एक शोध के अनुसार, जो बच्चे (विशेषकर लड़के) जल्दी मसलन 18 महीने की आयु में ही चलना, दौड़ना व उछलना-कूदना आदि शुरू कर देते हैं, जवान होने पर उनकी हड्डियों के ज्यादा मजबूत होने की संभावना होती है।
शोध के मुताबिक, इन गतिविधियों से शिशुओं की हड्डियों पर प्रभाव पड़ता है, जिससे वे देरी से चलना शुरू करने वाले बच्चों की तुलना में, ज्यादा चौड़े और मजबूत होते हैं। इस शोध के परिणामों से यह भी पता लगाया जा सकता है कि किन लोगों को आगे चलकर ऑस्टिपोरोसिस या हड्डियों में फ्रैक्चर आदि समस्याएं हो सकती हैं।
ब्रिटेन के मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधार्थी एलेक्स आयरलैंड इस संबंध में कहते हैं कि, "इस निष्कर्ष से हमें उस कड़ी के बारे में पता चला है, कि कैसे बचपन में हमारे विकास का किस प्रकार बाद में भी असर पड़ता है, जिसकी जानकारी पहले हमें नहीं थी"।
एलेक्स यह भी कहते हैं कि, ज्यादा सक्रिय होने से आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे चलने, दौड़ने, कूदने आदि के दौरान हमारी हड्डियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है और फिर उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों की मजबूती भी बढ़ती है। गौरतलब यह शोध 'जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च' में प्रकाशित किया गया है।
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