कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते इसे एक महामारी घोषित किया जा चुका है। कोरोनावायरस का दुनियाभर में फैलने की वजह से इससे जुड़े कई नए शब्द आपकी डिक्सनरी या वर्डबुक में आ रहे हैं। जिनका सही अर्थ समझना आपके लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि यही शब्द हैं, जो आपको सही और गलत जानकारी देने में मदद कर सकते हैं। इन दिनों हर-तरफ नोवल कोरोनावायरस छाया है, ऐसे में हम आपको यहां कुछ ऐसे शब्द बता रहे हैं, जो आपको नवीनतम घटनाओं को सही समझने में मदद करेंगे।
1. COVID -19
कोरोनावायरस का तकनीकी नाम SARS-CoV-2 है। इसके कारण होने वाली सांस की बीमारी को "कोरोनावायरस डिजीज 2019" या COVID-19 नाम दिया गया है।
ऐसा नहीं है कि कोरोनावायरस कोई नया वायरस है, हां लेकिन यह मनुष्यों में पहली बार हुआ है। मनुष्यों में पहली बार चीन से फैला यह वायरस कई जानवरों में पाया जाता था। यह वायरस एक हैवी वायरस है, जो ज्यादा दूर तक ट्रैवल नहीं कर सकता, इसलिए सावधानियां अपनाकर इससे बचा जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि इस वायरस के खिलाफ एंटीबायोटिक्स भी काम नहीं कर रहे हैं, इसलिए शोधकर्ता और डॉक्टर इसकी रोकथाम के तरीके ढूंढने में जुटे हैं।
टॉप स्टोरीज़
2. महामारी (Pandemic)
कोरोना को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी (pandemic) घोषित कर दिया है। इसका अर्थ है, जब कोई बीमारी एक देश या सीमा तक सीमित न होकर सर्वव्यापी हो जाती है, तो उसे महामारी का नाम दिया जाता है। ठीक इसी प्रकार कोरोनावायरस छह महाद्वीपों और 100 से अधिक देशों में फैलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी घोषित किया गया। लेकिन ऐसा नहीं है कि कोई बीमारी महामारी घोषित हो गई हो, तो उसका कोई इलाज न हो या फिर वो बीमारी अजेय है।
इसके अलावा, महामारी से मतलब है, जब रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र इसे एक निर्धारित आबादी में सामान्य अपेक्षाओं से ऊपर एक बीमारी के मामलों की संख्या में वृद्धि, अचानक बढ़ते रोग के मामले के रूप को परिभाषित करता है।
इसे भी पढें: क्या सचमुच शराब पीने या क्लोरीन के छिड़काव से नहीं होता कोरोनावायरस? जानें क्या कहता है WHO
3. सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing)
कोरोना वायरस के कहर के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर हेल्थ एक्सपर्ट लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग या सामजिक दूरी बनाने की बात कह रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंगका मतलब यह नहीं है कि आप किसी से बात ही न करें या मिलें ही नहीं। सोशल डिस्टेंसिंग का अर्थ हैं कि आप वायरस से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों और लोगों के नजदीकी संपर्क से बचें। ऐसा इसलिए, क्योंकि कोरोनावयरस भीड़-भाड़ और लोगों के निकट संपर्क से फैल सकता है। जैसे भीड़-भाड़ वाली मार्केट, मैट्रो आदि। सोशल डिस्टेंसिंग वायरस के फैलने को कम कर सकता है, इसलिए कोशिश करें कि लागों से 1 फीट या कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखें।
4. आपातकालीन स्थिति (State of emergency)
आपातकालीन स्थिति कई स्थितियों में घोषित की जाती है, जैसे प्राकृतिक आपदाओं या फिर महामारियों और अन्य पब्लिक हेल्थ एमरजेंसी के दौरान। यह कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिनके चलते आपातकालीन स्थिति घोषित की जा सकती है।
इसे भी पढें: बूढ़े, हाइपरटेंशन और डायबिटीज रोगियों में कोरोनावायरस से मौत का खतरा अधिक! हुआ खुलासा
5. इंक्यूबेशन (Incubation)
इंक्यूबेशन, वह समय या अवधि है, जिसमें एक व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद उसके लक्षणों के प्रकट होने का समय लगता है। यह समय इंफेक्शन या वायरस को की रोकथाम और नियंत्रण के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। जिसके लिए डॉक्टर या स्वास्थ्य अधिकारियों संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन या ऑब्जर्वेशन में रखने की सलाह देते हैं। जिससे कि वायरस के संपर्क में आने से बाकी लोगों को बचाया जा सके।
कोरोनावायरस में भी सेंटर फॉर डिजीज प्रीवेंशन एण्ड कंट्रोल (CDC) ने वायरस का इंक्यूबेशन टाइम 2 से 14 दिनों का बताया है, जिसमें अधिकतर मामलों में वायरस के लक्षण 4- 5 दिनों के भीतर दिखाई दे रहे हैं।
6. सेल्फ- क्वारन्टीन (Self-quarantine)
सेल्फ- क्वारन्टीन का अर्थ है कि आप वायरस को फैलने से रोकने के लिए खुद को लोगों से दूर रखें। जिसमें मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और लोगों से निकट संपर्क न रखना आदि शामिल है। जबकि, आइसोलेशन उनके लिए है यदि किसी में कोरोनावायरस के लक्षण दिख रहे हैं या फिर जो वायरस से संक्रमित होने के बाद बीमार होते हैं।
इसके अलावा यदि आपने विदेश यात्रा की है, खासकर कि चीन, ईरान, इटली और दक्षिण कोरिया सहित उन देशों की, जहां कोरोनावायरस का प्रकोप है, तो आप खुद को कुछ दिनों के लिए घर पर सेल्फ- क्वारन्टीन करना चाहिए।
इसे भी पढें: आपकी इन 5 गलतियों से बढ़ सकता है कोरोना वायरस का खतरा
7. मृत्यु दर (Fatality rate)
कोरोनावायरस के मामलों की पुष्टि की संख्या से विभाजित मौतों की संख्या मृत्यु दर है। आशंका यह जताई जा रही है कि वैज्ञानिकों को संक्रमण से मृत्यु दर की एक अधिक व्यापक संख्या होने की उम्मीद है।
8. R0 या R-naught
R0 या R-naught यह एक इंफ्लूएंजा या एक वायरस की मूल प्रजनन संख्या है। यह इंगित करता है कि संक्रामक रोग कितना संक्रामक है। इसे प्रजनन संख्या के रूप में भी जाना जाता है। जैसा कि संक्रमण नए लोगों में फैलता है, यह खुद को पुन: पेश करता है। ऐसा माना जाता है कि यदि R0 एक से ऊपर है, तो प्रत्येक मामले में औसतन कम से कम एक अन्य व्यक्ति को संक्रमित करने की उम्मीद है और वायरस के अधिक फैलने की संभावना है।
9. रोकथाम (Containment)
वायरस की बढ़ती दर ने प्रकोप को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना मुश्किल बना दिया है। ऐसे में देश ने कुछ समय के लिए विदेशी यात्राओं को कम करने के और विदेशी नागरिकों का देश में प्रवेश करने से रोकने के लिए फॉरन वीजा सस्पेंड कर दिए हैं। वहीं ट्रम्प प्रशासन ने पिछले 14 दिनों में किसी भी विदेशी नागरिकों द्वारा संयुक्त राज्य में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाकर वायरस के प्रसार को धीमा करने की मांग की।
Read More Article On Other Diseases In Hindi