Common Problems and Diseases Related to Thyroid : आजकल बिगड़े हुए लाइफस्टाइल के कारण लोगों को कई तरह की छोटी-बड़ी समस्याओं का समाना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक थायराइड की समस्या भी है। अगर आप अपनी डाइट और डेली रूटीन की आदतों में सुधार नहीं करते हैं, तो थायराइड का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अगर आप थायराइड के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं, तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, थायराइड गर्दन के निचले हिस्से में स्थित तितली के आकार की एक ग्लैंड को कहा जाता है। यह शरीर की कई गतिविधियों को कंट्रोल करने में मदद करती है। थायराइड से जुड़ी समस्याएं तब होती हैं, जब यह ग्लैंड जरूरत से ज्यादा या कम हार्मोन बनाती है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है कि थायराइड के कारण शरीर में क्या बदलाव होते हैं और इससे कौन-सी समस्याएं हो सकती हैं? ऐसे में आइए अब थायराइड और इसके कारण होने वाली समस्याओं के बारे में डॉ. ऋचा चतुर्वेदी, वरिष्ठ सलाहकार, एंडोक्रिनोलॉजी, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल (Dr Richa Chaturvedi, Senior Consultant, Endocrinology, Indraprastha Apollo Hospitals) से जानते हैं।
थायराइड की समस्या किन कारणों से होती है?- What are the Causes of Thyroid Problems
बता दें कि थायराइड की समस्या कई कारणों से हो सकती है। यह समस्या खाने में आयोडीन की कमी या ज्यादा होने, ज्यादा स्ट्रेस लेने, जेनेटिक कारण, गलत खान पान और देर रात तक जागना, डिप्रेशन की दवाएं लेना, डायबिटीज, हार्मोनल असंतुलन, गर्भावस्था के बाद शारीरिक बदलाव और वायरल इंफेक्शन की वजह से हो सकती है। आइए अब जानते हैं कि थायराइड के कारण शरीर में कौन-सी समस्याएं हो सकती हैं?
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थायराइड होने पर हो सकती हैं ये समस्याएं- These Problems Can Occur due to Thyroid
जैसा हमने आपको बताया कि थायराइड गर्दन में एक तितली के आकार की ग्लैंड है, जो मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल और ओवरऑल बॉडी फंक्शन को कंट्रोल करती है। अगर सामान्य थायराइड विकारों के बारे में बात करें, तो हाइपोथायरायडिज्म, हाइपरथायरायडिज्म, गण्डमाला, थायराइड नोड्यूल और थायराइड कैंसर की समस्या हो सकती है। आइए अब इन सभी समस्याओं के बारे में अच्छे से जान लेते हैं।
हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)
बता दें कि थायराइड ग्लैंड में हाइपोथायरायडिज्म की समस्या तब होती है, जब थायराइड हार्मोन का प्रोडक्शन कम हो जाता है। इससे व्यक्ति को थकान, वजन बढ़ना, डिप्रेशन और स्लो मेटाबॉलिज्म की समस्या हो सकती है। हाइपोथायरायडिज्म की समस्या थायरॉयडिटिस (थायराइड ग्रंथि में सूजन आने की स्थिति) नाम की ऑटोइम्यून स्थिति के कारण हो सकती है।
हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism)
हाइपरथायरायडिज्म की समस्या ज्यादा हार्मोन प्रोडक्शन की वजह से हो सकती है। इस स्थिति में वजन कम होता है, दिल की धड़कन तेज हो जाती हैं। बता दें कि हाइपरथायरायडिज्म की वजह से चिड़चिड़ापन और पसीना ज्यादा आता है। इस बीमारी का सबसे आम कारण ग्रेव्स रोग (थायराइड हार्मोन ज्यादा बनना) है, जो एक अन्य ऑटोइम्यून स्थिति है।
गण्डमाला थायराइड (Goiter Thyroid)
गण्डमाला थायराइड होने पर थायराइड ग्रंथि असामान्य रूप से बढ़ने लगती है। यह स्थिति अक्सर आयोडीन की कमी या हार्मोनल असंतुलन के कारण उत्पन्न होती है। बता दें कि गण्डमाला थायराइड को भी कई अलग भागों में बांटा जाता है।
थायराइड नोड्यूल (Thyroid Nodules)
थायराइड नोड्यूल की स्थिति में थायराइड ग्लैंड में गांठ बनने लगती है। यह गांठ कैंसरयुक्त भी हो सकती है, जिसके लिए चिकित्सा जांच की आवश्यकता बहुत जरूरी हो जाती है।
थायराइड कैंसर (Thyroid Cancer)
थायराइड कैंसर की समस्या आम नहीं है। इस स्थिति में गांठ, स्वर बैठना (Hoarseness) या निगलने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या बायोप्सी के माध्यम से इस समस्या में सुधार लाने की कोशिश की जाती है।
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थायराइड से जुड़ी अलग समस्या के लिए अलग उपचार किए जाते हैं। इन उपचारों में दवा, रेडियोएक्टिव आयोडीन या सर्जरी शामिल हैं। आप थायराइड की स्थिति से बचने के लिए नियमित जांच, आयोडीन और सेलेनियम से भरपूर बैलेंस डाइट को फॉलो कर सकते हैं। अगर आपको शरीर में थायराइड के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से सलाह लें। इस तरह आप थायराइड की समस्या से खुद को बचा पाएंगे।