कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद जहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पटरी पर आ रही थी, वहीं एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते मामले लोगों को डरा रहे हैं। दरअसल, पिछले 6 महीने के बाद दिल्ली में कल कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में यहां 107 नए मामले सामने आए। इस के अलावा एक मौत भी दर्ज की गई। हालांकि, देश भर में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 6563 मामले ही दर्ज किए गए, जो कि बीते रविवार की तुलना में 7.3 फीसदी कम है। लेकिन दिल्ली में कोरोना के मामले को बढ़ते हुए देख कर सरकार अभी से सतर्क हो गई है और मेट्रो स्टेशनों, बाजारों, पर्यटन स्थलों और अन्य क्षेत्रों में रेंडम टेस्टिंग को तेज कर दिया है।
पॉजिटिविटी रेट में भी दिखी बढ़ोतरी
दिल्ली में सिर्फ कोविड-19 के मामले ही नहीं बढ़े बल्कि पॉजिटिविटी रेट में भी बढ़ोतरी नजर आई है। शनिवार को जहां ये पॉजिटिविटी रेट 0.13% थी वहीं, रविवार को यह बढ़ कर 0.17% हो गई है। जबकि स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, बुधवार को दिल्ली में 0.10 प्रतिशत की पॉजिटिविटी रेट के साथ 57 मामले दर्ज किए गए। दिल्ली में अब तक कुछ कोविड मामलों की संख्या 14,42,197 तक पहुंच गई है। जिसमें से फिलहाल 540 एक्टिव COVID-19 के मरीज हैं, जिनमें से 255 होम आइसोलेशन में हैं। इसके अलावा पिछले 24 घंटों में 50 लोगों को छुट्टी देने के साथ 14.16 लाख से अधिक मरीज बीमारी से उबर चुके हैं।
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दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों को ओमीक्रोन से जोड़ कर देखा जा रहा है
कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (omicron cases in delhi) को भी दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों से जोड़ कर देखा जा रहा है। दिल्ली में इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या 22 पहुंच चुकी है। दिल्ली में ओमीक्रोन वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को सुबह 11 बजे बैठक बुलाई है। बैठक में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के सदस्य और उपराज्यपाल अनिल बैजल भी शामिल होंगे।
देश के अन्य राज्यों में भी बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
दिल्ली को छोड़ दें तो देश में अलग-अलग राज्यों में भी कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दिखी है। जैसे कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, तो वहीं केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंद्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी मामले बढ़े हैं। यहां बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड रूल्स को सख्त कर दिए गए हैं और फिर से अस्पतालों में कोविड-19 स्पेशल वार्ड को खोल दिए गए हैं। साथ ही जहां ओमीक्रोन वैरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं वहां कुछ अस्पतालों को खास तौर पर इसके मरीजों के इलाज के लिए तैयार किए गए हैं।
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इसके अलावा नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल कमिटी के प्रमुख और प्रोफेसर विद्यासागर और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी ओमीक्रोन को लेकर अलर्ट जारी किया है। इन दोनों का ही मानना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों और ओमीक्रोन वैरिएंट को हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि जिस तरह से देश और दुनियाभर में कोविड-19 और ओमीक्रोन के मामले बढ़ रहे हैं ये इस बात का अंदेशा है कि आने वाले महीनों में स्थिति बिगड़ सकती है और कोविड के बढ़ते मामले इसी के संकेत हो सकते हैं। बचा दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना की तीसरी लहर पर अनुमान जाहिर किया था। इसके अलावा कोविड-19 सुपरमॉडल कमिटी के प्रमुख ने इस बात की आशंका जताई है कि अगेले साल की शुरुआत में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है और फरवरी में यह पीक पर हो सकती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। इसके हल्के रहने के आसार हैं। फिर भी देश को इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहना होगा और लोगों को जागरूक और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखना होगा।
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