
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानी होती है। शरीर के कई हिस्सों में दर्द और जकड़न भी महसूस होती है। सबसे ज्यादा शुरुआत के तीन महीनों में परेशानी होती है, जिसमें शरीर में कई परिवर्तन आते हैं। इस समय शरीर के कई हिस्सों में दर्द और व्यवहारिक परिवर्तन देखने को मिलता है। हालांकि यह सभी महिलाओं को अलग हो सकता है। लेकिन इसके अलावा आपको गर्भावस्था के दौरान किसी भी दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे परेशानी और बढ़ सकती है। दरअसल प्रेग्नेंसी में मिस्कैरेज से लेकर यूरिन इंफेक्शन तक का डर रहता है इसलिए किसी भी परेशानी को हल्के में बिल्कुल न लें। उसके बारे में सबसे पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले सामान्य दर्द के बारे में विस्तार से बता रही हैं दिल्ली की इंद्रप्रस्थ अपोल अस्पताल की गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर रंजना शर्मा।
प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली सामान्य दर्द (Common pain during Pregnancy)
1. कमर में दर्द
प्रेग्नेंसी के दौरान कमर का दर्द ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में होता है। खासकर जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर बैठना भी मुश्किल हो जाता है। महिलाएं को चलने में भी काफी पेरशानी होती है। गर्भावस्था के दौरान बैठने की स्थिति में बदलाव के कारण भी पीठ का दर्द शुरू हो सकता है। पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है और फैलने भी लगती है। इन बदलावों के अलावा वजन बढ़ने के कारण भी पीठ का दर्द शुरू हो जाता है।

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2. सिर दर्द
गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द होना आम परेशानियों में से एक है। इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसके वजह से भी सिदर्द की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में व्यवहार में बहुत जल्दी परिवर्तन होता है। अचानक महिलाओं को किसी गंध या किसी चीज को खाने के बाद भी सिरदर्द हो सकता है।
3. ब्रेस्ट दर्द
गर्भावस्था के दौरान हार्मोन परिवर्तन की वजह ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है। ब्रेस्ट का आकार बढ़ा हुआ भी महसूस हो सकता है। लेकिन इसके अलावा अगर आपको निप्पल डिस्चार्ज, तेज दर्द और स्तन में लालिमा का अनुभव करते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इससे समस्या और बढ़ सकती है।
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4. छाती में दर्द
हार्टबर्न (एसिड रिफ्लक्स या अपच) की वजह से भी प्रेग्नेंसी में छाती का दर्द हो सकता है। बढ़ते गर्भाशय के कारण और कई परिवर्तन के कारण सीने में जलन या दर्द हो सकता है। कभी-कभी कुछ ऑयली चीज खा लेने से भी सीने में जलन होने लगती है। लेकिन अगर ज्यादा दर्द हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना करें।
5. पैरों में दर्द
पैरों में दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन के कारण भी प्रेग्नेंसी में बहुत दर्द हो सकता है। दरअसल गर्भावस्था में शरीर के निचले हिस्सों में दबाव बढ़ जाता है और रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है। इस कारण भी दर्द होता है। इसके अलावा कुछ महिलाओं में कैल्शियम की कमी के कारण भी पैरों में दर्द शुरू हो जाता है। साथ ही जैसे-जैसे डिलवरी का समय नजदीक आता है, तो पैरों में ऐंठन बढ़ जाती है।

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6. जोड़ों में दर्द
प्रेग्नेंसी में हार्मोन्स रिलैक्सिन और प्रोजेस्टेरोन के रिलीज होने की वजह से जोड़ों के लिगामेंट नरम हो जाते हैं और इनमें दर्द होने लगता है। गर्भावस्था में रिलैक्सिन हार्मोन रिलीज होता है, जो लिगामेंट्स को ढीला कर देता है।
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ऐसे करें उपाय
1. प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए सबसे पहले अपने खान-पान को सही करने की जरूरत होती है क्योंकि कई बार खाना ठीक से न खाने पर भी शरीर के कई हिस्सों में दर्द शुरू हो जाता है।
2. इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान कमर दर्द को कम करने के लिए रीढ़ की हड्डी के बल बैठने की कोशिश करें ताकि कमर के दर्द में आराम मिल सके।
3. प्रग्नेंसी के दौरान हर दो घंटे में कुछ खाने-पीने की कोशिश करें ताकि शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल सके।

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4. गर्भावस्था में पेशाब भी जल्दी लगता है, तो उसे रोकने की कोशिश न करें। जब भी लगे कि पेशाब लगी है, तो वॉशरूम तुरंत जाएं।
5. गर्भावस्था में थोड़ा बहुत एक्सरसाइज भी जरूर करें। इससे शरीर हल्का महसूस करता है।
6. पैर के दर्द के लिए आप गर्म पानी से सेंक सकते हैं। साथ ही पैरों की अच्छे से मसाज भी कर सकती है ।
7. इसके अलावा कमर पर गर्म पानी से सेंक सकते हैं लेकिन पेट पर गर्म पानी का बैग न रखें।
सावधानियां
गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार के दर्द को इग्नोर न करें। ये किसी बड़ी समस्या का कारण भी हो सकता है। अगर आपके पेट में ज्यादा दर्द रहता है, तो मिस्कैरेज का कारण भी हो सकता है। यूरिन को ज्यादा देर तक रोकने से यूरिन इंफेक्शन होने की आंशका रहती है। इसके अलावा ज्यादा भारी सामान न उठाएं। सिरदर्द या कमजोरी होने पर बिना डॉक्टरी सलाह के कोई दवाई न खाएं। इससे समस्या बढ़ सकती है।
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