
रात के समय किसी भी तरह की परेशानी हमारी नींद को प्रभावित करती है। रात के समय जब पीठ या कूल्हे में दर्द होता है तो व्यक्ति को न चाहते हुए भी उठकर बैठना पड़ता है। जिसका असर हमारी दिनचर्या व कार्यशैली पर पड़ता है। कूल्हे में दर्द की वजह से नींद नहीं आती है, जिसकी वजह से व्यक्ति को थकान महसूस होती है और उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है। कूल्हे में दर्द होने के कई कारण होते हैं। कई बार सही तरह से न सोने की वजह से भी कूल्हे में दर्द होने लगता है। आगे जानते हैं उन कारणों के बारे में जिनकी वजह से आपको कूल्हे में दर्द की समस्या होती है और इन्हें कैसे ठीक कर सकते हैं।
रात के सयम में कूल्हे में दर्द होने के कारण
रात में नींद के समय कूल्हे में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। इसके कारणों को जानने के बाद आप डॉक्टरी इलाज व सोने की गलत आदतों में बदलाव कर इसे कम कर सकते हैं।
सोने की गलत पोजीशन
अगर आपको रात के समय कूल्हे का दर्द लगातार हो रहा है तो ऐसे में आपको सबसे पहले अपने सोने के तरीके और गद्दे के बारे में विचार करना चाहिए। कई मामलों में सोने की गलत आदत व गद्दे का ज्यादा मोटा व सख्त होने की वजह से लोगों को कूल्हे में दर्द होने लगता है। अगर आप पीठ के बल पर सोते हैं तो करवट लेकर सोने की आदत डालें। यदि करवट लेते समय कूल्हे में दर्द हो रहा हो तो पैरों के बीच में तकिया लेकर सोने से भी आराम मिलता है।
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बर्साइटिस
कूल्हें की हड्डी व अन्य जोड़ों के आसपास द्रव से भरी थैलियां होती है, जो चलने में हड्डियों को सहारा देती है। इन थैलियों को बर्सा (Bursae) कहते हैं। जब द्रव में सूजन आती है तो बर्साइटिस हो जाता है। इस समस्या में व्यक्ति को कूल्हे के बाहर व जांघ के ऊपरी हिस्से में दर्द होने लगता है। इसके अलावा व्यक्ति को कूल्हे को छूने में भी दर्द महसूस होता है। रात को सोते समय जब व्यकित लेटता है तो यह दर्द बढ़ जाता है।
कूल्हे का ऑस्टियोआर्थराइटिस
ऑस्टियोआर्थराइटिस कूल्हे में एक प्रकार का गठिया होता है। लेकिन इसके अलावा भी अन्य तरह के गठिया रात को सोते समय कूल्हे में दर्द का कारण हो सकते हैं। रूमेटाइट अर्थराइटिस, सोरियाटिक अर्थराइटिस और सेप्टिक अर्थराइटिस भी कूल्हे में दर्द की वजह होते हैं। कूल्हे में गठिया होने पर जांघों व घुटनों पर भी दर्द होने लगता है। इसके अलावा कुर्सी से उठते समय, नीचे बैठते हुए व धीरे-धीरे चलते समय भी व्यक्ति को दर्द महसूस होता है।
टेंडोनाइटिस (Tendonitis)
टेंडन शरीर की मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ते हैं, जिसकी वजह से मूवमेंट आसानी से होती है। कूल्हे में टेंडोनाइटिस (Hip Tendonitis) तब होता है जब कूल्हे के टेंडन में सूजन हो जाती है।
प्रेगनेंसी की वजह से
प्रेगनेंसी में महिलाओं के स्पाइन और कूल्हे पर दबाव पड़ता है। तीसरी तिमाही के दौरान महिलाओं को ये दबाव महसूस होता है। इस समय महिलाओं को पीठ और पेट को सपोर्ट देने वाली बेल्ट पहननी चाहिए। इसकी वजह से महिलाओं को सायटिक पेन होने की संभावना कम हो जाती है।
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रात के समय कूल्हे में दर्द होने पर क्या करें?
यदि आपको कूल्हें में लगातार दर्द हो रहा हो तो आप नीचे बताए गए उपायो को आजमा सकते हैं।
- सोने की पोजीशन में बदलाव करें
- करवट लेकर सोने की आदत डालें
- पैरों के बीच में तकिया रखकर सोने से आराम मिलता है।
- सिर के नीचे एक से अधिक तकिया रख सकते हैं।
- दर्द ज्यादा तेज हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।