आज की तेज रफ्तार जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। कई बार ये समस्याएं इतनी सूक्ष्म होती हैं कि हमें पता ही नहीं चलता कि व्यक्ति किसी मानसिक विकार से जूझ रहा है। ऐसी ही एक स्थिति है ओब्सेसिव-कंपल्सिव पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Obsessive-Compulsive Personality Disorder - OCPD)। यह OCD (Obsessive Compulsive Disorder) से अलग होता है, लेकिन नाम की समानता के कारण लोग अक्सर इन्हें एक जैसा समझ लेते हैं। इस लेख में डॉ. पार्थ नागडा कंसल्टेंट मनोचिकित्सक कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल (Dr. Parth Nagda, Consultant, Psychiatry, Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital Navi Mumbai) और शर्ली राज, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, एमपावर दिल्ली, आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट, (Shirley Raj, Clinical Psychologist, Mpower Delhi, Aditya Birla Education Trust) विस्तार से समझेंगे कि OCPD क्या है, इसके क्या कारण हो सकते हैं और इसके मुख्य लक्षण कौन-कौन से होते हैं।
OCPD क्या है?
OCPD एक प्रकार का पर्सनालिटी डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति का व्यवहार अत्यधिक परफेक्शनिज्म (Perfectionism), अनुशासन और नियंत्रण की ओर झुकाव वाला होता है। ऐसा व्यक्ति हर चीज को नियम, आदेश और परंपराओं के अनुसार करना चाहता है और जब चीजें उसकी योजना के अनुसार नहीं होतीं, तो वह तनाव, चिड़चिड़ापन और गुस्से में आ जाता है। यह एक स्थायी व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाता है और व्यक्ति अपने रिश्तों, करियर और रोजमर्रा की जिंदगी में लचीलापन खो देता है।
OCPD के कारण - Causes of OCPD in Hindi
OCPD के सटीक कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारक हो सकते हैं। आगे जानते हैं इनके बारे में।
जेनेटिक कारण (Genetic Factors)
यह देखा गया है कि जिन लोगों के परिवार में पहले किसी को पर्सनालिटी डिसऑर्डर रहा है, उनमें OCPD की संभावना अधिक होती है। अनुवांशिक रूप से व्यक्तित्व पर असर डालने वाले हार्मोन और न्यूरोट्रांसमिटर्स (जैसे सेरोटोनिन) के असंतुलन से यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
पर्यावरणीय कारण (Environmental Factors)
बचपन में अत्यधिक अनुशासन या कठोर पालन-पोषण वाले माहौल में पलने वाले बच्चों में OCPD विकसित हो सकता है। अगर बच्चे को छोटी-छोटी गलतियों के लिए ज्यादा सज़ा दी गई हो या अत्यधिक परफेक्शन की उम्मीद रखी गई हो, तो यह मानसिक रूप से उस पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
व्यक्तिगत अनुभव (Personal Experiences)
असुरक्षित बचपन, लगातार आलोचना, या भावनात्मक उपेक्षा जैसे अनुभव OCPD को जन्म दे सकते हैं। व्यक्ति अपने जीवन को नियंत्रण में रखने की एक कोशिश में अत्यधिक अनुशासित और कठोर बन जाता है।
OCPD के लक्षण - Symptoms of OCPD in Hindi
OCPD के लक्षण आम जीवन में सामान्य लग सकते हैं, लेकिन इनका प्रभाव व्यक्ति के सोचने और व्यवहार करने के तरीके पर गंभीर रूप से पड़ता है।
अत्यधिक परफेक्शनिज्म
OCPD से ग्रसित व्यक्ति हर काम को “एकदम सही” करना चाहता है। अगर चीजें उसकी उम्मीद के मुताबिक नहीं होतीं, तो वह उस काम को अधूरा छोड़ सकता है। यह परफेक्शन की भावना इतनी अधिक होती है कि व्यक्ति छोटी-छोटी चीजों में भी घंटों समय बर्बाद कर देता है।
लचीलापन की कमी
ऐसे व्यक्ति के लिए नियम, अनुशासन और नियंत्रण सबसे जरूरी होते हैं। वे अपने विचारों और तरीकों को बदलने के लिए तैयार नहीं होते, भले ही स्थिति कुछ भी हो।
भावनाओं को दबाना
OCPD वाला व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाता। वह भावुकता को कमजोरी मानता है और ठंडे, कठोर स्वभाव का बन जाता है।
किसी के साथ काम करने में कठिनाई
टीमवर्क, साझेदारी या दूसरों के साथ सहयोग करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि वे हर चीज को “अपने तरीके” से करना चाहते हैं। वे दूसरों को नियंत्रण में रखना पसंद करते हैं।
अनावश्यक रूप से चीजों को बचाकर रखना
पुराने बिल, टूटी चीजें या बेकार सामान को फेंकने में झिझक होती है। उन्हें लगता है कि कभी न कभी यह उपयोगी हो सकता है।
काम को ही जीवन समझना
OCPD से पीड़ित व्यक्ति के लिए काम ही सबसे अहम होता है। वह दोस्तों, परिवार और मनोरंजन को भी महत्व नहीं देता।
OCPD का इलाज और मैनेज करने का तरीका - OCPD Treatment And Manage in Hindi
OCPD का इलाज संभव है, लेकिन यह लंबा और धैर्यपूर्ण होता है। इसमें निम्नलिखित तरीके उपयोगी होते हैं।
साइकोथेरेपी (CBT)
कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी से व्यक्ति को अपने व्यवहार और सोच के तरीके को पहचानने और बदलने में मदद मिलती है।
मेडिकेशन
कुछ मामलों में एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं दी जाती हैं, खासकर अगर चिंता या डिप्रेशन भी साथ हो।
सपोर्ट ग्रुप्स की मदद लेना
काउंसलिंग और फैमिली सपोर्ट से व्यक्ति को सामाजिक व्यवहार सुधारने में मदद मिलती है।
इसे भी पढ़ें: मानसिक बीमारी की शुरुआत में दिखते हैं ये लक्षण, समय पर पहचान कर जरूर लें इलाज
ओब्सेसिव-कंपल्सिव पर्सनालिटी डिसऑर्डर एक गंभीर लेकिन कम पहचाना जाने वाला मानसिक विकार है। इसका सही समय पर पहचान और इलाज न केवल व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकता है, बल्कि उसके रिश्तों और करियर को भी संतुलित बना सकता है। यदि आपके आस-पास कोई ऐसा व्यक्ति है जो हर चीज में अत्यधिक परफेक्शन, कठोरता और नियंत्रण दिखा रहा है, तो संवेदनशीलता और समझदारी से मदद करने की कोशिश करें।
FAQ
कैसे पता चलेगा कि हमें मानसिक बीमारी है?
किसी व्यक्ति के विचारों, मनोदशा या व्यवहार में भारी बदलाव इस बात का संकेत हो सकता है कि उसे मानसिक बीमारी है।मानसिक बीमारी के 5 लक्षण क्या हैं?
लगातार उदासी बने रहना, अत्यधिक चिंता या बेचैनी, नींद संबंधी गड़बड़ी (अनिद्रा या अधिक सोना), सामाजिक गतिविधियों से बचना, और फोकस करने या निर्णय लेने में कठिनाई आदि मानसिक बीमारी के संकेत हो सकते है।तनाव को दूर करने के लिए क्या कर सकते हैं?
तनाव को दूर करने के लिए आप नियमित मेडिटेशन, योग, प्राणायाम का अभ्यास करें। यह आपको मानसिक शांति प्रदान करने में मदद करतें हैं।