देश के 736 जिलों में आज से शुरू होगा कोरोना वैक्सीन का ड्राई-रन, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा जल्द उपलब्ध होगा टीका

भारत के कई राज्यों में आज से हो रहे इस ड्राई रन में इस बात का जायजा लिया जाएगा कि कोरोना का टीका कैसे लगाना है और इसमें आने वाली मुश्किलें क्या हैं।
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देश के 736 जिलों में आज से शुरू होगा कोरोना वैक्सीन का ड्राई-रन, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा जल्द उपलब्ध होगा टीका


भारत समेत दुनिया भर में कोरोना का कहर अभी जारी है। अब तक इस महामारी से 190 से ज्यादा देश प्रभावित हुए हैं। भारत में भी स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है, पर राहत की बात ये है कि हमारे यहां कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 1 करोड़ के पार हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें, तो  पिछले 24 घंटों में कोरोना के 20,346 नए मामले सामने आए हैं और अब देश में कुछ कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,03,95,278 हो गई है। साथ ही एक अच्छी खबर ये है कि आज से देश में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccine) का दूसरा ड्राई-रन शुरू होने जा रहा है। कल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन  (Dr. Harsh Vardhan) ने  प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीकाकरण को लेकर कुछ स्थितियों के बारे में बात की।  इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में जल्द ही कोरोना का टीकाकरण शुरू हो जाएगा और इसके लिए तमाम राज्य सरकारें तैयारियां कर रही हैं।

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736 जिलों में होगा ड्राई रन

देश में कोरोना के टीकाकरण अभियान ने अब तेजी पकड़ ली है। आज से देश के 736 जिलों में ड्राई रन किया जाएगा। वैक्सीनेशन से पहले आज उत्तर प्रदेश और हरियाणा को छोड़कर देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के टीकाकरण का ड्राई रन किया जाएगा। इसके तहत देशभर के 736 जिलों में ड्राई रन का आयोजन किया जाएगा और इसके तरह सरकार सभी स्तर पर टीकाकरण की तैयारियों का जायजा लेगी।

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वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन को मिली मंजूरी

खबरों की मानें, तो केंद्र जल्द ही कोरोनावायरस के टीके का ट्रांसपोर्टेशन करना शुरू कर सकती है। इसके तरह  ट्रांसपोर्टेशन के लिए सरकार ने यात्री विमानों को पुणे से वैक्सीन परिवहन करने की अनुमति दी है, जो केंद्रीय वितरण केंद्र से टीकाकरण स्थल तक टीकों को ले जाएगी। टीके की डिलीवरी के लिए देश भर में लगभग 41 गंतव्यों को चुना जाएगा। उत्तर भारत के लिए, दिल्ली और करनाल को मिनी हब बनाया जाएगा। पूर्वी क्षेत्र के लिए, कोलकाता हब बनेगा और यही पूर्वोत्तर के लिए एक नोडल बिंदु भी होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की मानें, तो इस मॉक ड्रिल में राज्यों में कोविद -19 वैक्सीन के सभी तैयारियों का जायजा किया जाएगा।

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एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर हो रही है बहस

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा इस हफ्ते एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के अनुमोदन ने आम लोगों और वैज्ञानिक समुदाय में कुछ विवादों को जन्म दे दिया है। इसमें सबसे चिंताजनक बात यह है कि एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित वैक्सीन ने केवल 62.1 प्रतिशत प्रभावशीलता ही दिखाई है। बहस करने वाले कुछ विशेषज्ञों की मानें, तो बिना किसी उल्लिखित डोजिंग शेड्यूल के टीके की पूरी दो-खुराकों वाली व्यवस्था को मंजूरी दे दी। हालांकि, जब ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते इसी वैक्सीन को मंजूरी दी थी तो यह सिफारिश की गई थी कि टीकाकरण कार्यक्रम को गति देने के लिए लोगों को पहली खुराक देने के चार से 12 हफ्ते बाद दूसरी खुराक दी जानी चाहिए। इसमें टीके की प्रभावशीलता का दावा करने वाले अधिकारियों ने कहा था कि दो खुराकों के बीच तीन महीने का अंतराल रखने पर इसकी प्रभावशीलता 80 प्रतिशत तक हो सकती है।

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ज्यादा अनिश्चितता इस बात को लेकर भी है कि दिसंबर में पत्रिका ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित वैक्सीन के नैदानिक परीक्षण के परिणामों ने प्रदर्शित किया कि कुछ स्वयंसेवकों के एक समूह को गलती से आधी खुराक दी गई और फिर पूरी खुराक लेने के बाद उन्‍होंने 90 प्रतिशत प्रभावशीलता दिखाई जो पूरी दो खुराक लेने पर आई 62.1 प्रतिशत की प्रभावशीलता से कहीं अधिक थी। हालांकि भारत में DCGI ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।अगले कुछ दिनों में टीकाकरण की कार्यवाही शुरू होगी। दूसरी तरफ वैक्सीन के नाम पर फर्जीवाड़े की खबरें भी सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने  प्रेस कॉन्फ्रेंस में  लोगों को को-विन (CoWin app)नाम के किसी मोबाइल एप को डाउनलोड करने और उनपर सूचना साझा करने के खिलाफ लोगों को आगाह किया है।

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