सब्यसाची मुखर्जी शायद आज के समय में बॉलीवुड के सबसे मशहूर फैशन डिजाइनर हैं। पिछले दिनों देश में हुई कुछ सबसे ग्रैंड वेडिंग्स में उनके डिजाइन किए गए लंहगों की धूम रही है। सब्यसाची ने अनुष्का और विराट कोहली की शादी के लिए ड्रेस डिजाइन की थी। इसके अलावा आकाश और श्लोका अंबानी, रणबीर सिंह और दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस की शादी के कपड़े भी सब्यसाची ने ही डिजाइन किए थे। मगर क्या आप जानते हैं कि इस शोहरत से पहले सब्यसाची मुखर्जी की जिंदगी में एक ऐसा समय भी आया था, जब वो सुसाइड करने वाले थे? जी हां, वैसे तो सब्यसाची कथित रूप से काफी इंट्रोवर्ट हैं और अपनी निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम बताते हैं। मगर पिछले दिनों मुंबई में आयोजित एक फैशन शो में उन्होंने अपनी जिंदगी और मेंटल हेल्थ से जुड़े कई राज खोले।
17 साल की उम्र में की थी खुदकुशी की कोशिश
आज सब्यसाची मुखर्जी की उम्र 45 साल है और वो पिछले 20 सालों से बॉलीवुड इंडस्ट्री में बतौर डिजायनर काम कर रहे हैं। सब्यसाची ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि जब वो 17 साल के थे वो इतने गहरे डिप्रेशन (अवसाद) में चले गए थे, कि उन्होंने एक बार आत्महत्या (सुसाइड) करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि वो प्रयास असफल रहा।
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इसके पहले इंस्टाग्राम की अपनी एक पोस्ट में सब्यसाची ने लिखा था कि, 'आज के समाज की एक बड़ी समस्या ये है कि बहुत कम लोग मेंटल हेल्थ के बारे में बात करते हैं, इसके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। युवावस्था में मैं लगभग 7 सालों तक डिप्रेशन से जूझता रहा।
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डिप्रेशन के कारण मिली थी डिजाइनर बनने की प्रेरणा
2017 में एक कंक्लेव के दौरान बताया था कि कैसे डिप्रेशन के कारण उन्हें जिंदगी की सही राह मिली। सब्यसाची कहते हैं, "डिप्रेशन ने मुझे सही सोचने-समझने की ताकत दी। अगर मैं डिप्रेशन का शिकार नहीं होता, तो भारत ने मुझे खो दिया होता और मैं आज सैन फ्रैंसिस्कों में गूगल जैसी किसी कंपनी के लिए काम कर रहा होता।"
उन्होंने आगे बताया कि क्रिएटिव लोग अक्सर सेल्फ एक्सप्रेशन की कमी से जूझते हैं। मैं एक क्रिएटिव आदमी था मगर गलत एजुकेशन सिस्टम में था। मैं मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था, इसके बाद इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मुझे असल में करना क्या है।"
पैशन ने बचा ली जिंदगी
ऐसी स्थिति के कारण ही सब्यसाची डिप्रेशन में चले गए थे और खुदकुशी की कोशिश की थी, मगर उनके पैशन ने उन्हें बचा लिए। सब्यसाची ने अपने फ्रस्टेशन को अपने कपड़ों से जाहिर करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, 'अपने अंदर के फ्रस्टेशन से निपटने में मेरी मदद की सेल्फ एक्सप्रेशन ने। मैडोना से प्रभावित होकर मैं बालों को रंगने लगा जैसे नारंगी रंग में और पिन लगी हुई फटी जींस पहनने लगा'
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डिप्रेशन के बारे में बात करने में शर्म नहीं
सब्यसाची कहते हैं कि लोगों का सपोर्ट न मिलने के कारण उन्होंने सुसाइड करने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा, 'सबसे अलग होने पर अक्सर लोगों को लगता है कि वो इकलौते हैं, जो अकेलेपन का शिकार हैं। मगर जब आप लोगों के बीच जाते हैं (उनके बारे में जानते हैं), तो आपको पता चलता है कि आप अकेले नहीं हैं (बल्कि अकेलेपन से बहुत सारे लोग जूझ रहे हैं)। मुझे लगता है अब मेंटल हेल्थ पर काफी बात हो रही है और लोगों को ऑनलाइन या ऑफलाइन ऐसे लोगों की बड़ी कम्यूनिटी मिल जाएगी।"
डिप्रेशन से लड़ने के लिए खाते हैं सब्यसाची
जब सब्यसाची से ये सवाल पूछा गया कि वो अब थकान और तनाव को कैसे हैंडल करते हैं, तो उन्होंने कहा, "ये सच है कि ये (डिप्रेशन) मेरे साथ हुआ था। मगर मैं बहुत क्रिएटिव हूं और फिलहाल मेरी जॉब से मुझे खुशी मिलती है। मगर अब अगर जब कभी ऐसी स्थिति (तनाव) आती है, तो फूड मेरे काम आता है। मैं बंगाली हूं और बंगालियों को खाना पसंद होता है और थोड़ा ज्यादा सोने से मैं ऐसी स्थिति से बाहर आ जाता हूं।"
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