मुंह के किनारे में उभरा हुआ छाला या फफोले को अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं। इस समस्या को कोल्ड सोर्स कहा जाता है। इसे कोल्ड सोर्स के अलावा कई नामों जैसे- शीत घाव, ज्वरपात, फीवर ब्लिस्टर के नामों से जाना जाता है। अधिकतर लोगों को मुंह के आसपास यह समस्या होती है। लेकिन कुछ लोगों को यह नाक के नीचे और ठोड़ी पर भी उत्पन्न हो सकती है। यह समस्या आपको एक से ज्यादा बार परेशान कर सकती है। दुनियाभर के कई लोगों में यह संक्रामक वायरस देखा गया है। चलिए जानते हैं कोल्ड सोर्स के बारे में विस्तार से-
क्या कहती हैं हेल्थ एक्सपर्ट
मैक्स हॉस्पिटल की फिजीशियन डॉक्टर गुंजन मित्तल कोल्ड सोर्स हर्पीज सिम्प्लेक्स (Herpes Simplex) नामक वायरस की वजह से होता है। यह समस्या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। जरूरी नहीं है कि कोल्ड सोर्स होने पर आपको छाले, घाव या फिर फफोले नजर आए। कोल्ड सोर्स से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी का निर्माण आसानी से हो जाता है, जिसकी वजह से इसके दूसरे लक्षण देखने को नहीं मिलेते हैं। हालांकि, बहुत से लोगों को कोल्ड सोर्स की समस्या बार-बार हो सकती है।
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कोल्ड सोर्स के कारण (Cold Sores Causes)
हर्पीज सिम्पलेक्स नामक वायरस की वजह से कोल्ड सोर्स हो सकता है। यह दो तरह के वायरस होते हैं। एक है हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप-1 (HSV-1) और हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप-2 (HSV)। डॉक्टर का कहना है कि अधिकतर मामलों में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप-1 के कारण कोल्ड सोर्स होता है।
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के जरिए भी कोल्ड सोर्स हो सकता है, किस करने से, प्रभावित व्यक्ति का व्यूटी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से, तौलिए के जरिए और खानपान के कारण कोल्ड सोर्स की परेशानी हो सकती है।
कोल्ड सोर्स दोबारा कैसे होता है ट्रिगर
पहली बार कोल्ड सोर्स होने पर यह आसानी से ठीक हो जाता है। लेकिन इसका वायरस हमारी कोशिकाओं में जीवित रहता है। इस वजह से यह दोबारा विकसित हो सकता है। कोल्ड सोर्स की समस्या आपको कभी भी हो सकती है। हालांकि, इसको ट्रिगर करने वाले कुछ निम्न कारक हो सकते हैं। जैसे-
- स्ट्रेस
- थकान
- एलर्जी
- वायरल संक्रमण
- स्किन पर चोट
- हार्मोनल परिवर्तन
- कीमोथेरेपी
- माहवारी
- सनबर्न
- हवा के संपर्क में अधिक आना।

कोल्ड सोर्स के लक्षण (Cold Sores Symptoms)
कोल्ड सोर्स होने से कुछ दिन पहले से आपके होंठों और चेहरे पर जलन महसूस हो सकती है। इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना जरूरी है। ताकि इसका शुरू में ही इलाज किया जा सके। इसके अलावा आपको कुछ अन्य लक्षण महसूस हो सकते हैं। जैसे-
- होंठों के आसपान पानी से भरा लाल दाना
- बुखार
- गले में खराश
- मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
- कमजोरी
- मसूड़ों में दर्द
- लसीका ग्रंथि में सूजन
कोल्ड सोर्स का निदान (Cold Sores Diagnosis)
कोल्ड सोर्स के लक्षणों को देखकर ही इसका पता लगाया जा सकता है। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। जैसे-
- एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट
- बायोप्सी
कोल्ड सोर्स का इलाज (Cold Sores Treatment)
अधिकतर मामलों में कोल्ड सोर्स का इलाज करने की जरूरत नहीं होती है। यह समस्या बिना इलाज के ही कुछ ही दिनों में ठीक हो सकती है। हालांकि, आप डॉक्टर के सलाह को अपनाकर इसके लक्षणों को जल्द से जल्द ठीक कर सकते हैँ। इसके लिए डॉक्टर आपका निम्न तरीकों से इलाज कर सकते हैं।
दवाएं- कोल्ड सोर्स का इलाज करने के लिए डॉक्टर आपको कुछ एंटीवायोटिक्स दवाइयां लेने की सलाह दे सकते हैं।
मलहम और क्रीम- होठों के फफोलों, घाव को कम करने के लिए डॉक्टर कुछ एंटीवायरस मलहम लगाने की सलाह दे सकते हैं।
कोल्ड सोर्स का बचाव (Cold Sores Prevention)
पर्याप्त रूप से नींद लें। नींद की कमी के कारण आपकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। इसलिए इस समस्या से बचाव के लिए भरपूर नींद की सलाह दी जाती है।
- धूप के संपर्क में कम आने की कोशिश करें। बाहर जाते समय सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
- एंटीवायरस दवाओं का समय से सेवन करें।
- किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहें।
- ओरल सेक्स से बचें।
- स्ट्रेस फ्री रहने की कोशिश करें।
कोल्ड सोर्स एक सामान्य समस्या है। लेकिन इसके लक्षणों को अधिक समय तक नजरअंदाज न करें। अगर आपको लंबे समय से या फिर बार-बार कोल्ड सोर्स की समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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