जिन महिलाओं को डायबिटीज होती है, उन्हें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन पुरुषों में इसका उल्टा असर दिखाई देता है। उन्हें प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा काफी कम हो जाता है। यह दावा तेल अवीव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक टाइप-2 डायबिटीज में इंसुलिन जैसा हार्मोन पूरे शरीर में फैलने लगता है और यह महिला हार्मोस को आकर्षित करता है। इससे महिलाओं में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
'डेली मेल' ने प्रमुख शोधकर्ता डा. गैबरियल चोडिक के हवाले से कहा, 'डायबिटीज और महिलाओं के हार्मोस के बीच क्रिया से गर्भाशय और ओवरी (अंडाशय) कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।' यह शोध 2000-08 के बीच 16 हजार से ज्यादा डायबिटिज रोगियों पर किया गया। शोध की शुरुआत में किसी भी प्रतिभागी को कैंसर नहीं था।
लेकिन आठ साल के दौरान शोधकर्ताओं ने 1,639 लोगों को विभिन्न कैंसर से ग्रसित पाया। यह शोध जर्नल कैंसर कॉजेज एंड कंट्रोल में प्रकाशित हुआ है। इसके मुताबिक पुरुषों में इसका उल्टा असर पड़ता है। उन्हें प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा 47 प्रतिशत कम हो जाता है।
डा. चोडिक के मुताबिक, 'पुरुषों के लिए यह अच्छी खबर है।' टाइप-2 डायबिटिज में रक्त में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज नहीं बन पाता है। इसमें मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी में शुरुआत में थकान और प्यास लगती है, लेकिन बाद में स्ट्रोक, किडनी के खराब होने और आंखों की दृष्टि जाने का खतरा बढ़ जाता है।
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