डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है के वे बैलेंस्ड डायट लें, एक बार में ज्यादा न खायें, बल्कि दिन में कम से कम तीन बार खायें और खाने के अंतराल में स्नैक्स जरूर लें। डायबिटीज के मरीजों को प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा कांबीनेशन लेना चाहिए।कार्बोहाइड्रेट का सीधा असर ब्लड शुगर के स्तर पर पड़ता है, जिसके कारण पाचन क्रिया के दौरान खून में रक्त शर्करा का प्रभाव तुरंत होता है। कार्बोहाइड्रेट शरीर को ग्लूकोज के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है। ग्लूकोज शुगर का ही एक प्रकार है, जो शरीर की सभी कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है। आइए हम आपकी इस आशंका को दूर करते हैं।
क्या है कार्बोहाइड्रेट डायट
कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी मिलती है। कार्बोहाइड्रेट शरीर में ईंधन की तरह काम करता है। शाकाहारी मनुष्यों के भोजन में 60 से 80 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। खाद्य-पदार्थ कार्बोहाइड्रेट के अच्छे स्रोत होते हैं। चावल, गेहूं, बाजरा, मक्का जैसे अन्य साबुत अनाज कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा आलू, शकरकंद, मटर, चुकंदर, सूखे फल, किशमिश, मुनक्का, केला, संतरा, अंगूर तथा सभी प्रकार के फल, नारियल, नारियल का पानी आदि में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
मधुमेह और कार्बोहाइड्रेट डायट
कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को ग्लूकोज के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है। ग्लूकोज शुगर का ही एक प्रकार है, जो शरीर की सभी कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है। कार्बोहाइड्रेट दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है - सरल और जटिल। इसमें कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन के यौगिक होते हैं। सरल कार्बोहाइड्रेट में ग्लूकोज, सुक्रोज और फ्रक्टोज जैसे शुगर का स्रोत पाया जाता है। गन्ना, चुकन्दर, खजूर, अंगूर इनके प्रमुख स्रोत हैं। जटिल कार्बोहाइड्रेट के रूप में स्टार्च प्रमुख भोज्य पदार्थ हैं जो आलू, साबूदाना, चावल, अरवी, मक्का आदि में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। कार्बोहाइड्रेट तुरंत ब्लड शुगर पर प्रभाव डालते हैं जिसके कारण पाचन क्रिया के दौरान खून में रक्त शर्करा का प्रभाव तुरंत होता है।
डायबिटिक्स को कितना कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए
मायो क्लीनिक के अनुसार मधुमेह के रोगियों को अपने कुल खाने में 55-60 फीसदी कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से लेना चाहिए। इसके अलावा मधुमेह के मरीजों को लो ग्लाइसिमिक इंडेक्स वाली चीजें खानी चाहिए, ये शरीर में जाकर धीरे-धीरे ग्लूकोज में बदलती हैं। लो-ग्लाइसिमिक इंडेक्स वाले खाद्य-पदार्थों में हरी सब्जियां, मूंग दाल, सोया, काला चना, ब्राउन राइस, अंडे का सफेद हिस्सा और राजमा आदि शामिल है।मधुमेह रोगियों को खाने में लो-कार्बोहाइड्रेटयुक्त आहार खाना चाहिए, इससे भूख कम लगती है। जिसके कारण आदमी कम खाता है और उसके ब्लड शुगर का स्तर कम-ज्यादा नही होता। इसके अलावा आदमी की वजन भी नही बढ़ता, जिससे मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।
डायबिटीज के मरीज संतुलित खान-पान और नियमित दिनचर्या के जरिए शुगर के स्तर पर नियंत्रण करके सामान्य जीवन यापन कर सकते हैं।
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