डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है। इसके प्रभाव से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित होती है। अभी तक वैज्ञानिक इस बीमारी का कारगर हल तलाशने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाये थे। यह माना जाता था कि एक बार यह रोग होने पर जीवन भर इसके साथ ही जीना पड़ता है। लेकिन, अब उम्मीद की एक ऐसी किरण नजर आयी है, जिसके बाद यह माना जा रहा है कि इस बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पाना आसान होगा।
डायबिटीज का कारगर इलाज तलाश रहे वैज्ञानिकों को एक और कामयाबी मिली है। उन्होंने लैब में उन कोशिकाओं के निर्माण की विधि खोज निकाली है, जो शरीर के अंदर इनसुलिन का उत्पादन सुनिश्चित करती है।
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने आंत मसे प्राप्त बीटा कोशिकाओं को पोषक तत्त्वों से लैस एक खास तरल पदार्थ में रखा। ये घोल कोशिकाओं को आंत के अंदर जैसी परिस्थितियां मुहैया कराता था, जिससे वे सामान्य रूप से विकसित हो गयीं।
अभी कुछ दिन पहले की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी डायबिटीज के इलाज में बड़ी कामयाबी हासिल करने का दावा किया था। कैंब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने नकली पैंक्रियाज तैयार करने में कामयाबी हासिल की थी। इन नकली पैंक्रियाज को असली की जगह लगाकर ब्लड शुगर पर नियंत्रण अब संभव हो सकेगा। ब्रिटेन में पांच रोगियों पर इनका परीक्षण सफल हो चुका है।
शोधकर्ताओं ने चार हफ्तों तक रात के समय रोगियों को आर्टिफिशियल पैंक्रियाज लगाकर रखा और उनका परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि आर्टिफिशियल पैंक्रियाज की मदद से उनके रक्त में शर्करा की मात्रा संतुलित रखने में आसानी हुई।
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