मेनोपोज के दौरान भी अपनी त्‍वचा और बालों को रखें खूबसूरत

मेनोपोज का असर महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है। लेकिन, इसके साथ महिलाओं की त्‍वचा और बालों पर इस प्रक्रिया का असर पड़ता है। जानिये कुछ ऐसे उपाय जिन्‍हें आजमाकर आप मेनोपोज के दौरान अपनी त्‍वचा और बालों को होने वाले नुकसानों को कम कर सकती हैं।
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मेनोपोज के दौरान भी अपनी त्‍वचा और बालों को रखें खूबसूरत


कुछ महिलाओं के लिए मेनोपॉज की स्थिति अपेक्षाकृत आराम से निकल जाती है, वहीं कुछ के लिए यह काफी परेशान करने वाली परिस्थिति होती है। रात को बहुत अधिक पसीना आना, मूड में बदलाव, हॉट फ्लैश, वजन बढ़ना, योनि में रूखापन और कामेच्‍छा में कमी आना जैसी कुछ समस्‍यायें हैं जो मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को परेशान कर सकती हैं। अगर यही सब काफी न हो, तो मेनोपॉज आपकी स्‍वस्‍थ और खूबसूरत त्‍वचा व बालों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस दौरान आपकी त्‍वचा पर रूखापन व झुर्रियां हो सकती हैं। इसके साथ ही त्‍वचा बेजान और यहां तक कि वह टूट भी सकती है। इसके साथ ही आपके बाल पतले, कमजोर और बेजान हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को बाल झड़ने की समस्‍या भी हो सकती है।

 

हॉर्मोंस का असंतुलन है कारण

आप यही सोच रही होंगी कि इस समस्‍या के लिए हॉर्मोंस को जिम्‍मेदार ठहराया जा सकता है। और ऐसा सोचना सही भी है। हमारी किशोरावस्‍था में हमें जो खूबसूरत त्‍वचा और बालों की सौगात मिलती है, मेनोपॉज उसे हमसे छीन लेता है। कहीं खो जाती है हमारी चमकदार त्‍वचा। हमारी त्‍वचा में प्राकृतिक ऑयल बनाये रखने में एस्‍ट्रोजन हार्मोन की अहम भूमिका होती है। यह हार्मोन त्‍वचा में जरूरी नमी का संतुलन बनाकर रखता है जिससे हमारी त्‍वचा जवां नजर आती है। मेनोपोज के दौरान इस एस्‍ट्रोजन हॉर्मोन के स्‍तर में कमी आती है, जिससे त्‍वचा अपना कुदरती पोषण खोने लगती है। परिणाम स्‍वरूप त्‍वचा रूखी, ढीली और झुर्रियों वाली हो जाती है। इसके साथ ही हार्मोन का असंतुलन टेस्‍टोस्‍टेरॉन के स्‍तर में इजाफा कर देता है, इससे कुछ महिलाओं को एक्‍ने और बाल गिरने की समस्‍या हो सकती है। कोलेजन के निर्माण में कमी आने से बालों की गुणवत्‍ता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इससे बाल पतले हो जाते हैं और जल्‍दी टूटने लगते हैं।

तो, ऐसे में किसी महिला को क्‍या करना चाहिए। सबसे पहली बात, त्‍वचा और बालों को अंदरूनी तौर पर जरूरी पोषण मिलते रहना चाहिए। इस लक्षणों से लड़ने का यह सबसे अच्‍छा और कारगर तरीका है। और आप रोजमर्रा उत्‍पादों से अपनी त्‍वचा और बालों को जरूरी पोषण मुहैया करा सकती हैं।

 

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ओमेगा फैटी थ्री एसिड का सेवन

अपने आहार में अति आवश्‍यक ओमेगा थ्री फैटी एसिड की मात्रा जरूर बढायें। यह आपको सालमन, मैक्‍रेल, ट्यूना और हेरिंग, जैसी म‍छलियों में मिलता है। इसके अलावा नट्स और बीजों, खासतौर पर चिया और अलसी के बीजों, का सेवन भी किया जा सकता है। ये फैट्स त्‍वचा और बालों के लिए जरूरी ऑयल का निर्माण करते हैं। इससे त्‍वचा जीवंत बनी रहती है और उसमें नमी का स्‍तर भी कायम रहता है।

 

फिटोएस्‍ट्रोजंस

 

आपको अपने आहार में फिटोएस्‍ट्रोजंस युक्‍त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। अलसी के बीज, सोया, दाल, चना , फलियां, ब्रोकोली, पत्‍ता गोभी, गोभी और अजवाइन आदि में इस तत्‍व की मात्रा काफी अधिक होती है। फिटोएस्‍ट्रोजंस शरीर में एस्‍ट्रोजसं जैसा प्रभाव उत्‍पनन्‍न करता है, इससे शरीर का हॉर्मोनल स्‍वास्‍थ्‍य सामान्‍य बने रहने में मदद मिलती है। इसके साथ ही ये लिवर को सेक्‍स-हार्मोन-बाइडिंग ग्‍लोबूलिन (SHBG) का उत्‍पादन करने के लिए भी प्रेरित करता है, जो शरीर में एस्‍ट्रोजन और टेस्‍टोस्‍टेरॉन के स्‍तर को नियंत्रित करने का काम करता है।

 

चीनी से रहें दूर

चीनी और रिफाइन कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें। आपको चाहिए कि सफेद ब्रेड, पास्‍ता, चावल और पेस्‍ट्री आदि जैसे उच्‍च कार्बोहाइड्रेट के स्रोतों से दूर रहें। इससे आपके शरीर में रक्‍त शर्करा का स्‍तर सामान्‍य बना रहेगा। इसके साथ ही यदि आप ओट्स, सब्जियां, दालों और फलियों आदि फाइबर युक्‍त खाद्य पदार्थों का सेवन करें तो आपको अधिक फायदा होगा। फाइबर ग्‍लूकोज के पचने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिससे रक्‍त शर्करा नियंत्रण में रहती है।

 

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विटामिन सी का सेवन

कोलेजन के उत्‍पादन में मदद करने के लिए आपको विटामिन सी युक्‍त खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करना चाहिए। गोभी, पालक, और खट्टे फलों में विटामिन सी काफी मात्रा में होता है। इसके साथ ही टमाटर में पाया जाने वाला लिकोपिन एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्‍सीडेंट है, जो त्‍वचा को स्‍वस्‍थ बनाये रखने में मदद करता है। साथ ही शकरकंद, मिर्च, ब्रोकली और बैरीज जैसी रंगीन सब्जियां भी आपकी त्‍वचा के लिए काफी अच्‍छी होती हैं।

बादाम, अखरोट का सेवन

बोरोन यानी टांकण युक्‍त खाद्य पदार्थ भी एस्‍ट्रोजन के स्‍तर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। बादाम, अखरोट, अवोकेडो, केला, सूखे मेवे और छोले आदि में यह तत्‍व काफी मात्रा में पाया जाता है।

खूब पानी पियें

और अंत में, शरीर में पानी की कमी न होने दें। ब्‍यूटी का नंबर वन नियम है पर्याप्‍त मात्रा में पानी पीना। यदि आप दिन में कम से कम आठ से दस गिलास पानी नहीं पियेंगे, तो ऊपर किये गए सभी उपाय कारगर साबित नहीं हो पाएंगे। शरीर के लिए जरूरी सभी पोषक तत्‍वों को अवशोषित होने और सही प्रकार से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है।

 

इन जरूरी बातों का खयाल रखकर आप मेनोपोज के दौरान अपनी त्‍वचा को होने वाले नुकसान को सीमित कर सकती हैं। याद रखिये, मेनोपोज एक स्‍वाभाविक प्रक्रिया है और इसके प्रभाव भी स्‍वाभाविक हैं, लेकिन कुछ बातों का ध्‍यान रखकर इन परेशानियों को तो कम किया ही जा सकता है।

 

Image Courtesy- Getty Images

 

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