहल खासकर बीयर शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाता है, और शरीर से गैर जरूरी तत्व निकालने में शरीर को रोकता भी है। इसी तरह सॉफ्ट ड्रिंक खासकर मीठे पेय या सोडा में फ्रक्टोज नामक तत्व होता है, जो यूरिक एसिड के बढ़ने में मदद करता है। 2010 में किए गए एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग ज्यादा मात्रा में फ्रक्टोस वाली चीजों का सेवन करते हैं, उनमें गठिया होने का खतरा दोगुना अधिक होता है।
टमाटर न खायें
टमाटर हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इसमें विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, लेकिन यह अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ाता भी है। टमाटर में कुछ ऐसे रासायनिक घटक पाये जाते हैं जो गठिया के दर्द को बढ़ाकर जोड़ों में सूजन पैदा कर सकते हैं। इसलिए टमाटर खाने से परहेज करें।
अर्थराइटिस होने पर नियमित लहसुन खायें, खूब सारा पानी पियें, बथुए का जूस पियें, नियमित व्यायाम करें। यदि इसका दर्द असहनीय हो जाये तो चिकित्सक से संपर्क करें।
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