24 घंटे में 2.6 लाख कोरोना के नए मामले और 315 लोगों की मौत ने बढ़ाई चिंता, पॉजिटिविटी रेट बढ़कर हुआ 14.7

कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पीएम मोदी ने बैठक में कहा है कि हमें अब ज्यादा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। 
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24 घंटे में 2.6 लाख कोरोना के नए मामले और 315 लोगों की मौत ने बढ़ाई चिंता, पॉजिटिविटी रेट बढ़कर हुआ 14.7

देश और दुनिया कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में है और हर तरफ स्थिति खराब हो रही है। पिछले 24 घंटे में भारत में 2,47,417 कोरोना के मामले सामने आए हैं और  315 लोगों की मौत हो गई है। इसी के साथ कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 14.7 हो गया है। देश के अलग-अलग राज्यों की बात करें तो, दिल्ली में पिछले एक दिन में  कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज यानी कि 28, 867 नए मरीज सामने आए हैं। वहीं, मुंबई के लिए थोड़ी राहत वाली खबर है। यहां कल 13702 मामले सामने आए हैं और कल की तुलना में केसेज में 16.55 प्रतिशत की गिरावट आई। यानी कि यहां धीमे-धीमे पॉजिटिविटी रेट घट रहा है। वहीं, कल पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की और कहा कि ओमीक्रोन को लेकर अब कोई संशय नहीं है। अमेरिका में हर दिन 14 लाख कोरोना मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में हमें सतर्क रहना है और सावधान रहना है। लेकिन घबराए नहीं। 

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ऐ‍हतियाती डोज (Precautionary Dose) है जरूरी

कल पीएम और राज्यों के सीएम की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने ऐ‍हतियाती डोज (Precautionary Dose) की भी चर्चा की। पीएम ने कहा कि जितनी जल्दी हो हेल्थ केयर सिस्टम को उतना ही मजबूत करना होगा और ऐ‍हतियाती डोज (Precautionary Dose) इसके लिए जरूरी है। हमारे पास कोरोना वायरस से लड़ने का दो साल का अनुभव है और इसकी मदद से ही हमें इससे फिर लड़ना होगा। हमें लोगों की सेहत के साथ उनकी आजीविका का भी ध्यान रखना होगा। 

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लोकल कंटेनमेंट जॉन पर फोकस करना है जरूरी 

पीएम मोदी ने बैठक में संक्रमण दर को कम करने के लिए लोकल कंटेनमेंट जोन पर खास ध्यान देने को कहा। पीएम ने कहा हमें लोकल कंटेनमेंट पर ज्यादा फोकस करना होगा जहां कोरोना के मामले सबसे ज्यादा हैं। वहां टेस्टिंग बढ़ानी होगी। साथ ही होम आइसोलेशन पर खास ध्यान देना होगा और ट्रीटमेंट पर फोकस करना होगा। इस दौरान पीएम मोदी ने इस बात पर खास जोर दिया कि होम आइसोलेशन की गाइडलाइन और प्रोटोकॉल  फॉलो करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा पीएम मोदी ने कोविड-19 महामारी के हालात पर खास ध्यान देते हुए बताया कि स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर खास ध्यान देना बेहद जरूरी है और तमाम स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर खास ध्यान देना होगा। साथ ही टीकाकरण के प्रोसेस को तेज करना होगा। 

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातर जोर देता रहा है कि वैश्विक स्‍तर पर कोविड केसों में आया मौजूदा उछाल ओमिक्रॉन के कारण है जो कि डेल्‍टा वेरिंएट की तुलना में अधिक संक्रामक है। बता दें कि पिछले सप्‍ताह दुनियाभर में कोरोना के डेढ़ करोड़ से अधिक मामले सामने आए और ये ग्राफ आने वाले दिनो में और तेजी से बढ़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम ज्यादा सर्तक रहें और कोरोना से जुड़ी हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर खास ध्यान दें।

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ओमीक्रोन से बचाव में मददगार है डबल मास्क पहनना 

ओमीक्रोन वैरिएंट से बचाव में डबल मास्क पहनना फायदेमंद है। ये हम नहीं बल्कि चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के प्रोफेसर और सरकार की वैज्ञानिक समिति के सदस्य डेविड हुई का कहना है। डेविड हुई की मानें, तो  सर्जिकल मास्क के ऊपर कपड़े का मास्क पहनना आपको कोविड से ज्यादा सुरक्षा प्रदान करता है। ऐसा इसलिए कि सर्जिकल मास्क अक्सर ढीला रह जाता है और कपड़े का मास्क इस गैप को भरता है और बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है। ये रिपोर्ट ब्लूमबर्ग में छपि है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ये तरीका उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जो कि घर के बाहर घूमते रहते हैं और फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करते हैं। 

वहीं, यूरोपीय संघ (EU) के ड्रग नियामक का कहना है कि ओमीक्रॉन स्ट्रेन का प्रसार कोविड को एक ऐसी एनडेमिक बीमारी में बदल रहा है, जो कि लंबे समय के लिए इंसानों के साथ रह जाएगी। इसलिए बार-बार कोविड का टीका लगाना या बूस्टर डोज देना इसका कोई टिकाऊ उपाय नहीं है। हमें इसके लिए एक बेहतरीन स्ट्रैटजी अपनानी होगी।

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