Daytime Sleepiness Causes in Hindi: दिन में नींद आना एक आम समस्या है। अधिकतर लोगों को दिन में खाना खाने के बाद नींद आने लगती है। यह ओवरइटिंग, थकान या फिर कमजोरी की वजह से हो सकता है। कभी-कभार दिन में नींद आना बेहद आम है। लेकिन अगर आपको दिन में रोजाना नींद आती है या दिन में हर समय सोने की इच्छा होती है, तो यह आम नहीं हो सकता है। ऐसा तभी होता है, जब आपको रात में सही से नींद नहीं आती है। अगर आपको भी दिन में अकसर नींद आती रहती है, तो यह कई कारणों की वजह से हो सकता है। जी हां, दिन में नींद आना सामान्य नहीं है। यह कई बीमारियों का संकेत हो सकता है, इसलिए इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। दिन में नींद आ रही है, तो इसे अनदेखा न करें। बल्कि इसके कारण का पता लगाए और तुरंत इलाज करवाएं। तो चलिए, विस्तार से जानते हैं दिन में नींद आना किन बीमारियों का संकेत (Daytime Sleepiness Can be a Sign of Diseases in Hindi) हो सकता है।
1. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम- Restless Leg Syndrome
दिन में नींद आना रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का एक संकेत हो सकता है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम एक डिसऑर्डर है, जिसमें पैरों को तेजी से हिलाने की इच्छा होती है। इसे आरएलएस के रूप में भी जाना जाता है। आरएलएस वाले व्यक्ति को रात में हर 20 से 30 सैकेंड में पैरों को हिलाने की इच्छा हो सकती है। इतना ही नहीं कई मामलों में आरएलएस पैरों सहित शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर देता है। आपको बता दें कि आराम करते समय या सोते समय आरएलएस के लक्षण महसूस हो सकते हैं। जब रात में व्यक्ति आरएलएस की वजह से बार-बार पैर हिलाता है, तो इससे उसकी रात की नींद प्रभावित होती है। ऐसे में उसे नींद के समय नींद आ सकती है। अगर आपको भी दिन में नींद आती है, तो एक बार रात को पैरों पर जरूर गौर करें।
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2. स्लीप एपनिया- Sleep Apnea
आपको बता दें कि स्लीप एपनिया भी दिन में नींद आने का एक संकेत हो सकता है। स्लीप एपनिया तब होता है, जब नींद के दौरान ऊपरी वायुमार्ग कम से कम 10 सैकेंड के लिए बंद हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है और वह खर्राटे लेने लगता है। ऐसा व्यक्ति को रात में अनगिनत बार हो सकता है। जिन लोगों को स्लीप एपनिया होता है, उन्हें दिन के समय नींद आ सकती है। अगर आपको भी दिन में नींद आती है, तो इसे नजरअंदाज न करें।
3. नार्कोलेप्सी- Narcolepsy
नार्कोलेप्सी भी एक स्लीप डिसऑर्डर है। इसमें व्यक्ति की रात की नींद प्रभावित हो सकती है और दिन में नींद आ सकती है। आपको बता दें कि नार्कोलेप्सी नींद में आने वाले सपनों से संबंधित होता है। जिन लोगों को नार्कोलेप्सी की समस्या होती है, उन्हें दिन के समय नींद आ सकती है। इसलिए अगर आपको नींद में नींद आ रही है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। नार्कोलेप्सी बिना किसी चेतावनी के हो सकती है। यह समस्या व्यक्ति की रात की नींद को बाधित कर सकती है और दिन में थकान का कारण बन सकती है।
4. डिप्रेशन- Depression
डिप्रेशन दिन में आने वाले नींद का एक मुख्य संकेत हो सकता है। थकान, उदासी, अत्यधिक नींद और निराशा डिप्रेशन के लक्षण होते हैं। जो लोग डिप्रेशन में होते हैं, उन्हें दिन में नींद आ सकती है। आपको बता दें कि डिप्रेशन और दिन में नींद आना एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। डिप्रेशन नींद की समस्या का कारण बन सकता है, वहीं नींद की समस्या भी डिप्रेशन के लक्षण पैदा कर सकता है। इसलिए अगर आपको भी अकसर ही दिन के समय नींद आती है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।
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5. हाइपरसोम्निया- Hypersomnia
हाइपरसोम्निया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अत्यधिक थका हुआ महसूस करता है। या फिर बहुत अधिक नींद का अनुभव कर सकते हैं। हाइपरसोम्निया की वजह से व्यक्ति को दिन के समय नींद आ सकती है। यह मिर्गी या पार्किंसंस रोग की वजह से हो सकता है। इतना ही नहीं शराब और नशीली दवाइयों का सेवन भी हाइपरसोम्निया का कारण बन सकता है। इसलिए आपको इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आपको दिन में नींद आ रही है, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए।
Daytime Sleepiness Causes: अगर आपको भी दिन में नींद आती है, तो इसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि दिन में नींद आना कई बीमारियों का संकेत हो सकता है। आपको बता दें कि रेस्टलेस लेग सिंड्रोम, स्लीप एपनिया, नार्कोलेप्सी, डिप्रेशन और हाइपरसोम्निया की वजह से व्यक्ति को दिन के समय अधिक नींद का अनुभव हो सकता है। साथ ही इन समस्याओं की वजह से व्यक्ति को थकान, कमजोरी भी महसूस हो सकती है।