
कोरोना वायरस अब तक 32 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। इनमें से 2,28,000 से ज्यादा ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। लेकिन ग्लोबल रिपोर्ट की मानें तो कोरोना वायरस पुरुषों को ज्यादा संक्रमित कर रहा है, जबकि महिलाएं आश्चर्यजनक रूप से इस वायरस की चपेट में अपेक्षाकृत कम आई हैं। Worldometer के अनुसार कोरोना वायरस से मरने वाले लगभग 62% पुरुष हैं, जबकि सिर्फ 38% महिलाओं ने इस वायरस के कारण जान गंवाई है। इसके अलावा ये रिपोर्ट यह भी बताती हैं कि कोरोना वायरस से होने वाली मौत का सबसे ज्यादा खतरा 45 साल से 75 साल की उम्र के लोगों को है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये वायरस पुरुषों को ही क्यों ज्यादा संक्रमित कर रहा है। हाल में ही वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाने की कोशिश की है।
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क्या महिलाओं का हार्मोन उन्हें संक्रमण से बचाता है?
चीन में हुए इस अध्ययन के मुताबिक कोरोना वायरस पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा 2.5 गुना ज्यादा संख्या में बीमार कर रहा है। वैज्ञानिकों ने इस स्टडी को पुरुषों और महिलाओं में पाए जाने वाले हार्मोन्स के नजरिए से किया था। वैज्ञानिकों ने पाया कि महिलाओं में पाया जाने वाला एस्ट्रोजन हार्मोन इम्यून सिस्टम को ज्यादा मजबूती प्रदान करता है। प्रोजेस्ट्रॉन में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, जिसके कारण ये इम्यून सिस्टम को ओवर-रिएक्ट करने से रोकता है। लेकिन कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमण का कारण हार्मोन नहीं है।
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क्या धूम्रपान करने के कारण पुरुष हो रहे हैं ज्यादा संक्रमित?
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनियाभर में पुरुष स्मोकिंग यानी धूम्रपान की लत के ज्यादा शिकार हैं, इसलिए उन्हें ये संक्रमण ज्यादा हो रहा है। 2017 में Journal of Epidemiology & Community Health में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के 54% वयस्क पुरुष स्मोकिंग करते हैं, जबकि वहां सिर्फ 2.6% महिलाएं ही धूम्रपान की आदी हैं। इसी तरह दूसरे देशों में भी धूम्रपान करने वाले लोगों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से कई गुना ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी यह कह चुका है कि स्मोकिंग से कोरोना वायरस की गंभीरता का खतरा बढ़ता है इसलिए स्मोकिंग छोड़ दें।

तो क्या महिलाएं कोरोना वायरस से ज्यादा सुरक्षित हैं?
हालांकि वैज्ञानिक अभी अनुमान के आधार पर ही अपनी राय रख रखे हैं। चूंकि ये वायरस नया है इसलिए अभी इस पर दुनियाभर में रिसर्च हो रही हैं और अंतिम सत्य के रूप में अभी किसी बात से सहमत नहीं हुआ जा सकता है। क्योंकि अगर डाटा की ही मानें तो दक्षिण कोरिया में संक्रमित होने वाले लोगों में सिर्फ 38% ही पुरुष थे, बाकी महिलाएं थीं। हालांकि यहां भी मरने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा थी। इसी तरह स्पेन में महिलाओं और पुरुषों का प्रतिशत लगभग बराबर रहा है, लेकिन पुरुष मरीजों की स्थिति महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा गंभीर हुई थी, इसलिए उन्हें आईसीयू में एडमिट करने की जरूरत ज्यादा थी।
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सभी को बरतनी जरूरी है सावधानी
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो भले ही कोरोना वायरस से मरने वालों में महिलाओं की संख्या कम है, मगर इसका अर्थ यह नहीं है कि महिलाएं इस वायरस की चपेट में आने के बाद संक्रमित नहीं हो रही हैं। महिलाओं और बच्चों सभी में इस वायरस के मामले दुनियाभर में दर्ज हुए हैं और मौतें भी हुई हैं। इसलिए इस वायरस से हर किसी को बचे रहने की जरूरत है। इसके लिए सरकार द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें।
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