What Causes Premature Aging in Women: भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं अपनी सेहत की ओर ध्यान नहीं दे पा रही हैं, जो एक चिंता का कारण बन गया है। समय से पहले महिलाओं में उम्र बढ़ने की समस्या तेजी से बढ़ने लगी हैं, जिसके पीछे मानसिक और शारीरिक कारण छिपे हुए हैं। कुछ महिलाएं कम उम्र में ही काफी बड़ी दिखने लगती हैं, या उनमें जोड़ों के दर्द, झुर्रियां, मांसपेशियों में दर्द जैसी एजिंग से जुड़ी समस्याएं समय से पहले ही शुरू हो जाती हैं। ये समस्याएं न सिर्फ महिलाओं के सेहत को प्रभावित करती हैं, बल्कि उनकी दैनिक गतिविधियों पर भी गहरा असर डालती हैं। ऐसे में आइए इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन एंड गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. नीलम सूरी से जानते हैं कि समय से पहले महिलाओं की उम्र बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं?
समय से पहले महिलाओं की एजिंग के कारण क्या है? - What Causes Premature Aging in Women in Hindi?
1. मांसपेशियों की कमी
मांसपेशियों में कमी, जिसे सरकोपेनिया कहा जाता है, उम्र बढ़ने के साथ होना नॉर्मल है, लेकिन कई महिलाओं में ये समस्या जल्दी देखने को मिल सकती है, खासकर अगर वे कम शारीरिक गतिविधियां करती हैं या पोषण की कमी है। मांसपशियों की कमी के कारण शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है, जिसस गिरने और चोट लगन का जोखिम बढ़ जाता है। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल में कम होने क कारण मांसपेशियों में कमी हो सकती है। साथ ही, प्रोटीन की कमी, एक्सरसाइज न करना और तनाव भी मांसपेशियों की कमी की प्रक्रिया को तेज कर सकता है।
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2. कमजोर जोड़ें और सूजन
जोड़ों में दर्द और सूजन महिलाओं में समय से पहले बुढ़ापे के आम संकेत हैं। इसे आर्थराइटिस या जोड़ो की सूजन के रूप में भी जाना जाता है, जो मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण बढ़ सकता है। इतना ही नहीं, खराब लाइफस्टाइल, ज्यादा वजन, या जेनेटिक कारणों स भी जोड़ों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। जोड़ों में सूजन के कारण दर्द, अकड़न और चलने-फिरने में मुश्किल हो सकती है, जिससे आपके दैनिक गतिविधियों पर भी असर पड़ता है।
3. मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव
मेनोपॉज महिलाओं की लाइफ का एक अहम चरण होता है, लेकिन इसके साथ ही हार्मोनल बदलाव उनके शरीर पर गहरा असर डालता है। एस्ट्रोजन और प्रोजस्टेरोन हार्मोन के स्तर मं गिरावट के कारण हड्डियों की घनत्व कम हो जाती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है। इस अवधि में नींद न आने की समस्याएं, मूड स्विंग्स, वजन बढ़ना, और स्किन की इलास्टिसिटी में कमी जैसे लक्षण नजर आते हैं। ये सभी समस्याएं महिलाओं में एजिंग के संकेतों को तेज कर सकते हैं।
4. लाइफस्टाइल और तनाव
आज के समय में महिलाओं की लाइफस्टाइल और लगातार तनाव भी समय से पहले एजिंग का कारण बन सकता है। अनहेल्दी डाइट, नींद की कमी, स्मोकिंग, शराब का सेवन और मानसिक तनाव शरीर के बुढ़ापे की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। खराब लाइफस्टाइल से शरीर में सूजन, एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी, और हार्मोनल असंतुलन बढ़ता है, जिससे एजिंग के लक्षण ज्यादा साफ नजर आने लगते हैं।
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निष्कर्ष
समय से पहले बुढ़ापे के लक्षण जैसे मांसपेशियों में कमजोरी, जोड़ों में सूजन, हार्मोनल बदलाव और लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं इसके अहम कारण होते हैं। इसलिए, महिलाओं को समय से पहले एजिंग की समस्या से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए, नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए।
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