नियमित तौर पर की गई कसरत आपको रखती है मिरगी से दूर

प्रतिदिन व्‍यायाम करने वाले पुरुषों को भविष्‍य में दिमागी रोग मिरगी होने की आशंका कम होती है।
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नियमित तौर पर की गई कसरत आपको रखती है मिरगी से दूर


man during exercise कई अध्‍ययनों से साफ हो चुका है कि नियमित व्‍यायाम आपको कई रोगों से दूर रखता है और आप सेहतमंद रहते हैं। अब एक नए अध्‍ययन से साफ हुआ है कि जो पुरुष प्रतिदिन कसरत करते हैं उन्‍हें मिरगी का रोग होने की आशंका बहुत कम होती है।

 

नए अध्‍ययन के आधार पर बताया गया है कि जो किशोर प्रतिदिन जोशीले अंदाज से व्‍यायाम करते हैं, उन्‍हें भविष्‍य में दिमाग संबंधित रोग मिरगी होने का खतरा कम हो जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन पुरुषों में फिटनेस का स्‍तर 79 फीसदी था उनके मिरगी ग्रस्‍त होने की आशंका काफी कम थी।

 

दूसरी तरफ जिनमें फिटनेस का स्‍तर 36 फीसदी पाया गया, उनके मिरगी से ग्रस्‍त होने की आशंका 79 फीसदी वालों के मुकाबले ज्‍यादा पाई गई। मिरगी दिमाग संबंधी एक खतरनाक बीमारी है। अध्‍ययन के लेखक एलिनोर बेन मेनएचम ने बताया कि व्‍यायाम करने से दिमाग को फायदा पहुंचता है और मस्तिष्‍क संबंधी रोग होने का खतरा भी कम होता है।

 

मेनएचम स्‍वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ गोथनबर्ग में कार्यरत हैं और अमेरिकन अकादमी ऑफ न्‍यूरोलॉजी के एसोसिएटिड मेंबर हैं। उनके मुताबिक यह ऐसा पहला अध्‍ययन है जिससे साफ हुआ है कि व्‍यायाम से व्‍यक्ति को मस्तिष्‍क संबंधी बीमारी होने का खतरा कम रहता है।

 

अध्‍ययन को स्‍वीडन के 11.7 लाख पुरुषों पर किया गया, जिन्‍होंने 18 वर्ष की उम्र में कार्डियोवस्‍कुलर फिटनेस के लिए एक साइकिल टेस्‍ट दिया। इसके बाद अध्‍ययन में भाग लेने वाले किशोरों का औसतन 25 वर्ष तक मिरगी का स्‍तर जांचा गया। इस दौरान 6,796 पुरुषों का मिरगी का उपचार भी किया गया।

 

औसतन रूप से देखा गया कि शारीरिक रूप से ज्‍यादा फिट लोगों में मिरगी होने का खतरा 0.48 फीसदी तक था, मीडियम फिटनेस वालों में यह स्‍तर 0.62 फीसदी और कम फिटनेस वालों में 1.09 फीसदी तक पाया गया। अध्‍ययन से यह भी पता चला कि मिरगी के लिए आनुवांशिक कारण भी जिम्‍मेदार होते हैं।

 

मेनएचम ने बताया कि व्‍यायाम दो तरह से मिरगी के खतरे को कम करता है। एक तरफ एक्‍सरसाइज मस्तिष्‍क की रक्षा करती है और दिमाग की नसों को मजबूत करती है। वहीं दूसरी तरफ जो व्‍यक्ति अपनी शुरूआती जिंदगी में फिट रहते हैं वे बाद में भी फिट रहते हैं और उन्‍हें दिमागी रोग होने का खतरा कम होता है।

 

फिटनेस और मिरगी से संबंधित यह अध्‍ययन अमेरिकन अकादमी ऑफ न्‍यूरोलॉजी के मेडिकल जर्नल न्‍यूरोलॉजी में प्रकाशित हो चुका है।

 

 

 

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