Do Endometriosis Cause Weight Gain In Hindi: एंडोमेट्रियोसिस, महिलाओं में होने वाली एक बीमारी है। एंडोमेट्रियोसिस होने पर यूट्रस की इंटरनल लाइनिंग के समान ही इसके बाहर टिश्यूज ग्रो करने लगती हैं। यह बहुत ही दर्दभरा अहसास होता है। इसे मैनेज करना काफी मुश्किल होता है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिला के पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं, दो पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग या ब्लीडिंग हो सकती है और पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द हो सकता है। यही नहीं, एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिल के लिए कंसीव करना भी चुनौतिपूर्ण हो जाता है। बहरहाल, एंडोमेट्रियोसिस इतनी गंभीर समस्या है, तो क्या इसका बुरा प्रभाव महिला के बढ़ते वजन पर भी देखने को मिलता है? आइए, जानते हैं Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है।
क्या एंडोमेट्रियोसिस के कारण वजन बढ़ सकता है?- Can Endometriosis Cause Weight Gain In Hindi
जैसा कि कुछ देर पहले ही जिक्र किया है कि एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिला के पीरियड्स प्रभावित होने लगते हैं। ध्यान रखें कि जब महिला के पीरियड्स रेगुलर नहीं होते हैं, तो इसका नेगेटिव असर हार्मोंस पर पड़ता है। अनियमित पीरियड्स के कारण एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में तेजी से फ्लक्चुएशन देखने को मिलता है। विशेषज्ञों की मानें, जब एंडोमेट्रियोसिस में हार्मोन का स्तर बदलने लगता है, तो इसकी वजह से कई तरह की शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। इसका प्रभाव महिला के बढ़ते वजन पर भी पड़ता है। हालांकि, एंडोमेट्रियोसिस और मोटापे का सीधा कनेक्शन नहीं है। लेकिन, एंडोमेट्रियोसिस की वजह से महिला को ब्लोटिंग और फ्लूइड रिटेंशन की दिक्कत हो जाती है। ऐसे में वेट गेन होने का जोखिम रहता है।
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एंडोमेट्रियोसिस वजन को कैसे प्रभावित करता है?
इनएक्टिव लाइफस्टाइल
एंडोमेट्रियोसिस के कारण अक्सर महिला बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी से भर जाती है। जब महिला थकान और कमजोरी महसूस करती है, तो ऐसे में उन्हें एक्सरसाइज करने का मन नहीं करता है। जब महिला लंबे समय तक एक्सरसाइज नहीं करती है यानी इनएक्टिव लाइफस्टाइल अपनाती है, तो इसका बुरा प्रभाव उनके बढ़ते वजन पर पड़ता है।
ब्लोटिंग
एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित कई महिलाएं ब्लोटिंग और वॉटर रिटेंशन की दिक्कत का भी सामना करती हैं। इस स्थिति को एंडो बेली भी कहा जाता है। ऐसी परेशानी होने पर पेट में सूजन महसूस होता है, जो मोटापे के बढ़ने जैसा महसूस होता है।
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थेरेपी का असर
कई बार एंडोमेट्रियोसिस से निपटने के लिए कई हार्मोन थेरेपी की मदद लेती हैं। हार्मोन थेरेपी महिला के लिए सहज स्थिति पैदा नहीं करते हैं। जबकि, एंडोमेट्रियोसिस भी अपने आपमें गंभीर स्थिति हैं और कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करते हैं। इसकी वजह से एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, जिससे वजन में निरंतर बदलाव देखने को मिलते हैं। इसके अलावा, एंडोमेट्रियोसिस में ली जाने वाली दवाईयां भी मोटापे के कारकों में से एक हैं।
FAQ
एंडोमेट्रियोसिस से आपका वजन कितना बढ़ता है?
एंडोमेट्रियोसिस के कारण हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं। जब किसी महिला को एंडोमेट्रियोसिस हो जाता है, तो इस स्थिति में महिला में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकते हैं। यह स्थिति महिला के लिए और भी खराब होती है। इससे काफी ज्यादा वजन बढ़ सकता है। हालांकि, कितना वजन बढ़ सकता है, इसका सटीक उत्तर नहीं है।क्या पीरियड की वजह से वजन बढ़ सकता है?
पीरियड्स से पहले और इस दौरान वजन बढ़ना सामान्य होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस समयावधि में महिलाओं में हार्मोन फ्लक्चुएशन होते हैं, जिससे पेट फूलना, वॉटर रिटेंशन, सूजन आदि समस्याएं होने लगती है। इसके कारण वजन भी बढ़ सकता है।क्या सूजन वजन बढ़ा सकती है?
अगर किसी को क्रॉनिक स्वेलिंग है, तो इसकी वजह से मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है। ऐसे में वजन घटाना एक चैलेंज हो जाता है। इसका मतलब है कि सूजन वजन बढ़ा सकती है।